नई दिल्ली. लोग परिजनों या रिश्तेदारों को स्टेशन तक छोड़ने जाते हैं, कई लोग उनका सामान कोच के अंदर तक पहुंचाते हैं और सामान रखकर ही नीचे उतरते हैं. कुछेक पैर छूकर विदा लेते हैं. नीचे खड़े होकर ट्रेन छूटने का इंतजार करते हैं. उसके बाद ही स्टेशन से जाते हैं. लेकिन वंदेभारत जैसी ट्रेन में चढ़कर पैर छूना भारी पड़ जाता है. कई ऐसे मामले आ रहे हैं कि पैर छूने को चढ़े और फिर ट्रेन चल दी. टीटी ने पेनाल्टी लगा दी. रेलवे ने इससे संबंधित एडवाइजरी जारी की है.
उत्तर मध्य रेलवे के प्रयागराज मंडल के जनसंपर्क अधिकारी अमित कुमार सिंह के अनुसार वंदेभारत एक्सप्रेस ट्रेनों में कई ऐसे मामले संज्ञान में आये हैं कि यात्री को छोड़ने आये उसके साथी या परिजन ट्रेन में चढ़ गये और उसी दौरान दरवाजा बंद हो गया. ऐसे में अगले स्टापेज वाले स्टेशन पर ही उतरने को मिलता है. परेशानी की बात यह है कि परिजन या साथी को जुर्माना देना पड़ता है. बताया जा रहा है कि कई बार ट्रेन में चढ़कर परिजनों या रिश्तेदारों के पैर छूना भी एक वजह बना जाता है.
रेलवे ने जारी की एडवाइजरी
वंदेभारत एक्सप्रेस को सुविधाजनक बनाने के लिये आधुनिक तकनीकों से लैस किया गया है. इन्ही तकनीकी सुविधाओं के चलते वंदेभारत में अतिरिक्त सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए स्वचालित दरवाजे लगाये गये हैं. जो ट्रेन के स्टेशन पर रुकने के बाद स्वतः ही खुलते हैं और चलने के कुछ समय पूर्व स्वतः ही बंद हो जाते हैं. इसके बारे में ट्रेन में उद्घोषणा भी की जाती है.
नहीं चलेगा कोई बहाना
वंदेभारत के दरवाजे ट्रेन चलने के बाद अगले ठहराव स्टेशन पर ही खुलते हैं. टिकट चेकिंग के दौरान अगर कोई व्यक्ति बिना टिकट पाया जाता है तो उस पर नियमानुसार पेनाल्टी शुल्क वसूल की जाती है. यात्रियों को वंदे भारत में यात्रियों को चढ़ाते और बिठाते समय सभी लोगों को ध्यान में रखना चाहिए कि इस गाड़ी के स्वचालित दरवाजे एक बार बंद होने के बाद दोबारा अगले स्टेशन पर ही खुलते हैं.
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FIRST PUBLISHED :
November 8, 2024, 19:26 IST