दृष्टि IAS कोचिंग पर ₹5 लाख का जुर्माना, भ्रामक विज्ञापन देने का आरोप निकला सच

3 weeks ago

Last Updated:October 03, 2025, 12:42 IST

Drishti IAS News: दृष्टि IAS कोचिंग संस्‍थान UPSC सिविल सर्विसेज की तैयारी कराने वाली प्रतिष्ठित इंस्‍टीट्यूशन है. इसके खिलाफ गंभीर आरोप लगा था, जो जांच में सही निकला है.

दृष्टि IAS कोचिंग पर ₹5 लाख का जुर्माना, भ्रामक विज्ञापन देने का आरोप निकला सचदृष्टि IAS के खिलाफ 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है.

Drishti IAS News: केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा (CSE) 2022 के नतीजों को लेकर भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित करने पर दृष्टि IAS (VDK Eduventures Pvt Ltd) पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. उपभोक्ता मंत्रालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, संस्थान ने अपने विज्ञापन में बड़े पैमाने पर ‘216+ चयन’ का दावा किया था और सफल उम्मीदवारों की तस्वीरों और उनके नाम का उल्लेख किया गया था. जांच में पाया गया कि यह दावा अधूरा और भ्रामक था, क्योंकि इसमें इस बात की जानकारी छुपाई गई थी कि ये अभ्यर्थी किन पाठ्यक्रमों से जुड़े थे और कितनी अवधि तक जुड़े रहे.

CCPA की जांच में सामने आया कि जिन 216 उम्मीदवारों का उल्लेख संस्थान ने किया, उनमें से 162 उम्मीदवार (करीब 75 प्रतिशत) केवल फ्री इंटरव्यू गाइडेंस प्रोग्राम (IGP) में शामिल हुए थे. इन उम्मीदवारों ने पहले ही प्रीलिम्स और मेन्स परीक्षा स्वतंत्र रूप से पास कर ली थी. जबकि मात्र 54 छात्र ऐसे थे, जिन्होंने IGP के साथ अन्य नियमित कोर्सों में नामांकन कराया था. इस तरह की जानकारी छिपाना अभ्यर्थियों और उनके अभिभावकों को यह विश्वास दिलाता है कि संस्थान की भूमिका उनकी पूरी सफलता में रही, जबकि वास्तविकता इससे अलग थी. यह आचरण उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 की धारा 2(28) के तहत भ्रामक विज्ञापन की श्रेणी में आता है.

दोबारा पकड़ी गई गड़बड़ी

यह पहला मौका नहीं है जब दृष्टि IAS पर ऐसी कार्रवाई हुई हो. सितंबर 2024 में भी CCPA ने UPSC CSE 2021 के परिणामों को लेकर ‘150+ चयन’ के दावे पर 3 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था. उस समय संस्थान ने 161 उम्मीदवारों की सूची सौंपी थी, जिसमें से 148 केवल IGP से जुड़े थे. इसके बावजूद संस्थान ने 2022 में दावा बढ़ाकर 216+ चयन कर दिया और फिर वही भ्रामक तरीका अपनाया. CCPA ने कहा कि यह दोहराया गया उल्लंघन उपभोक्ता संरक्षण नियमों की खुली अवहेलना है.

उपभोक्ता अधिकारों का हनन

प्राधिकरण ने कहा कि इस तरह की भ्रामक जानकारी छात्रों और अभिभावकों के इनफॉर्म्‍ड डिसीजन लेने के अधिकार (धारा 2(9), उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम) का उल्लंघन है. मंत्रालय के अनुसार, ऐसे विज्ञापन झूठी उम्मीदें पैदा करते हैं और उपभोक्ताओं के फैसलों को अनुचित रूप से प्रभावित करते हैं. अब तक CCPA ने 54 कोचिंग संस्थानों को भ्रामक विज्ञापनों और अनुचित व्यापारिक आचरण को लेकर नोटिस जारी किए हैं. इनमें से 26 पर 90.6 लाख रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया जा चुका है. CCPA ने सभी कोचिंग संस्थानों को सख्त चेतावनी देते हुए कहा है कि विज्ञापनों में तथ्य छुपाने या बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने की प्रवृत्ति बंद की जाए और पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए, ताकि छात्र अपने भविष्य को लेकर सही और न्यायसंगत निर्णय ले सकें.

Manish Kumar

बिहार, उत्‍तर प्रदेश और दिल्‍ली से प्रारंभिक के साथ उच्‍च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्‍ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्‍लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...और पढ़ें

बिहार, उत्‍तर प्रदेश और दिल्‍ली से प्रारंभिक के साथ उच्‍च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्‍ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्‍लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...

और पढ़ें

न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।

Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

October 03, 2025, 12:38 IST

homenation

दृष्टि IAS कोचिंग पर ₹5 लाख का जुर्माना, भ्रामक विज्ञापन देने का आरोप निकला सच

Read Full Article at Source