Last Updated:April 26, 2025, 08:06 IST
Rajkot News: राजकोट में मनपा संचालित लाइब्रेरियों में 2.65 लाख किताबें हैं और 40 हजार से अधिक लोग इसका लाभ उठा रहे हैं. डिजिटल युग में भी किताबों का महत्व बरकरार है.

राजकोट में डिजिटल युग में भी किताबों का महत्व
हाइलाइट्स
राजकोट में 2.65 लाख किताबें और 40 हजार पाठक हैं.डिजिटल युग में भी किताबों का महत्व बरकरार है.राजकोट में 8 पुस्तकालय और 7 विद्यार्थी वाचनालय संचालित हैं.राजकोट: एक किताब इंसान की जिंदगी बदल सकती है. किताब एक महान व्यक्ति, महान समाज और एक महान राष्ट्र का निर्माण करती है. स्वामी विवेकानंद ने अपने जीवनकाल में हजारों किताबें पढ़ीं और उनकी किताबों ने करोड़ों युवाओं की जिंदगी बदल दी. महाभारत और रामायण ने देश का निर्माण किया. इसलिए एक किताब अच्छे इंसान का निर्माण कर सकती है और उसकी जिंदगी बदल सकती है. इस डिजिटल युग में भी किताबों का महत्व बरकरार है.
बता दें कि राजकोट में नगर निगम संचालित लाइब्रेरियों में लाखों किताबें हैं. इन किताबों में वर्षों पुरानी किताबों का खजाना है. राजकोट में नगर निगम संचालित इन लाइब्रेरियों का लाभ राजकोट के 40 हजार से अधिक लोग उठा रहे हैं. यानी आज के डिजिटल युग में भी किताबों का महत्व बरकरार है.
किताबें मन को एकाग्र करती हैं
लोकल 18 से बात करते हुए संचालक देवांगभाई ने बताया, “राजकोट महानगरपालिका द्वारा 8 पुस्तकालय और 7 विद्यार्थी वाचनालय संचालित किए जा रहे हैं. हमारे इन पुस्तकालयों में 2 लाख 65 हजार से अधिक किताबों का संग्रह है. लगभग 40 हजार सदस्य इसका लाभ उठा रहे हैं.”
उन्होंने आगे बताया, “सोशल मीडिया और डिजिटल युग चल रहा है, तो हमें लगता है कि किताबों का महत्व घट रहा है. लेकिन ऐसा नहीं है. किताबों का महत्व है और रहेगा. क्योंकि आप डिजिटल मीडिया का उपयोग करें और इसके विपरीत फिजिकल किताब लेकर पढ़ें तो दोनों में बहुत अंतर देखने को मिलेगा. किताबें पढ़ने से एकाग्रता बढ़ती है. जबकि सोशल मीडिया का उपयोग करते समय मन एकाग्र नहीं रहता.”
राजकोट में कई लाइब्रेरियां ऐसी हैं जहां जाकर आप मुफ्त में किताबें पढ़ सकते हैं. या फिर बहुत कम शुल्क देकर आप किताबें अपने घर ले जा सकते हैं. इसके साथ ही राजकोट में मोबाइल लाइब्रेरी भी है जो लोगों के घर जाकर किताबें पढ़ने के लिए देती है.
First Published :
April 26, 2025, 08:06 IST