जाम हो गया है UN, सुधार की सख्त जरूरत... जयशंकर के भाषण की 10 खास बातें

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Last Updated:September 28, 2025, 05:56 IST

S Jaishankar Speech in UN: संयुक्त राष्ट्र संघ के 80वें बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ऐतिहासिक भाषण दिया. उन्होंने अपने भाषण में विश्व में जारी संकट को हाईलाइट करते हुए रक्षा परिषद में स्थाई और अस्थाई दोनों की सदस्यता के विस्तार पर जोर दिया. उन्होंने अपने भाषण में कहा कि भारत अधिक जिम्मेदारी संभालने के लिए तैयार है.

जाम हो गया है UN, सुधार की सख्त जरूरत... जयशंकर के भाषण की 10 खास बातेंयूएन में विदेश मंत्री एस जयशंकर.

S Jaishankar UN Speech 10 Points: भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शनिवार को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएन एसेंबली) के 80 वें सत्र को संबोधित किया. इस संबोधन के दौरान उन्होंने संयुक्त राष्ट्र की जिम्मेदारी और अस्तित्व पर बात की. उन्होंने कहा कि विश्व में जारी संकट को देखते हुए इसमें सुधार और विस्तार की जरूरत है. उन्होंने संबोधन में बताया कि विश्व में बढ़ती समस्याओं के बीच यूएन में स्थाई और अस्थाई सदस्यों की संख्या में विस्तार की जरूरत है. साथ ही उन्होंने बताया कि भारत अधिक जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार है. उन्होंने अपने भाषण में अप्रत्यक्ष रूप से भारत के स्थाई सदस्यता की मांग की. चलिए उनके भाषण के 10 महत्वपूर्ण बातों पर नजर डालते हैं.

अध्यक्ष महोदया, महामहिम, देवियो और सज्जनों, भारत की जनता की ओर से नमस्कार. इस अद्वितीय संस्था की स्थापना के आठ दशक बाद हम यहां एकत्रित हुए हैं. संयुक्त राष्ट्र चार्टर हमसे न केवल युद्ध रोकने, बल्कि शांति स्थापित करने; न केवल अधिकारों की रक्षा करने, बल्कि प्रत्येक मानव की गरिमा को बनाए रखने का आह्वान करता है. यह हमें अच्छे पड़ोसी के रूप में खड़े होने, अपनी शक्ति को एकजुट करने की चुनौती देता है ताकि आने वाली पीढ़ियों को न्याय, प्रगति और स्थायी स्वतंत्रता का विश्व विरासत में मिले.

संयुक्त राष्ट्र की स्थापना के बाद से इतिहास द्वारा प्रेरित शक्तियों ने इस संस्था को आगे बढ़ाया है. जैसे-जैसे उपनिवेशवाद का अंत हुआ, दुनिया अपनी प्राकृतिक विविधता की ओर लौटने लगी, संयुक्त राष्ट्र की सदस्यता चौगुनी हो गई और संगठन की भूमिका और कार्यक्षेत्र में बहुत वृद्धि हुई.

वैश्वीकरण के युग में, इसका एजेंडा और भी विकसित हुआ. विकास लक्ष्य केंद्र में आ गए, जबकि जलवायु परिवर्तन एक साझा प्राथमिकता के रूप में उभरा. व्यापार को अधिक महत्व मिला, जबकि खाद्य और स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच को वैश्विक कल्याण के लिए आवश्यक माना गया. जहां तक सुरक्षा का सवाल है, संयुक्त राष्ट्र ने शांति स्थापना अभियान चलाए और निरस्त्रीकरण पर चर्चाओं को बढ़ावा दिया. इसके परिणामस्वरूप, संयुक्त राष्ट्र प्रमुख वैश्विक मुद्दों पर बहस करने का एक स्वाभाविक मंच बन गया.

अध्यक्ष महोदया, आज हमें खुद से पूछना चाहिए: संयुक्त राष्ट्र अपेक्षाओं पर कितना खरा उतरा है? और दुनिया की स्थिति पर गौर कीजिए. दो महत्वपूर्ण संघर्ष चल रहे हैं - एक यूक्रेन में, और दूसरा मध्य पूर्व/पश्चिम एशिया में. अनगिनत अन्य संवेदनशील मुद्दे तो खबरों में भी नहीं आते. सतत विकास लक्ष्य एजेंडा 2030 की धीमी प्रगति एक दुखद तस्वीर पेश कर रही है.

जलवायु परिवर्तन के मामले में, वास्तविकता बार-बार दोहराई जाने वाली प्रतिबद्धताओं और रचनात्मक लेखांकन की है। अगर जलवायु कार्रवाई पर ही सवाल उठाए जाएँगे, तो जलवायु न्याय की क्या उम्मीद है? जब 'सदी में एक बार' आने वाली महामारी ने हम पर हमला किया, तो हमने टीकों और यात्रा तक पहुँच में खुला भेदभाव देखा.

Deep Raj Deepak

दीप राज दीपक 2022 में न्यूज़18 से जुड़े. वर्तमान में होम पेज पर कार्यरत. राजनीति और समसामयिक मामलों, सामाजिक, विज्ञान, शोध और वायरल खबरों में रुचि. क्रिकेट और मनोरंजन जगत की खबरों में भी दिलचस्पी. बनारस हिंदू व...और पढ़ें

दीप राज दीपक 2022 में न्यूज़18 से जुड़े. वर्तमान में होम पेज पर कार्यरत. राजनीति और समसामयिक मामलों, सामाजिक, विज्ञान, शोध और वायरल खबरों में रुचि. क्रिकेट और मनोरंजन जगत की खबरों में भी दिलचस्पी. बनारस हिंदू व...

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First Published :

September 28, 2025, 05:56 IST

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