Last Updated:April 09, 2025, 09:47 IST
MBBS Story: अगर आप मेहनत पूरी ईमानदारी के साथ करते हैं, तो उसे सफल होने से कोई नहीं रोक सकता है. ऐसी ही कहानी दो जुड़वां बहनों की है, जिन्होंने मेडिकल की परीक्षा में बेहतरीन परफॉर्म किया है.

NEET MBBS Story: जुड़वां बहनों ने कमाल कर दिया है.
MBBS Story: कहा जाता है कि अगर आप मेहनत सही जगह और ईमानदारी से करते हैं, तो किसी भी चीज में सफल होने से कोई नहीं रोक सकता है. ऐसी ही सफलता की कहानी लिखने वाली दो जुड़वां बहनों की है. उन्होंने एमबीबीएस की फाइनल परीक्षा में समान अंक प्राप्त कर एक बेहतरीन उपलब्धि हासिल की हैं. दोनों बहनों के अंक 935 (66.8%) रहे और वे अपनी इस विशेष सफलता का जश्न गर्व के साथ मना रही हैं. हम जिन दो जुड़वा बहनों की बात कर रहे हैं, उनका नाम रीबा (Riba) और राहिन हफीजी (Rahin Hafezji) है.
MBBS में रहा शानदार परफॉर्मेंस
एमबीबीएस की फाइनल परीक्षा में शानदार परफॉर्म करने वाली रीबा और राहिन हफीजी मूल रूप से सूरत की रहने वाली है. वडोदरा के जीएमईआरएस मेडिकल कॉलेज में अध्ययन करने वाली इन 24 वर्षीय बहनों की शैक्षणिक यात्रा और जीवन के निर्णय हमेशा एक-दूसरे के समान रहे हैं. उनकी सफलता के पीछे सिंगल मदर और टीचर गुलशाद बानू का कठिन संघर्ष और समर्पण है, जिन्होंने अपनी बेटियों को आर्थिक कठिनाइयों के बावजूद कभी अपने सपनों से दूर नहीं होने दिया.
बिना कोचिंग क्रैक किया NEET UG
रीबा और राहिन ने बिना कोचिंग के मेडिकल प्रवेश परीक्षा NEET-UG में शानदार परफॉर्म किया था. इस परीक्षा में जहां रीबा ने 97वें प्रतिशत अंक प्राप्त किए, वहीं राहिन ने 97.7 प्रतिशत अंक प्राप्त किए. अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद दोनों बहनें अब एक ही पीजी कॉलेज में प्रवेश लेने की योजना बना रही हैं. राहिन बताती हैं कि हम हमेशा अपनी परीक्षाओं की तैयारी एक साथ करते थे, इसलिए हमारे अंक हमेशा समान होते थे.
जीएमईआरएस मेडिकल कॉलेज से की MBBS की पढ़ाई
वर्ष 2019 में जीएमईआरएस मेडिकल कॉलेज का चयन करने के बाद दोनों बहनें एक ही छात्रावास के कमरे में रहती थीं और एक साथ कक्षाएं लेती थीं. उन्होंने कहा कि वे चाहती थीं कि वे एक-दूसरे के साथ रहें और इसलिए इस कॉलेज को चुना, जो सूरत के पास था और साथ ही बाहर रहने का भी अच्छा अवसर था. रीबा और राहिन अपनी सफलता का श्रेय अपनी मां और नाना-नानी को देती हैं, जिन्होंने हमेशा उनका साथ दिया और उन्हें लगातार प्रेरित किया. राहिन कहती हैं कि हमने कई उतार-चढ़ाव देखे, लेकिन हमारी मां और दादा-दादी हमेशा हमारे साथ खड़े रहे.
दोनों बहनें अब करना चाहती है ये काम
दोनों जुड़वां बहनें रीबा और राहिन एमबीबीएस की डिग्री हासिल करने के बाद वह अपने पोस्ट ग्रेजुएट की शिक्षा जारी रखना चाहती हैं. राहिन ने प्रसूति और स्त्री रोग में विशेषज्ञता लेने की इच्छा जताई जबकि रीबा का रुचि इंटरनल मेडिसिन में है. दोनों बहनें पोस्ट ग्रेजुएट एजुकेशन के लिए उसी कॉलेज में एडमिशन लेना चाहती हैं. रीबा और राहिन सिंधी जमाती समुदाय की उन चुनिंदा महिलाओं में से हैं जिन्होंने मेडिकल फील्ड में ग्रेजुएशन किया है. वे अपने समुदाय के समर्थन को स्वीकार करती हैं और अपने मार्गदर्शकों के योगदान को मान्यता देती हैं.
इन जुड़वां बहनों की यात्रा ने यह साबित किया है कि कठिनाइयां सफलता की ओर रास्ता नहीं रोक सकतीं है. यदि परिवार और समुदाय का सही समर्थन मिले, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं होता.
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First Published :
April 09, 2025, 09:45 IST