Russia Ukraine War: रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म कराने के नाम पर लोग तमाम वैश्विक नेता अपनी-अपनी दुकान चला रहे हैं. मानो सब बहती गंगा में हाथ धोते हुए अपनी फीस या एक्सटॉर्शन मनी वसूल रहे हैं. इससे पहले 3 साल तक आधी मैनपावर और आधा पेट भोजन करने वाला यूक्रेन, रूस को नाको चने चबवा रहा था. समय का पहिया घूमा तो वो बेबस-लाचार हो गया. यूक्रेन के इस हाल के जरिए जियोपॉलिटिक्स को आसान भाषा और शब्दों में समझाना हो तो बस इतना लिखना काफी होगा, 'बड़ी मछली, छोटी मछली को खा जाती है. मौका कोई चूकता नहीं है. जिसे जो मिलता है, लपेट लेता है. कोई किसी को नहीं छोड़ता और ईमानदार वही, जिसे बेईमानी का मौका नही मिला'
अमेरिका नाटो-यूएन से हट गया तो क्या होगा, क्यों हो रही ये चर्चा?
एलन मस्क ने अमेरिका के उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (NATO) और संयुक्त राष्ट्र (UN) से हटने के आह्वान का समर्थन किया है. इससे यह डर पैदा हो गया है कि ट्रंप प्रशासन, जो 'अमेरिका फर्स्ट' की माला जप रहा है, वो यूरोप और अन्य पार्टनर्स को उनके हाल पर यानी बीच मझदार में ही छोड़ देगा. हालांकि, इस तरह का कदम वैश्विक राजनीति में आगे चलकर खुद अमेरिका यानी वाशिंगटन के लिए बड़ी परेशानी पैदा कर देगा.