पहलगाम अटैक: अमेरिकी कंपनी से जुड़े साजिश के तार, 2 माह पहले हुआ था गंदा काम!

2 hours ago

Last Updated:May 10, 2025, 15:14 IST

Pahalgam Attack nia enquiry linked with US firm: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 26 हिंदुओं के नरसंहार की जांच में एक बड़ा सुराग मिला है. फरवरी महीने में अमेरिकी कंपनी मैक्सार टेक्नोलॉजी से जुड़ी सैटेलाइट तस्वीरों क...और पढ़ें

 अमेरिकी कंपनी से जुड़े साजिश के तार, 2 माह पहले हुआ था गंदा काम!

पहलगाम हमले के बाद पूरी घाटी में सुरक्षा के कड़े इंतजाम हैं.

हाइलाइट्स

एनआईए जांच में अमेरिकी कंपनी का लिंक मिला.मैक्सार टेक्नोलॉजी से पहलगाम की सैटेलाइट तस्वीरें मंगाई गईं.मैक्सार पाकिस्तानी कंपनी बीएसआई के साथ काम करती है.

Pahalgam Attack nia enquiry linked with US firm: बीते महीने की 22 तारीख को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 26 निर्दोष हिंदुओं के नरसंहार की जांच में रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं. इस मामले की जांच एनआईए कर रही है. इस घटना के खिलाफ पूरे देश में आक्रोश की एक लावा फूट पड़ी है. इसके बाद भारत की सेनाओं ने इस हमले के गुनहगारों को सजा देने के लिए ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च कर रखा है. भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में घुसकर आतंकवादियों पर बम बरसाए है. इसमें बड़ी संख्या में आतंकवादी मारे गए हैं. इससे दोनों देशों के बीच जंग जैसी स्थिति पैदा हो गई है.

इस बीच द प्रिंट वेबसाइट ने एक एक्सक्लूसिव रिपोर्ट छापी है. इस रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले की साजिश के तार अमेरिका से जुड़ते नजर आ रहे हैं. इसके मुताबिक पहलगाम में आतंकवादी हमले से करीब दो माह पहले एक अमेरिकी कंपनी मैक्सार टेक्नोलॉजी से बड़े पैमाने पर पहलगाम और उसके आसपास के इलाकों की हाई-रिजॉल्यूशन सैटेलाइट तस्वीरें ऑर्डर की गई थीं. आमतौर पर इतना ज्यादा ऑर्डर कभी नहीं मिलता है. कंपनी से मिली जानकारी के आधार पर रिपोर्ट में कहा गया है कि उसे 2 से 22 फरवरी के बीच इस इलाके की तस्वीरों के 12 ऑर्डर आए. जबकि सामान्य तौर पर ऐसे ऑर्डर बहुत कम आते हैं. मैक्सार पाकिस्तान की एक कंपनी बिजनेस सिस्टम्स इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड (बीएसआई) के साथ साझेदारी में काम करती है. यह कंपनी अमेरिका में कई आपराधिक मामलों में भी शामिल रही है.

तथ्य नहीं किए जा सकते नजरअंदाज
हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि ये ऑर्डर बीएसआई ने दिए थे या नहीं. प्रिंट की रिपोर्ट में रक्षा विशेषज्ञों और तकनीक के एक्सपर्ट्स का कहना है कि पहलगाम हमले की जांच में इस तथ्य को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. इसमें एक और अहम बात यह है कि बीएसआई के संस्थापक उबैदुल्लाह सईद का इतिहास आपराधिक रहा है. सईद को अमेरिकी कोर्ट ने पाकिस्तान परमाणु ऊर्जा आयोग को अवैध रूप से हाईटेक कंप्यूटर उपकरण और सॉफ्टवेयर निर्यात करने के लिए एक सजा की सजा सुनाई थी.

द प्रिंट ने मैक्सार की सर्विस लेने वाले एक सूत्र के हवाले से लिखा है कि यह चिंता की बात है. मैक्सार ने बिना जांच के एक पाकिस्तानी कंपनी के साथ कैसे साझेदारी कर ली. भारत सरकार को ऐसी सैटेलाइनट इमेजिंग कंपनियों पर दवाब डालना चाहिए कि वे पाकिस्तान के साथ काम करना बंद करें.

कई संवेदनशील इलाकों की तस्वीरें मंगाई
मैक्सार कंपनी की वेबसाइट के मुताबकि उससे पहलगाम के अलावा पुलवामा, अनंतनाग, पुंछ, राजौरी और बारामूला के जैसे संवेदनशील इलाकों की तस्वीरें भी मंगाई गई थी. इन तस्वीरों की कीमत तीन लाख रुपये से शुरू होती है. ये कीमत रिजॉल्यूशन के आधार पर बढ़ती जाती है.

इस रिपोर्ट में इसरो के एक वैज्ञानिके हवाले से लिखा गया है कि सैटेलाइट निगरानी किसी भी देश की खुफिया जानकारी का आधार है. यह स्पष्ट नहीं है कि इन तस्वीरों का इस्तेमाल पहलगाम हमले की योजना में हुआ या नहीं. लेकिन, भारत को मैक्सार से इन ऑर्डर्स की जांच के लिए कहना चाहिए. ऐसी तस्वीरें आमतौर पर सेना द्वारा सैनिक गतिविधियों, हथियारों की तैनाती और अन्य अवैध गतिविधियों पर नजर रखने के लिए की जाती है.

द प्रिंट की इस रिपोर्ट में भारतीय अंतरिक्ष संघ के महानिदेशक लेफ्टिनेंट रिटायर जनरल एके भट्ट के हवाले से लिखा गया है कि हाई रिजॉल्यूशन सैटेलाइट तस्वीरों की आसान उपलब्धता खतरनाक हो सकती है. ये तस्वीरें देशों और सेनाओं की निगरानी और जासूसी क्षमता को बेहतर बनाती है. अगर गलत लोग या आतंकवादी इन तस्वीरों का उपयोग करेंगे तो यह बड़ा खतरा साबित हो सकता है.

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संतोष कुमार

न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...और पढ़ें

न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...

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