Last Updated:April 01, 2025, 12:22 IST
Sambhal Controversy Supreme Court Hearing: सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ मौलाना की याचिका खारिज की. हाईकोर्ट ने एएसआई को संभल की शाही जामा मस्जिद की बाहरी दीवारों पर रंगरोगन का आदेश दिया थ...और पढ़ें

संभल विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का सुनवाई से इनकार. (File Photo)
नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश के संभल में विवादित स्थल पर रंगाई-पुताई के इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ याचिका लेकर मौलाना सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे. याचिका लगाकर कहा गया कि हाईकोर्ट का आदेश भ्रमित करने वाला है. इस मामले में चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच ने मौलानाओं का पक्ष सुना. जिसके बाद सीजेआई ने कहा कि अगर यह आदेश भ्रमित करने वाला है तो अपनी कंफ्यूजन दूर करने के लिए हाईकोर्ट के पास जाओ और स्थिति को स्पष्ट करो. देश की सवोच्च अदालत ने याचिका को खारिज कर दिया.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 12 मार्च को विवादित स्थल की बाहरी दीवारों पर रंगरोगन का एएसआई को आदेश दिया था. कहा गया कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को संभल में शाही जामा मस्जिद के बाहरी हिस्से की सफेदी कराए. मस्जिद समिति इस कार्य पर होने वाले खर्च की प्रतिपूर्ति करे. याचिकाकर्ता के वकील वरूण सिन्हा ने तर्क दिया कि हाईकोर्ट का आदेश भ्रमित करने वाला है. इसपर सीजेआई की तरफ से कहा गया कि आप पहले हाईकोर्ट जाएं. हाईकोर्ट के आदेश में जो भ्रमित करने वाली बात हैं उन्हें दूर करने के लिए कहें. हम याचिका खारिज कर रहे हैं.
याचिका में सुप्रीम कोर्ट के सामने कहा गया था कि इस विवादित स्थल के रंगोरोगन की मांग पर आदेश उचित नहीं है. लिहाजा हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने की मांग की गई थी. कहा गया था कि क्या भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को हरिहर मंदिर, संभल जैसे स्मारकों या विवादित ढांचे के रखरखाव के लिए धन उपलब्ध नहीं कराया जाता है, जिसपर जामा मस्जिद, संभल की प्रबंधन समिति के अवैध कब्जा है.
First Published :
April 01, 2025, 12:22 IST