Top Intercontinental Missiles: किसी भी देश की ताकत उसकी सिर्फ उसकी अर्थव्यवस्था नहीं, बल्कि आधुनिक हथियारों से भी नापी जाती है. डिफेंस सिस्टम से लेकर मिसाइलों की रेंज और आधुनिकता से मापी जाती है. आइए जानते हैं किन देशों के पास बेहतरीन और लंबी दूरी की मिसाइल हैं.
लंबी दूरी की मिसाइल क्यों जरूरी?
आज के जमाने में सुपर पावर कहलाने में सिर्फ बड़ी सेना या बड़ी अर्थव्यवस्था ही नहीं, बल्कि दुश्मन के हर ठिकाने को पिन प्वाइंट तबाह करने की क्षमता भी होनी चाहिए. जिन देशों के पास ये क्षमता है वो अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी देश के हित में दुनिया से जुड़े फैसलों को पलटने और प्रभावित करने में सफल रहते हैं. ये क्षमताएं न सिर्फ युद्ध लड़ने और दुश्मन को झुकाने के लिए जरूरी हैं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी बात खुलकर रखने और उसे मनवाने में भी अहम भूमिका निभाती हैं.
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इंटरकॉन्टिनेंटल मिसाइल
आज कुछ देशों के पास ऐसी मिसाइल हैं जो महाद्वीपों को निशाना बना सकती हैं. इनको इंटरकॉन्टिनेंटल मिसाइल कहते हैं. मिसाइलों की रेस में आज भी अमेरिका और रूस बड़े खिलाड़ी माने जाते हैं. इनके पास साइलो-बेस्ड, मोबाइल लॉन्चर्स और पनडुब्बी-लॉन्च सिस्टम (SLBM) दोनों हैं, जो लंबी दूरी के टारगेट तक परमाणु वारहेड पहुंचाने में सक्षम हैं.
किन देशों के पास है ये क्षमता?
संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस, यूनाइटेड किंगडम के साथ-साथ भारत, उत्तर कोरिया और इजराइल जैसे देशों के पास वो क्षमता है या विकसित हो रही है जो अंतरमहाद्वीपीय मार कर सकते हैं.
भारत भी शामिल
इस समय छोटे और मध्यम शक्तियों के हथियारों की भूमिका भी अहम है. भारत की बात करें तो Agni-V जैसी मिसाइलों के जरिए इंटरकॉन्टिनेंटल-रेंज क्षमता हासिल कर ली है. इसके अलावा नॉर्थ कोरिया ने भी हाल ही में ठोस ईंधन इंजन और लंबी दूरी के डिजाइन पर काम तेज किया है.
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2 hours ago
