Last Updated:May 19, 2025, 07:38 IST
Shashi Tharoor and Bilawal Bhutto: शशि थरूर को भारत की सर्वदलीय टीम का नेतृत्व सौंपने की चर्चा पाकिस्तान में भी है. पाकिस्तानी पत्रकार ने थरूर की तारीफ की और बिलावल भुट्टो पर जमकर तंज कसा.

हाइलाइट्स
शशि थरूर और बिलावल भुट्टो की तुलना की गई.पाकिस्तानी पत्रकार ने थरूर की तारीफ की, भुट्टो पर तंज कसा.थरूर को विदेश नीति का विशेषज्ञ बताया, भुट्टो को नौसिखिया.ऑपरेशन सिंदूर के बाद दुनिया में भारत की बात रखने के लिए बनाई गई सात सर्वदलीय टीमों में से एक का नेतृत्व कांग्रेस सांसद शशि थरूर को देने की चर्चा न केवल अपने देश में है बल्कि पड़ोसी पाकिस्तान में भी इस पर खूब बात हो रही है. शशि थरूर दुनिया के एक जानेमाने विद्वान हैं. विदेशी संबंध और कूटनीति की दुनिया के वे एक जाने-पहचाने नाम हैं. भारत सरकार की इस पहल के बाद पाकिस्तान ने भी दुनिया के देशों में अपनी एक टीम भेजने की घोषणा की है. उस टीम का नेतृत्व पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल जरदारी भुट्टो कर रहे हैं. ऐसे में पाकिस्तान में ही शशि थरूर और बिलावल भुट्टो की तुलना होने लगी है.
रविवार को पाकिस्तान के एक बड़े पत्रकार मोईद पीरजादा के एक वीडियो में इन दोनों नेताओं की तुलना की. इस वीडियो में पीरजादा ने थरूर की जमकर तारीफ की और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो पर तंज कसते हुए कहा कि वे भारत की नकल कर रहे हैं. पीरजादा ने कहा कि थरूर एक सेल्फमेड व्यक्ति हैं, जिन्होंने मेहनत से अपनी पहचान बनाई. जबकि बिलावल को राजनीति में अपने परिवार की वजह से जगह मिली.
थरूर और बिलावल की तुलना
पीरजादा ने अपने वीडियो में थरूर और बिलावल की तुलना की. उन्होंने थरूर को विदेश नीति का विशेषज्ञ बताया, जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र और विदेश नीति के क्षेत्र में लंबा अनुभव हासिल किया है. उन्होंने कहा कि थरूर ने विदेशी मीडिया के साथ संवाद किया है और अपनी मेहनत से पहचान बनाई
शशि थरूर का संयुक्त राष्ट्र के साथ करीब तीन दशक लंबा जुड़ाव रहा है. 1978 से 2007 तक उन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया. उनकी शुरुआत जेनेवा में यूएन हाई कमिश्नर फॉर रिफ्यूजीज (UNHCR) से हुई और बाद में वे संचार और सार्वजनिक सूचना के लिए अंडर-सेक्रेटरी-जनरल बने. 2006 में वे यूएन महासचिव के लिए उम्मीदवार थे. वह एक मजबूत दावेदार थे लेकिन बान की-मून से हार गए. इस अनुभव ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय संबंधों और कूटनीति की गहरी समझ दी.
वहीं, बिलावल भुट्टो पूर्व पाकिस्तानी प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के बेटे हैं. 2007 में अपनी मां की हत्या के बाद राजनीति में आए. उन्होंने पीपीपी की अध्यक्षता संभाली जो उन्हें परिवार की वजह से मिली.
थरूर तिरुवनंतपुरम से सांसद हैं और वे एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे जो विदेशों में जाकर पाकिस्तान की सीमा पार आतंकी गतिविधियों और पहलगाम हमले के बाद सैन्य तनाव के दौरान उसके रवैये को उजागर करेगा. भारत के इस मिशन में 59 सांसद, पूर्व मंत्री, विभिन्न दलों के नेता और पूर्व राजनयिक शामिल होंगे, जो 32 देशों और यूरोपीय संघ का दौरा करेंगे.
बिलावल भुट्टो की टीम में हिना रब्बानी
दूसरी ओर, पाकिस्तान ने बिलावल भुट्टो को भारत के इस कदम का जवाब देने के लिए चुना. बिलावल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि आज सुबह प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने मुझसे संपर्क किया और वैश्विक मंच पर पाकिस्तान के शांति के पक्ष को पेश करने के लिए एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने का अनुरोध किया. मुझे यह जिम्मेदारी स्वीकार करने का सम्मान है. उनके दल में डॉ. मुसादिक मलिक, खुर्रम दस्तगीर खान, शेरी रहमान और राज्य मंत्री हिना रब्बानी खार जैसे प्रमुख नेता शामिल हैं.
ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने पहलगाम में 26 नागरिकों की मौत का बदला लेते हुए पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए. इन हमलों में जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर के 10 परिवार वालों और चार करीबी सहयोगियों की मौत हुई. हमले में पाकिस्तान के रफीकी, मुरीद, नूर खान, रहीम यार खान, सुक्कुर, चुनियान, स्कार्दू, भोलारी, जैकोबाबाद और सरगोधा में स्थित ठिकानों को भारी नुकसान पहुंचा.
न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...और पढ़ें
न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...
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