साबरकांठा: लोगों को अक्सर किसी काम के लिए पैसे उधार लेने होते हैं. कई बार लोग बैंक से लोन ना लेकर आसपास के महाजन से पैसे उधार लेते हैं. हालांकि इसे चुका भी देते हैं लेकिन कई बार लोग इसे चुकाने में लेट हो जाते हैं. जिससे उन्हें महाजन को हर्जाना भरना पड़ता है. गुजरात के पालनपुर से एक ऐसी ही घटना सामने आई है जिसमें महाजन ने पैसे वापस लेने के लिए इंसानियत को ही बेच डाला.
साबरकांठा जिले में बाल तस्करी का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक सात वर्षीय बच्ची को कथित तौर पर उसके पिता को दिए गए कर्ज की वसूली के लिए तीन सूदखोरों ने राजस्थान के एक व्यक्ति को 3 लाख रुपये में बेच दिया. घटना की रिपोर्ट 19 दिसंबर, 2024 को हिम्मतनगर सिटी ए डिवीजन पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई.
पुलिस ने अरावली जिले के मोडासा के अर्जुन नट और शरीफा नट और महिसागर जिले के बालासिनोर तालुका के देवगाम गांव के लखपति नट के खिलाफ मामला दर्ज किया. प्रभारी पुलिस निरीक्षक ए बी शाह ने बताया कि एफआईआर दर्ज होने के कुछ ही घंटों के भीतर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया. आरोपियों को शनिवार को अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें सात दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया.
महज 60 हजार लिए थे उधार
ए बी शाह द्वारा दर्ज की गई शिकायत के अनुसार, अर्जुन नट ने लड़की के पिता, जो एक दिहाड़ी मजदूर है, को पहले से तय ब्याज दर पर 60,000 रुपये उधार दिए थे. एक अधिकारी ने बताया, “ब्याज की नियमित अदायगी के बावजूद, अर्जुन और शरीफा ने उससे 3 से 4 लाख रुपये की बढ़ी हुई रकम मांगी. जब मांग पूरी नहीं हुई, तो आरोपियों ने कथित तौर पर उसके घर पर उसके साथ मारपीट की और उसे खाली कागजों पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया.”
इसके बाद तीनों ने उसकी सात साल की बेटी को अगवा कर लिया और उसे राजस्थान के अजमेर के पास एक गांव में तीन लाख रुपये में बेच दिया. मामला तब प्रकाश में आया जब पीड़ित परिवार ने पुलिस से संपर्क करने के बजाय दो दिन पहले अदालत में शिकायत दर्ज कराई. अदालत के आदेश पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 19 दिसंबर को मामला दर्ज किया और जांच शुरू की. पता चला कि नाबालिग को अजमेर के पास एक गांव में ले जाया गया था.
कैसे बच्ची के पास पहुंची पुलिस?
जांच अधिकारी एसबी चौधरी ने कहा कि आरोपियों से पूछताछ की गई ताकि पता लगाया जा सके कि बच्ची को कहां बेचा गया, किसे बेचा गया और बिक्री से प्राप्त धन कहां गया. चौधरी ने कहा, “धन की वसूली के लिए भी प्रयास किए जाएंगे. हम उन खाली कागजों के बारे में भी पता लगाना चाहते हैं जिन पर जबरन हस्ताक्षर लिए गए थे और क्या उनका किसी उद्देश्य के लिए उपयोग किया गया था.”
प्रारंभिक जांच में पता चला है कि लड़की का पिता राजमिस्त्री का काम करता है और दिहाड़ी मजदूरी करता है. गिरफ्तार किए गए आरोपी भी मजदूरी और घरेलू काम करके अपना गुजारा करते हैं. पुलिस को परिवार के अन्य सदस्यों की संलिप्तता का संदेह है और वे अपराध में उनकी संभावित भूमिका की जांच कर रहे हैं. आरोपियों पर बीएनएस अधिनियम और गुजरात साहूकार अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं.
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FIRST PUBLISHED :
December 22, 2024, 08:37 IST