पहलगाम हमले के दो चेहरे, एक आदिल आतंक का तो दूसरा इंसानियत का बन गया हीरो

10 hours ago

Last Updated:April 25, 2025, 23:58 IST

Pahalgam Terror Attack: पहलगाम में आतंकी हमले में सैयद आदिल हुसैन शाह ने पर्यटकों को बचाते हुए जान गंवाई. महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री ने उनके परिवार को 5 लाख की मदद का ऐलान किया. वहीं एक आदिल को आतंकी के रूप मे...और पढ़ें

पहलगाम हमले के दो चेहरे, एक आदिल आतंक का तो दूसरा इंसानियत का बन गया हीरो

पहलगाम हमले के दो आदिल की कहानी. (फोटो PTI)

हाइलाइट्स

सैयद आदिल हुसैन शाह ने पर्यटकों को बचाते हुए जान गंवाई.महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री ने सैयद के परिवार को 5 लाख की मदद का ऐलान किया.आतंकी आदिल थोकर लश्कर-ए-तैयबा का सदस्य है.

श्रीनगर: यह कहानी एक ही नाम के दो व्यक्तियों की है और दोनों का नाम आदिल है. उनमें से एक वो आदिल हैं जिन्होंने पर्यटकों को बचाने की कोशिश करते हुए अपने सीने पर गोलियां खाई जबकि दूसरे आदिल ने घाटी की सुंदरता निहारने आए मासूमों को गोलियां से छलनी कर दिया. दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम में मंगलवार को आतंकवादियों की गोलीबारी में कम से कम 26 लोग मारे गए. इस हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया और दुनिया भर में इसकी निंदा की गई है.

सुरक्षा एजेंसियों ने बताया कि निहत्थे लोगों को निशाना बनाने वाला आदिल थोकर उर्फ ​​आदिल गुरी लश्कर-ए-तैयबा (LET) का सदस्य है जबकि इन आतंकवादियों से पर्यटकों को बचाने वाले बहादुर शख्स का नाम सैयद आदिल हुसैन शाह है. कश्मीर के विभिन्न पहलुओं को समेटे इन दोनों व्यक्तियों के जीवन में बहुत भिन्नता है.

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दोनों आदिल कर गया अलग-अलग काम
अधिकारियों ने बताया कि दक्षिण कश्मीर के बिजबेहरा के गुरी गांव का निवासी आतंकवादी आदिल थोकर की उम्र 20 से 30 के बीच है जबकि वीरता का परिचय देने वाले आदिल हुसैन की उम्र लगभग 30 साल थी. पहलगाम आतंकवादी हमले में शामिल लश्कर-ए-तैयबा (LET) सदस्य आदिल का जम्मू कश्मीर स्थित घर विस्फोट में नष्ट हो गया.

2018 पाकिस्तान जाकर गायब हो गया था आतंकी आदिल
यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि विस्फोट किस कारण से हुआ लेकिन अधिकारियों ने बताया कि घर में विस्फोटक छिपा कर रखे गए और वहां तलाशी अभियान चलाया जा रहा है. आतंकवादी आदिल 2018 में वैध यात्रा दस्तावेज (VTD) पर पाकिस्तान गया था और उसके बाद गायब हो गया था. जब वह पाकिस्तान गया था तब उसकी उम्र किशोरावस्था से थोड़ी ही ज्यादा थी. इसके बाद जल्द ही ऐसी खबरें आने लगीं कि वह प्रतिबंधित आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा में शामिल हो गया है.

अधिकारियों ने बताया कि आदिल 2024 में नियंत्रण रेखा के जरिए घुसपैठ कर भारत आया और जम्मू क्षेत्र के डोडा और किश्तवाड़ इलाकों में सक्रिय था. पहलगाम हमले की जांच से पता चला कि आतंकवादियों की संख्या पांच से सात तक हो सकती है. उन्हें यहां के कम से कम दो ऐसे स्थानीय आतंकवादियों ने मदद की है, जिन्होंने पाकिस्तान में प्रशिक्षण लिया है.

फरार आदिल भी उनमें से एक है. इस हमले में मारे गए एक व्यक्ति की पत्नी ने आदिल की पहचान की है. प्रत्यक्षदर्शियों को कम से कम छह से सात तस्वीरें दिखाई गई थीं. उनमें से एक ने आदिल की पहचान की और बताया कि उसने मासूम लोगों पर गोलियां चलाई थी. इसके बाद आतंकवादी पीर पंजाल के घने जंगलों में भाग गए.

एक आदिल हत्यारा है, वहीं दूसरा आदिल नायक है जिसे हजारों लोग प्यार कर रहे हैं और उसकी मौत से गमगीन हैं. वह अपने परिवार में कमाने वाले एकमात्र सदस्य थे. वह पहलगाम से पर्यटकों को अपने खच्चर पर छह किलोमीटर दूर घास के हरे-भरे मैदान तक ले जाकर अपनी आजीविका चलाते थे. इसे ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ भी कहा जाता है.

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री ने मदद का किया ऐलान
पहलगाम में मारे गए सैयद आदिल हुसैन शाह पर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, “ये जाति धर्म की बात नहीं है. जो हमारे पर्यटक वहां गए थे उनकी ऊपर गोलियां चलाई गई. उनको बचाने का काम इसने किया. आतंकवादियों की बंदूक छीनने की कोशिश की ताकि पर्यटक पर गोली ना चले लेकिन दूसरे आतंकवादी ने आकर उनको मार दिया और वे शहीद हो गए. मैंने भी आदिल के परिवार से बात की. हमारे लोग भी वहां पहुंचे. वे अपने घर में एक कमाने वाला लड़का था. उनके परिवार की स्थिति ठीक नहीं है. शिवसेना की ओर से उनको 5 लाख रुपए की मदद भी की जाएगी.”

हमले के बाद, महाराष्ट्र के कई पर्यटक इस क्षेत्र में फंसे हुए थे. उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे राहत कार्यों की देखरेख के लिए 23 अप्रैल को श्रीनगर पहुंचे. उन्होंने एयरपोर्ट के पास एक राहत शिविर का दौरा किया, फंसे हुए पर्यटकों से मुलाकात की और उनकी बातें सुनीं और सहायता की पेशकश की. कई पर्यटकों ने सैयद के वीरतापूर्ण कार्यों की बहुत प्रशंसा की, जिसने उपमुख्यमंत्री को बहुत प्रभावित किया और उन्होंने उसके परिवार को सहायता प्रदान करने का तुरंत निर्णय लिया.

Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

April 25, 2025, 23:47 IST

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