Last Updated:April 11, 2025, 21:52 IST
Tahawwur Rana News: 26/11 मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा से एनआईए पूछताछ कर रही है. राणा 18 दिन की हिरासत में रहेगा. उसे सादा भोजन मिलेगा या फिर मुर्गा और मांस जैसी विशेष मांगें पूरी की जाएंगी?

क्या एनआईए तहव्वुर राणा की हार डिमांड पूरी करने के लिए बाध्य है?
हाइलाइट्स
तहव्वुर राणा 18 दिन की एनआईए हिरासत में रहेगा.राणा को सादा, पौष्टिक और स्वच्छ भोजन मिलेगा.विशेष मांगें, जैसे मांस, केवल चिकित्सकीय आवश्यकता पर ही दी जाएंगी.नई दिल्ली. 26/11 मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा से एनआईए लगातार पूछताछ कर रही है. गुरुवार को राणा को एनआईए की टीम अमेरिका से लेकर आई है. तहव्वुर राणा 18 दिन तक एनआईए की हिरासत में रहेगा. इस दौरान राणा के स्वास्थ्य की जांच से लेकर उसके खाने-पीने तक का ख्याल हाईलेवल कमिटी रख रही है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या राणा के साथ भारतीय जांच एजेंसी आम कैदी की तरह व्यवहार करेगी या फिर उसे विशेष ट्रीटमेंट दिया जाएगा? विशेष रूप से रिमांड के दौरान राणा जैसे कैदियों को भोजन और अन्य सुविधाएं कैसे प्रदान की जाएंगी? क्या राणा की हर मांग, जैसे मुर्गा, मीट, मांस या अन्य तरह की विशेष भोजन की डिमांड को एनआईए पूरा करेगी?
भारत में रिमांड के दौरान कैदियों के साथ व्यवहार जेल मैनुअल और संबंधित कानूनों के अनुसार होता है. एनआईए जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियों के पास उच्च सुरक्षा वाले हिरासत केंद्र होते हैं, जहां संवेदनशील मामलों के अभियुक्तों को रखा जाता है. कानूनी जानकारों के अनुसार, रिमांड के दौरान कैदियों को मूलभूत सुविधाएं, जैसे भोजन, पानी, और चिकित्सा देखभाल प्रदान करना अनिवार्य है. हालांकि, इसका मतलब यह नहीं कि कैदी की हर मांग पूरी की जाएगी. जेल नियमों के तहत, भोजन सादा, पौष्टिक और स्वच्छ होना चाहिए, जो आमतौर पर शाकाहारी होता है, जिसमें दाल, चावल, रोटी और सब्जियां शामिल हैं. मांसाहारी भोजन, जैसे मुर्गा या मांस, विशेष परिस्थितियों में ही प्रदान किया जाता है और वह भी केवल तभी जब यह चिकित्सकीय रूप से आवश्यक हो या अदालत का आदेश हो.
तहव्वुर की हर डिमांड एनआईए मानेगी?
एनआईए सूत्रों का कहना है कि तहव्वुर राणा जैसे हाई-प्रोफाइल कैदियों के लिए भोजन की व्यवस्था सख्त निगरानी के तहत की जाती है. सुरक्षा कारणों से बाहरी भोजन या विशेष मांगों को स्वीकार करने की संभावना न के बराबर होती है. दिल्ली पुलिस के एक रिटायर्ड अधिकारी की मानें तो रिमांड के दौरान कैदी को वही भोजन दिया जाता है, जो हिरासत के दौरान अन्य कैदियों के लिए उपलब्ध होता है. किसी भी विशेष मांग जैसे मांस या अन्य व्यंजन को स्वीकार करने से पहले कई स्तरों पर जांच की जाती है, क्योंकि यह सुरक्षा जोखिम पैदा कर सकता है.’
क्या है अंतर्राष्ट्रीय कैदियों को लेकर नियम?
वहीं, कानूनी विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि प्रत्यर्पण संधियों के तहत भारत सरकार ने राणा को उचित मानवीय व्यवहार देने की गारंटी दी है. इसका मतलब है कि भोजन और अन्य सुविधाएं अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप होंगी, लेकिन इसका यह अर्थ नहीं कि उनकी हर फरमाइश पूरी होगी. अदालतें और जांच एजेंसियां यह सुनिश्चित करती हैं कि कैदी की बुनियादी जरूरतें पूरी हों, लेकिन विलासिता या विशेष मांगों को प्राथमिकता नहीं दी जाती है.
राणा के मामले में एनआईए की पूछताछ 26/11 हमलों से जुड़े तथ्यों को उजागर करने पर है. ऐसे में राणा की मांगों पर ध्यान देने के बजाय, जांच एजेंसी उनकी गतिविधियों और सह-अभियुक्तों के बारे में जानकारी हासिल करने पर केंद्रित है. इस प्रकार, रिमांड के दौरान राणा को सख्त नियमों और सुरक्षा प्रोटोकॉल के तहत रखा जाएगा, जिसमें उनकी भोजन संबंधी मांगों को सीमित और नियंत्रित रखा जाएगा.
Location :
Delhi,Delhi,Delhi
First Published :
April 11, 2025, 21:31 IST