Last Updated:June 01, 2025, 12:52 IST
Karnataka Pre-Monsoon Rain: कर्नाटक में प्री-मॉनसून बारिश ने बेंगलुरु में भारी तबाही मचाई है, जिससे 71 लोगों की मौत हो गई है. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बयान जारी किया. बारिश ने पिछले 125 साल का रिकॉर्ड तोड़ा ह...और पढ़ें

कर्नाटक में प्री-मानसून ने ले ली 71 लोगों की जान.
हाइलाइट्स
कर्नाटक में प्री-मानसून बारिश से 71 लोगों की मौत.सीएम ऑफिस से दी गई जानकारी.बारिश से कई छोटे-बड़े जानवरों की जान चली गई है.Karnataka Pre-Monsoon Rain: बेंगलुरु से एक बेहद चिंताजनक खबर सामने आई है. कर्नाटक में इस बार प्री-मॉनसून बारिश ने ऐसा कहर ढाया है कि हालात बेकाबू हो गए हैं. देश की ‘सिलिकॉन वैली’ बेंगलुरु पानी में तैर रही है. कई लोगों की जान चली गई. बारिश के मौसम आने पहले ही स्थिति गंभीर हो गई. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को बयान जारी करना पड़ गया. सीएम ऑफिस द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक अप्रैल से अब तक राज्य में भारी बारिश और उससे जुड़ी घटनाओं में 71 लोगों की जान चली गई है. यह आंकड़ा सिर्फ आंकड़ा नहीं, बल्कि उन परिवारों का दर्द है जिन्होंने अपनों को खोया है.
इस बार कर्नाटक में जो बारिश हुई है, वह पिछले 125 साल में मई महीने और पूरे प्री-मॉनसून सीजन में रिकॉर्ड तोड़ रही है. आमतौर पर मई में जहां 74 मिमी बारिश होती है, वहीं इस बार 219 मिमी पानी बरस चुका है, जो सामान्य से 197% ज्यादा है. पूरे सीजन की बात करें (1 मार्च से 31 मई), तो कर्नाटक को 115 मिमी के मुकाबले 286 मिमी बारिश मिली है, यानी कि सामान्य से 149% अधिक बारिश हुई है.
आंधी, बिजली और तेज़ हवाओं के साथ आई इस मूसलधार बारिश ने राज्य के हर जिले को प्रभावित किया है. कहीं पेड़ गिरे, तो कहीं दीवारें और मकान ढहे. सिर्फ अप्रैल और मई के बीच 48 लोगों की मौत बिजली गिरने से हुई. इसके अलावा 9 लोग पेड़ गिरने से, 5 मकान गिरने से, 4 डूबने से, 4 भूस्खलन में और 1 व्यक्ति करंट लगने से अपनी जान गंवा बैठे.
राज्य सरकार ने मृतकों के परिजनों को 5 लाख रुपये की तात्कालिक राहत राशि दी है. लेकिन नुकसान सिर्फ इंसानों तक ही सीमित नहीं रहा. इस बारिश में 702 पशुओं की भी जान गई. इनमें 225 बड़े और 477 छोटे जानवर शामिल हैं. 698 मामलों में मुआवजा भी वितरित कर दिया गया है. घर-घर में तबाही की तस्वीरें सामने आई हैं. कुल 2,068 मकान क्षतिग्रस्त हुए, जिनमें से 75 पूरी तरह और बाकी आंशिक रूप से टूटे हैं. अब तक 1,926 परिवारों को राहत राशि पहुंचाई जा चुकी है.
खेती भी इस आफत की चपेट में आ गई है. कुल 15,378.32 हेक्टेयर फसल बर्बाद हुई है, जिसमें 11,915.66 हेक्टेयर में खेती और 3,462.66 हेक्टेयर में बागवानी फसलें शामिल हैं. इनका डेटा कंपेंसेशन सॉफ्टवेयर में दर्ज किया जा रहा है ताकि जल्दी से जल्दी मुआवजा दिया जा सके.
इधर मौसम विभाग ने चेताया है कि जून से सितंबर के बीच दक्षिण-पश्चिम मानसून भी सामान्य से अधिक रहने की संभावना है. खासकर जून महीने में ज्यादातर जिलों में अच्छी बारिश का अनुमान है. हालांकि, राज्य के कुछ दक्षिणी आंतरिक जिले इससे अछूते रह सकते हैं.
आपात स्थिति से निपटने के लिए सरकार ने पहले ही कमर कस ली है. पांच NDRF टीमें तैयार रखी गई हैं, जिनमें से चार कोडागु, दक्षिण कन्नड़, उडुपी और उत्तर कन्नड़ में तैनात हैं. बेंगलुरु में एक रिज़र्व टीम मौजूद है. इसके अलावा SDRF और अग्निशमन दल भी मोर्चे पर तैयार हैं.
बड़ी राहत की बात ये है कि भारी बारिश के चलते जलाशयों में पानी की स्थिति बेहतर हुई है. 14 प्रमुख जलाशयों में इस वक्त कुल 316.01 TMC पानी मौजूद है, जो कुल क्षमता का 35% है. पिछले साल इसी समय ये आंकड़ा सिर्फ 20% था. कुल मिलाकर, ये बारिश जीवन के हर पहलू को छू गई है, आम लोगों की जान, मवेशियों की मौत, घरों की तबाही, खेतों की बर्बादी और भविष्य की चिंताओं को बढ़ाती पानी की भरमार. कर्नाटक के लिए यह प्री-मॉनसून मौसम सिर्फ मौसम नहीं, बल्कि एक बड़ी परीक्षा बन गया है.
दीप राज दीपक 2022 में न्यूज़18 से जुड़े. वर्तमान में होम पेज पर कार्यरत. राजनीति और समसामयिक मामलों, सामाजिक, विज्ञान, शोध और वायरल खबरों में रुचि. क्रिकेट और मनोरंजन जगत की खबरों में भी दिलचस्पी. बनारस हिंदू व...और पढ़ें
दीप राज दीपक 2022 में न्यूज़18 से जुड़े. वर्तमान में होम पेज पर कार्यरत. राजनीति और समसामयिक मामलों, सामाजिक, विज्ञान, शोध और वायरल खबरों में रुचि. क्रिकेट और मनोरंजन जगत की खबरों में भी दिलचस्पी. बनारस हिंदू व...
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