Nepal Out rage: जब किसी मुल्क में आक्रोश भड़कता है तो संसद, सुप्रीम कोर्ट को आग के हवाले कर दिया जाता है. सत्ताधीशों के घरों को फूंक दिया जाता है. सरकारी दफ्तरों में आगजनी और तोड़फोड़ होती है. मुल्क धू-धू करके जलता है तो काले धुएं का गुबार हवा को आगोश में ले लेता है. नेपाल धधक रहा है. लाखों युवा सड़कों पर हैं. Gen Z ने ना सिर्फ सियासी जमीन हिलाई बल्कि तख्तापलट करा दिया.
Gen Z आक्रोश 36 साल पुरानी तस्वीर वायरल: संसद-सुप्रीम कोर्ट पर प्रदर्शनकारियों का कब्जा है. सबसे चौंकाने वाली तस्वीर तब देखने को मिली. जब एक प्रदर्शनकारी सेना के ट्रक के नीचे लेट गया. जैसे उनके दिल में मरने का खौफ बाकी ना रह गया हो. इस तस्वीर के सामने आते ही साल 1989 में चीन की वो तस्वीर पूरी दुनिया में वायरल हो गई. जिसमें चीन की कम्युनिस्ट सरकार ने लोकतंत्र की मांग करने वाले छात्रों पर टैंक चला दिए थे, जिससे कई छात्र कुचल गए थे.
ना मरने का डर, ना जीने की ख़्वाहिश: मुल्क की अवाम जब सिर पर कफ़न बांध लेती है तो हालात कितने ख़तरनाक हो जाते हैं. पड़ोसी देश नेपाल से आज इसे पूरी दुनिया ने देखा. सामने हथियार थामे नेपाल की पूरी फोर्स खड़ी है और उसके ठीक सामने जान देने को तैयार खड़ा है एक शख़्स. लेकिन ये शख्स डरने के बजाय डरा रहा है. नेपाली सुरक्षाबलों तो धमका रहा है. मानों मौत का डर मन से काफूर हो गया.
सेना के हथियार लूटे, सिंह दरबार जला दिया: राजधानी काठमांडू में सबसे खौफनाक तस्वीर तब दिखी. जब गुस्साई भीड़ ने सुरक्षाबलों से हथियार लूट लिए. सुरक्षाबलों के सामने ही उनके हथियार हवा में लहराने लगे. कम्युनिस्ट पार्टी दफ्तर फूंकने के बाद छत पर लगा झंडा उखाड़ फेंका गया. सुरक्षाबल छिपकर जान बचाते नजर आए. प्रदर्शनकारियों ने सिंह दरबार पहुंचकर गार्ड्स की बंदूके छीन ली.
नोटो की गड्डियां उड़ाईं नेताओं को पीटा: नेपाली उर्जा मंत्री दीपक खड़का के घर से बरामद नोटों को दुनिया ने देखा. इसके बाद चुन-चुनकर नेपाली सरकार के मंत्रियों और भ्रष्ट अधिकारियों को निशाना बनाया गया. वित्त मंत्री को बीच सड़क पीटा गया. पूर्व पीएम देउबा, उनकी पत्नी को भी पीटा. पूर्व प्रधानमंत्री झालानथ खनाल की पत्नी को भी भीड़ ने आग के हवाले कर दिया, उनकी मौत हो गई.
भीड़ के बीच पहुंचे बालेंद्र शाह: Gen Z आंदोलन के बीच एक चेहरा बालेंद्र शाह हर किसी के सामने उभर कर आया. काठमांडू के मेयर शाह को लेकर दावा किया गया कि शाह ने पर्दे के पीछे से आंदोलन की अगुवाई की. PM ओली का इस्तीफा आते ही शाह का प्रदर्शनकारियों के नाम पैगाम आया- Gen-Z, आपके हत्यारे का इस्तीफा आ चुका है. नई पीढ़ी को देश की लीडरशिप संभालनी होगी, पहले संसद भंग करना जरूरी है. युवाओं के बीच उनकी लोकप्रियता और पारंपरिक राजनीतिक दलों से नेपाली युवाओं के बढ़ते मोहभंग ने बालेंद्र को नायक बना दिया.
26 घंटे में सरकार का सरेंडर: नेपाल सरकार ने सोशल मीडिया पर बैन लगा रखा था तो युवा राजधानी काठमांडू तक कैसे पहुंचे? 3 सितंबर की रात सोशल मीडिया पर बैन लगा. हामी नेपाल ग्रुप ने 8 सितंबर को इसके विरोध में प्रोटेस्ट की कॉल दी. सोशल मीडिया बैन था तो सरकार रिलैक्स थी कि ज्यादा उत्पात न होगा, मगर Gen Z की तैयारी ओली सरकार की सोच से बड़ी निकली. भीड़ जुटाने के लिए उन प्लेटफॉर्म्स को यूज किया गया जो बैन नहीं थे. TikTok बैन नहीं था तो नेपो बेबी ट्रेंड चलाया जिसमें नेपाली नेताओं के बच्चों के ऐशो आराम की तस्वीरें-वीडियो पोस्ट करके करप्शन दिखाया गया. किसी को भनक न लगी और इतनी भीड़ जुटी की नेपाल घुटनों में आया और सरकार ताश के पत्तों के ढेर की तरह गिर गई.
Gen Z और नेपाल का सोशल मीडिया स्कैन: छात्र आंदोलन को नेपाल के 52% युवाओं का खुला समर्थन मिला. नेपाल में फेसबुक यूजर्स की तादाद 1 करोड़ 40 लाख है. Instagram पर यूजर्स की तादाद 39 लाख. वहां 1 करोड़ 9 लाख लोग मैसेंजर इस्तेमाल करते हैं. लिंक्डइन के 20 लाख अकाउंट हैं. 4 लाख एक्स यूजर. 85 लाख यू-ट्यूब इस्तेमाल करते हैं. 60 लाख युवा व्हाटसऐप चलाते हैं. चाइनीज टिकटॉक के 22 लाख यूजर्स हैं. ओली सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पाबंदी लगाई लेकिन आंदोलकारियों ने पाबंदी वाली सरकार ही उखाड़ फेंकी.
Gen-Z आंदोलन की 5 बड़ी वजहें: सोशल मीडिया बैन. भ्रष्टाचार के मामले. सियासी अस्थिरता. बेरोजगारी और असमानता और भाई-भतीजावाद.
चीन और US के अहम में पिसा नेपाल: दावा है कि नेपाल दुनिया के नंबर वन और नंबर टू देश के पाटों में फंसा है, जिससे निकलना मुश्किल है.
नेपाल का फ्यूचर क्या होगा: बैंकों को लूटा गया. जेल से 1500 कैदी फरार हैं. क्या होगा भविष्य? इस सवाल ने 3 करोड़ आबादी वाले नेपाल की चिंता बढ़ा दी है. बालेंद्र एक्शन मोड में हैं तो राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के अध्यक्ष रबि लामिछाने भी जेल से बाहर आ गए हैं. बताया जा रहा है कि रबि लामिछाने और बालेन शाह के बीच अंतरिम सरकार बनाने पर चर्चा हुई है. अराजकता के रसातल से देश को निकालने की कोशिशें जारी है. सेना प्रमुख, चीफ जस्टिस और प्रमुख सचिव ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करके कहा- हम नागरिक सरकार बनाने को तैयार है, ऐसी सरकार जिसे Gen Z का समर्थन हो.