धमाकों की आवाज से गूंज उठी लद्दाख की वादी, सेना ने कर दिया इतना फायर

8 hours ago

Last Updated:July 17, 2025, 14:42 IST

INDIAN ARMY FIRING EXERCISE: लद्दाख में मौसम की दुशवारी इतनी होती है कि साल के 6 महीने सब कुछ ठप्प हो जाता है. लद्दाख में LAC पर भारतीय सेना अब भी डटी हुई है. सर्दियों से पहले ही यहा अभ्यास का सीजन होता है. इसी...और पढ़ें

धमाकों की आवाज से गूंज उठी लद्दाख की वादी, सेना ने कर दिया इतना फायर

भारतीय सेना की फायर पावर

हाइलाइट्स

लद्दाख में सेना ने इंटीग्रेटेड फायरिंग अभ्यास किया.भारतीय सेना ने हाई एल्टिट्यूड में सटीक निशाना साधा.सेना ने नई पीढ़ी के हथियारों का दमखम दिखाया.

INDIAN ARMY FIRING EXERCISE: भारत-चीन के बीच रिश्तों में लंबे समय से कड़वाहट थी. पिछले एक साल में यह कड़वाहट थोड़ी कम हो रही है. कूटनीति के जरिए बातचीत का रास्ता खुला. LAC पर शांति है. लेकिन चीन की फितरत से पूरी दुनिया वाकिफ है. इसलिए भारत ने रणनीतिक तौर पर अपनी तैयारी को भी मजबूत करने में जुटी है. इसी कड़ी में सेना के फायर एंड फ्यूरी कोर ने लद्दाख में एक बड़ी इंटीग्रेटेड फायरिंग अभ्यास को अंजाम दिया. इस पूरे अभ्यास में भारतीय सेना में शामिल नई पीढ़ी के हथियारों ने अपना दमखम दिखाया. इस अभ्यास की तस्वीरें और वीडियो सेना ने जारी किए हैं।

लद्दाख बना जंग का मैदान
2020 के बाद से भारतीय सेना के करीब 50000 सैनिक लद्दाख में तैनात हैं. सेना हर वक्त जंग के लिए तैयार है. इसी तैयारी को धार देने के लिए लद्दाख में मौजूद सेना के सभी हथियारों ने हाई एल्टिट्यूड एरिया में सटीक निशाना साधा. इस फायरिंग अभ्यास में टैंक, बीएमपी, एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल, ड्रोन, लॉटरिंग एम्यूनेशन से सटीक वार किया गया. इस अभ्यास में भारतीय सेना के एडवांस लाइट हेलिकॉप्टर ने भी हिस्सा लिया. लंबे समय से ग्राउंडेड सेना के ALH को उड़ान भरने की इजाजत दी गई थी. अब फिर से ALH अपने पूरे रंग-ढंग में है. यह फायरिंग अभ्यास इंटीग्रेशन था पारंपरिक हथियारों का नई तकनीक के हथियारों के साथ. पूरे फायरिंग अभ्यास को ड्रोन के जरिए लगातार मॉनिटर किया जा रहा था.

भारतीय सेना ने चीन को डाला था बैकफुट पर
चीन वर्ल्ड ऑर्डर को बदलने के लिए किसी भी हद तक गुजर जाता है. बातचीत तो चीन के एजेंडे में कभी होती ही नहीं. वह बस विस्तारवादी सोच लेकर आगे बढ़ता रहता है और उसी सोच को भारत ने पूर्वी लद्दाख में रोक दिया. थक हार कर चीन को बातचीत की मेज पर आना ही पड़ा. 2020 में चीन ने अपनी सेना का जमावड़ा LAC के पास लगाया तो भारतीय सेना ने कम समय में सेना का मिरर डेप्लॉयमेंट कर दिया. भारतीय वायुसेना ने कारगिल युद्ध के बाद इतनी बड़े ऑपरेशन मूवमेंट को अंजाम दिया था. भारतीय वायुसेना ने अपने हैवी ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ़्ट के जरिए 330 BMP यानी की ऑर्मर्ड पर्सनल कैरियर वेहिकल, 90 टैंक और आर्टिलरी गन और 68000 से ज्यादा सैनिकों को कम से कम समय में पूर्वी लद्दाख में LAC तक पहुँचाया. यह तैनाती अब भी बनी हुई है. पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों के बीच गतिरोध तो खत्म हो गया. डेमचोक और डेपसांग में डिसएंगेजमेंट हुआ और अब सामान्य पेट्रोलिंग जारी है. LAC के वह चार इलाके जहां 2020 के बाद से बने सभी फ्रिक्शन प्वाइंट से डिसएंगेजमेंट पूरा हुआ लेकिन वहां बफर ज़ोन बन गए थे. वह चार इलाके हैं पैंगोंग, गलवान के पीपी-14, गोगरा और हॉट स्प्रिंग, यहां डिसएंगेजमेंट तो सबसे पहले हुआ लेकिन पेट्रोलिंग शुरू नहीं हुई.

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