Last Updated:April 09, 2025, 11:04 IST
Nirmala Sitharaman On Tariff War: डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर टैरिफ बढ़ाया, जिससे वैश्विक मंदी की आशंका है. भारत वेट एंड वॉच की रणनीति अपना रहा है. इस बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस समस्या से निपटने का अचूक...और पढ़ें

निर्मला सीतारमण ने टैरिफ वार का अचूक उपाय बताया है.
हाइलाइट्स
भारत वेट एंड वॉच की रणनीति अपना रहा है.भारत और ब्रिटेन के बीच व्यापार समझौता आगे बढ़ रहा है.दुनिया मल्टीपोलर और बिखरी हुई है.अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दुनिया में टैरिफ वार छेड़ रखा है. इस मसले पर चीन और अमेरिका बिल्कुल आर-पार के मूड में दिख रहे हैं. ट्रंप ने एक बार फिर चीन पर टैरिफ बढ़ा दिया है. उसके खिलाफ अब अमेरिकी टैरिफ 104 फीसदी हो गया है. भारत के खिलाफ अमेरिका ने 26 फीसदी टैरिफ लगाया है. ट्रंप ने अपने सबसे करीबी देशों ब्रिटेन, कनाडा और यूरोपीय संघ के देशों को भी राहत नहीं दी है. ऐसे में दुनिया में एक तरह से हाहाकार मचा हुआ है. दुनिया भर के शेयर बाजारों में बीते कुछ दिनों से लगातार गिरावट का दौर है. कई जानकार आने वाले वक्त में वैश्विक मंदी की भी आशंका जता रहे हैं.
ऐसी परिस्थिति में भारत क्या कर रहा है? यह सवाल पूछा जाना लाजिमी है. जानकार बता रहे हैं कि भारत अभी वेट एंड वॉच की रणनीति पर चल रहा है. वह अभी यह देख रहा है कि ट्रंप का ये ट्रैरिफ वार किस दिशा में जा रहा है. वह बहुत संयमित प्रतिक्रिया दे रहा है. लेकिन, अंदर की खाने अचूक रणनीति पर भी काम चल रहा है. सरकार हाथ पर हाथ रखकर नहीं बैठी है. हालांकि, वह इस बात के बारे में अभी ढोल नहीं पीट रही है.
दुनिया मल्टीपोलर
इस बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक बड़ी बात कही है. उन्होंने कहा है कि मौजूदा दुनिया मल्टीपोलर और बिखरी हुई है. ऐसे में अलग-अलग देश द्विपक्षीय समझौतों की ओर बढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि भारत और ब्रिटेन के बीच व्यापार समझौता आगे बढ़ रहा है. उम्मीद है कि इसे जल्दी पूरा किया जाएगा. हालांकि उन्होंने इस बात से स्पष्ट तौर पर इनकार किया कि ऐसा डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ वार के कारण किया जा रहा है.
निर्मला सीतारमण ने लंदन में भारतीय हाईकमिशन में आयोजित एक कार्यक्रम में यह बात कही. सीतरमण इस वक्त लंदन में हैं. वह 13वें इंडिया-यूके इकोनॉमिक एंड फाइनेंशियल डायलॉग में भाग लेने लंदन गई हैं. उन्होंने कहा कि आज दुनिया बिखर रही है. वह मल्टीपोलर बन रही है. इसके साथ ही बहुपक्षीय संस्थाएं कमजोर हो रही हैं. इस कारण दुनिया के देश अपने द्विपक्षीय रिश्तों पर जोर दे रहे हैं.
उन्होंने आगे कहा कि हर रोज वैश्विक अस्थिरता में बढ़ोतरी हो रही है. ऐसे में कोई भी देश अपनी नीति में इस बदलती दुनिया की जरूरतों को पूरा नहीं कर पाएगा. इसका एक ही उपाय है द्विपक्षीय समझौते. बातचीत से ही आगे बढ़ा जा सकता है. उन्होंने आगे कहा कि जब आप द्विपक्षीय समझौतों की ओर बढ़ते हैं तो किसी गुट या ब्लॉक का कोई मतलब नहीं रह जाता.
First Published :
April 09, 2025, 11:04 IST