न राफेल, न सुखोई और न ही ब्रह्मोस.. सीधे लाहौर पर गोले बरसाएगा ये ब्रह्मास्त्र

4 hours ago

Last Updated:July 14, 2025, 12:37 IST

India ATAGS artillery Gun: भारत की देसी तोप ATAGS, डीआरडीओ द्वारा विकसित, 48 किमी की मारक क्षमता के साथ लाहौर तक वार कर सकती है. यह 80 सेकेंड में तैनात होती है और 85 सेकेंड में पोजिशन बदल सकती है.

न राफेल, न सुखोई और न ही ब्रह्मोस.. सीधे लाहौर पर गोले बरसाएगा ये ब्रह्मास्त्र

भारत ने 48 किमी तक वार करने वाली एक आधुनिक तोप बनाई है.

हाइलाइट्स

ATAGS तोप की मारक क्षमता 48 किमी है.ATAGS तोप 80 सेकेंड में तैनात होती है.ATAGS तोप 85 सेकेंड में पोजिशन बदल सकती है.

India ATAGS artillery Gun: ऑपरेशन सिंदूर के दौरान दुनिया ने भारत की सैन्य क्षमता का नजारा देख लिया. हालांकि इस ऑपरेशन के दौरान मुख्य रूप से हवाई ताकत की चर्चा हुई. भारत के 4.5 पीढ़ी के फाइटर जेट राफेल, सुखोई-30 एमकेआई और ब्रह्मोस मिसाइल के वार के बाद मात्र तीन दिन के भीतर ही पाकिस्तान बाप-बाप करने लगा. उस सरेंडर करने पर मजबूर हो गया. इतने अल्प समय में भारत ने पाकिस्तानी एयर फोर्स की कमर तोड़ दी. लेकिन, आज हम इन तीनों में किसी की चर्चा नहीं कर रहे हैं. आज चर्चा एक अन्य देसी हथियार की जिसकी मारक क्षमता बहुत गहरी है. वह न तो आसमान से वार करेगा और नहीं समंदर ही, बल्कि वह भारत की सीमा में रहते हुए भारत की धरती से पाकिस्तान के लाहौर जैसे शहर के भीतर गंभीर घाव कर सकता है.

जी हां, आप सही पढ़ रहे हैं. हम बात कर रहे हैं देसी तोप एटीएजीएस (ATAGS) की. इस तोप को भारत के सबसे कामयाब ताकतवर तोप बोफोर्स का बाप कहा जा रहा है. बोफोर्स को स्वीडन से खरीदा गया था और इसी के बल पर भारत ने करगिल वार में जीत हासिल की थी. इस ATAGS तोप को डीआरडीओ ने विकसित किया है. यह 155 मिमी/52 कैलिबर का तोप है. इसे भारत की दो निजी कंपनियों भारत फोर्ज और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड बना रही है. इस तोप की सबसे बड़ी खासियत इसकी लॉन्ग रेंज और सटीक मारक क्षमता है. यह शूट एंड स्कूट यानी वार करने के तुरंत बाद आगे बढ़ने वाली तोप है.

क्या है खास

अब आप सोच रहे होंगे कि इसमें क्या खास है. दुनिया में तो ऐसी कई तोपें होंगी. चीन-अमेरिका जैसे सुपर पावर के पास तो निश्चित तौर पर ऐसी तोपें होंगी. लेकिन आपको यह जानकार भरोसा नहीं होगा कि रेंज के मामले में यह दुनिया की सबसे आधुनिक तोप है. इसकी मारक क्षमता 48 किमी है. यानी यह तोप पंजाब के अमृतसर जिले के किसी इलाके से वार तक पाकिस्तान के लाहौर शहर तो तबाह कर सकती है. अमृतसर से लाहौर की दूरी महज 50 किमी है.

ATAGS राजस्थान के रेगिस्तानों से लेकर सियाचिन की बर्फीली चोटियों तक बेहद कारगर है. डीआरडीओ इसकी तोप की रेंज को बढ़ाकर 80 से 90 किमी करने की तकनीक पर काम कर रहा है. इसके लिए जीपीएस-गाइडेड और रैमजेट प्रोपेल्ड गोले विकसित किए जा रहे हैं. अगर ऐसा हो जाता है तो इस तोप की मारक क्षमता अचूक बन जाएगी. साथ ही इसका रेंज इतना बढ़ जाएगी कि इसको सीमा पार किए दुश्मन के देश के काफी भीतर वार कर सकती है.

80 सेकेंड में तैनाती

ATAGS की एक दूसरी सबसे बड़ी खासियत है कि इसे मात्र 80 सेकेंड में तैनात किया जा सकता है. यह किसी खतरे की स्थिति में मात्र 85 सेकेंड में अपनी पोजिशन बदलकर अपना बचाव कर सकती है. इसका माउंडेट गन सिस्टम 8×8 हाई मोबिलिटी ट्रक पर आधारित है. यह ट्रक 90 किमी की रफ्तार से दौड़ सकता है. यह तोप 2.5 मिनट में 10 हाई-एक्सप्लोसिव गोले या फिर 60 सेकेंड में पांच गोले दाग सकता है. इस ATAGS तोप में 85 फीसदी कल पुर्जे देसी हैं. इस एक तोप की कीमत 15 करोड़ है. जबकि ऐसे विदेशी तोपों की कीमत 35 से 40 करोड़ रुपये है. इस तोप पर डीआरडीओ ने 2012 में काम शुरू किया था. आज ये तोप भारतीय सेना को अपनी सेवा देने के लिए तैयार है. भारत सरकार ने इसी साल मार्च में 6900 करोड़ रुपये में 307 तोपों की खरीद की डील की. इस तोप का पहला रेजिमेंट (18 तोपें) फरवरी 2027 तक मिल जाएंगी.

संतोष कुमार

न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...और पढ़ें

न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...

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