Last Updated:May 15, 2025, 13:33 IST
Waqf Law Hearing in Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट में वक्फ संशोधन अधिनियम पर नए CJI बीआर गवई और जस्टिस ऑग्स्टिन जॉर्ज मसीह की बेंच ने सुनवाई की. यहां कपिल सिब्बल और तुषार मेहता ने पुरजोर तरीके से दलीलें रखीं. जा...और पढ़ें

सुप्रीम कोर्ट में नए सीजेआई बीआर गवई के सामने कपिल सिब्बल और तुषार मेहता ने वक्फ संशोधन अधिनियम पर दलीलें रखीं.
हाइलाइट्स
सुप्रीम कोर्ट में वक्फ संशोधन अधिनियम पर सुनवाई हुई.CJI बीआर गवई और जस्टिस मसीह की नई बेंच ने सुनवाई की.अगली सुनवाई की तारीख 20 मई तय की गई है.सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को वक्फ संशोधन अधिनियम को लेकर एक बार फिर गरमागरम बहस देखने को मिली. नए CJI जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस ऑग्स्टिन जॉर्ज मसीह की नई पीठ के सामने जैसे ही वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता वक्फ एक्ट पर दलील देने के लिए खड़े हुए, सुनवाई ने नया मोड़ ले लिया.
दरअसल, यह मामला वक्फ अधिनियम में किए गए संशोधनों को चुनौती देने वाली याचिकाओं से जुड़ा है, जिसमें याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि वक्फ बोर्ड को निजी संपत्तियों को वक्फ घोषित करने का असीम अधिकार दिया गया है, जो संविधान की मूल भावना के खिलाफ है.
तुषार मेहता ने क्या दी दलील?
सुनवाई के दौरान तुषार मेहता ने सरकार की ओर से पक्ष रखते हुए बताया कि केंद्र पहले ही सुप्रीम कोर्ट में यह स्पष्ट कर चुका है कि वक्फ एक्ट के कुछ विवादित प्रावधान अभी लागू नहीं होंगे. इस पर बेंच ने पूछा कि क्या अभी अंतरिम राहत की सुनवाई हो रही है? तो मेहता ने कहा कि अगर कोर्ट अंतरिम आदेश जारी करने पर विचार करता है, तो इसमें ज्यादा समय नहीं लगेगा. उन्होंने यह भी कहा कि याचिकाकर्ताओं की तरह वह भी शॉर्ट नोट्स दाखिल करेंगे, जिससे सुनवाई को आसान बनाया जा सके.
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क्या बोले कपिल सिब्बल?
दूसरी तरह, जैसे ही कपिल सिब्बल ने याचिकाकर्ताओं की तरफ से अपना पक्ष रखा. उन्होंने कहा कि उन्होंने अपना संक्षिप्त तर्क तैयार कर लिया है और उसे सॉलिसिटर जनरल मेहता से शेयर करने के लिए तैयार हैं.
इस पर एसजी मेहता ने कहा कि इस मामले में बड़ी संख्या में हस्तक्षेप आवेदन फाइल हुए हैं. ये कोर्ट पर निर्भर करता है कि वो सुने या नहीं, लेकिन मेरी राय में वो नहीं सुनी जानी चाहिए, यानी मुख्य याचिकाओं पर सुनवाई हो.
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वहीं, वकील विष्णु शंकर जैन ने अदालत को याद दिलाया कि उन्होंने पहले भी याचिका में यह मांग रखी थी कि पुराने वक्फ एक्ट के कई प्रावधान बेहद मनमाने और संविधान के विपरीत हैं. उन्होंने आग्रह किया कि कोर्ट इन मुद्दों पर गंभीरता से विचार करे.
सुप्रीम कोर्ट ने तय कर दी नई तारीख
इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एसजी तुषार मेहता पहले ही पिछली सुनवाई में आश्वस्त कर चुके हैं कि वक्फ एक्ट के कुछ प्रावधान लागू नहीं होंगे. ये व्यवस्था अभी लागू रहेगी. इस पर अगर पालन नहीं होता तो कोर्ट देखेगा. एसजी ने भी आश्वस्त किया कि कोर्ट को दिए सरकार के अंडरटेकिंग पर कायम हैं.
अब सुप्रीम कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख 20 मई तय की है. इस दिन यह तय किया जाएगा कि क्या वक्फ एक्ट के प्रावधानों पर अंतरिम रोक को आगे भी जारी रखा जाए या नहीं. तब तक, सरकार की ओर से दी गई प्रतिबद्धता कि न तो किसी संपत्ति को वक्फ घोषित किया जाएगा और न ही वक्फ काउंसिल में कोई नई नियुक्ति होगी, लागू रहेगी.
An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...और पढ़ें
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