Russia and China to hold joint naval exercise: चीन ने एक बार फिर अपने इरादे जताते हुए अमेरिका (China Vs US) को दो टूक चेतावनी दी है. चीनी रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने पेंटागन को आंख दिखाते हुए चीन, ईरान और रूस की नौसेनाओं के आगामी संयुक्त सैन्य अभ्यास का ऐलान किया है. हाल ही में अमेरिका को आखिर तक लड़ने की चेतावनी दे चुके बीजिंग के अफसरों ने कहा, 'सिक्योरिटी-2025' नाम की ये मिलिट्री एक्सरसाइज ईरानी बंदरगाह चाबहार के निकटवर्ती क्षेत्रों में आयोजित होगी.
नये समीकरण रच रहा चीन
मार्च की शुरुआत से ही इसकी रूपरेखा बन रही थी. मार्च के मध्यान्ह तक चीन, ईरान और रूस तीनों देशों की नौसेनाएं के 'सुरक्षा बांड 2025 (सिक्योरिटी बॉन्ड 2025)' संयुक्त अभ्यास का आयोजन करेंगी. इस दौरान एक दूसरे से बॉन्डिंग बनाने पर फोकस रहेगा. इस संयुक्त अभ्यास को ईरानी बंदरगाह चाबहार के निकट आयोजित करके अमेरिका को एक कूटनीतिक संदेश दिया गया है. इस सैन्य अभ्यास के दौरान समुद्री लक्ष्यों पर हमला, जांच और गिरफ्तारी, क्षति नियंत्रण और संयुक्त खोज एवं बचाव जैसे विभिन्न विषयों पर मुख्य रूप से अभ्यास किया जाएगा.
अमेरिका को लगेगी मिर्ची!
जियो पॉलिटिक्स और मिडिल ईस्ट की बात करें तो हर जगह चीन का दखल बढ़ रहा है. चीन, लगातार अमेरिका की सुपरपावर को चुनौती दे रहा है. चीन के रूस से अच्छे संबंध रहे हैं. ईरान-अमेरिका की अदावत वैसे भी पुरानी है. ऐसे में इस संयुक्त सैन्य अभ्यास जिसमें इरान और चीन की नौसेना साथ होगीं चीन के विध्वंसक युद्धपोत होंगे उसी के बगल में खड़े रूसी युद्धपोतों को देखकर ट्रंप को अच्छा फील नहीं आएगा.
इस संयुक्त अभ्यास का उद्देश्य भाग लेने वाले देशों के सशस्त्र बलों के बीच आपसी सैन्य विश्वास और व्यावहारिक सहयोग को मजूबत करना है. चीन इस अभ्यास में भाग लेने के लिए 47वें एस्कॉर्ट बेड़े के विध्वंसक जहाज 'बाओटोउ' और व्यापक आपूर्ति जहाज 'गाओयोहू' को भेजेगा. (इनपुट IANS चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)