Last Updated:February 18, 2025, 13:22 IST
पुलवामा अटैक को अंजाम देने वाले आतंकियों को उनके अंजाम तक पहुंचाने वाले मेजर विभूति शंकर ने देश के लिए अपने प्राणों की आहूति दे दी थी. ताबूत में लेटे शहीद पति मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल से उनकी पत्नी निकिता कौल...और पढ़ें

हाइलाइट्स
मेजर विभूति ने पुलवामा हमले का बदला लिया.पत्नी निकिता की बात सुनकर पूरा देश रो पड़ा.मेजर विभूति को शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया.Major Vibhuti Shankar Dhoundiyal: जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों को अंजाम तक पहुंचाकर मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल ने उस पुलवामा अटैक का पहला बदला ले लिया था, जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवानों को अपनी शहादत देनी पड़ी थी. पुलवामा अटैक का बदला लेने के बाद मेजर विभूति ने भी देश के लिए अपने प्राणों का सवोच्च बलिदान दे दिया था. सीआरपीएफ के जवानों की शहादत के बाद मेजर विभूति के बलिदान ने पूरे की आंखों को एक बार फिर आंसुओं से भर दिया था.
अगले दिन यानी 19 फरवरी 2019 को मेजर विभूति का पार्थिव शरीर उनके गृह नगर देहरादून पहुंचने वाला था. इस खबर के फैसले ही हजारों की संख्या में लोग मेजर विभूति को अंतिम विदाई देने के लिए देहरादून पहुंच चुका था. लंबे इंतजार के बाद ताबूत में रखा उनका पार्थिव शरीर पूरे सैन्य सम्मान के साथ देहरादून स्थित उनके आवास पर लाया गया. सेना के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में मेजर विभूति के ताबूत को अंतिम दर्शन के लिए खोला गया. ताबूत खुलते ही वहां मौजूद जनसैलाब की आंखें आंसुओं से भर गईं.
लव यू विभू…
मेजर विभूति अमर रहे के नारों से पूरा इलाका गूंजने लगा. मेजर विभूति के आखिरी दर्शन के लिए सबसे पहले उनकी मां सरोज ढौंडियाल, पत्नी नितिका कौल ढौंडियाल और तीन बहनें आगे आईं. निकिता कौल काफी देर तक शांत पड़े अपने पति को निहारती रहीं. इसके बाद, मेजर विभूति के चेहरे को देखते हुए निकिता कौल ने अपनी बातों को कहना शुरू किया. जैसे-जैसे शब्द निकिता के मुंह से बाहर निकल रहे थे, जनसैलाब के आंखों से आंसुओं की धार बढ़ रही थी. हर कोई एकटक कभी निकिता को कभी मेजर विभूति के ताबूत को निहार रहे थे.
इसी बातचीत के दौरान, निकिता ने कहा – ‘आपने मुझसे झूठ कहा था कि आप मुझसे प्यार करते हो… आप मुझे नहीं, बल्कि अपने देश से ज्यादा प्यार करते थे… मुझे इस बात पर गर्व है.’ अपने पति से आखिरी संवाद करने के बाद पत्नी निकिता ने मेजर विभूति को सैल्यूट करते हुए जय हिंद कहा. साथ ही, सैल्यूट करने के बाद जो शब्द निकिता ने बोले, उसे सुनकर हर कोई फफक पड़ा और सभी उन्हीं शब्दों को दोहराने लगे. ये शब्द थे – विभू लव यू…
शौर्य चक्र से मिला सम्मान
अंतिम विदाई देने के बाद निकिता कौन ने अपने पति मेजर विभूति के राह में चलने का फैसला किया. वह मई 2021 में वह सेना के आयुध कोर में कमीशन हुईं. उल्लेखनीय है कि मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल का जन्म उत्तराखंड के देहरादून में 18 दिसंबर 1987 को हुआ था. 18 दिसंबर 2019 को ही उन्होंने देश के लिए अपने प्राणों का सर्वोच्च बलिदान दिया था. मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल को उनके असाधारण साहस, कर्तव्य के प्रति समर्पण और सर्वोच्च बलिदान के लिए वीरता पुरस्कार शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था.
First Published :
February 18, 2025, 13:22 IST