Last Updated:March 19, 2025, 17:30 IST
Maharashtra: राज्य में भीषण गर्मी से पानी की भारी किल्लत हो गई है. मराठवाड़ा के कई इलाकों में जलस्तर गिरने से लोग पानी के लिए तरस रहे हैं.

महाराष्ट्र में पानी की कमी
राज्य में बढ़ती गर्मी के कारण पानी की मांग तेजी से बढ़ रही है. कई इलाकों में जलस्तर लगातार गिर रहा है, जिससे लोगों को पानी के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है. बोरवेल और कुएं सूखने लगे हैं, जिससे जल संकट और भी गंभीर होता जा रहा है. हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि कई इलाकों में टैंकरों के जरिए पानी की आपूर्ति शुरू करनी पड़ी है.
मराठवाड़ा में जल संकट से हाहाकार
मराठवाड़ा पहले से ही सूखे की मार झेल रहा है, लेकिन इस बार स्थिति और भी गंभीर हो गई है. छत्रपति संभाजीनगर के कई इलाकों में भी पानी की किल्लत महसूस की जा रही है. पैठण तालुका के गांवों में पानी की इतनी कमी हो गई है कि अब इसका असर समाज पर भी दिखने लगा है. यहां पानी की किल्लत के कारण शादी-ब्याह जैसी रस्मों पर भी असर पड़ रहा है.
डोंगांव तांबे गांव में पानी के लिए त्राहिमाम
पैठण तालुका के डोंगांव तांबे गांव में मार्च महीने से ही पानी की समस्या शुरू हो गई है. मराठवाड़ा को नाथसागर बांध से पानी की आपूर्ति की जाती है, लेकिन इसके बावजूद इस गांव के लोगों को पीने के पानी के लिए तरसना पड़ रहा है. हालात ऐसे हो गए हैं कि लोगों को कहना पड़ रहा है—”धरण पास में है, लेकिन गले सूखे पड़े हैं.”
शादी-ब्याह में भी आ रही रुकावट
गांव में पानी की इतनी भयंकर किल्लत है कि आसपास के गांवों के लोग यहां के लड़कों से अपनी बेटियों की शादी करने से इनकार कर रहे हैं. पानी की कमी अब सामाजिक समस्याओं को भी जन्म देने लगी है. यहां के लोग कहते हैं कि यदि पानी की समस्या जल्द हल नहीं हुई तो आने वाले समय में गांव में बसने वालों की संख्या भी घट सकती है.
पढ़ाई पर भी पड़ा असर, बच्चे पानी के लिए भटकने को मजबूर
गांव में पिछले डेढ़ महीने से पानी नहीं आया है, जिससे अब स्कूली बच्चों को भी सिर पर बर्तन रखकर पानी लाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. पानी की तलाश में उन्हें स्कूल छोड़कर घर पर रहना पड़ता है, जिससे उनकी पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हो रही है.
बोरवेल भी सूखे, तालाबों का पानी खत्म
इस साल अच्छी बारिश के बावजूद डोंगांव तांबे का तालाब पूरी तरह सूख चुका है. मार्च महीने में ही यहां जलस्तर इतना गिर चुका है कि बोरवेल भी पानी देना बंद कर चुके हैं. हालात दिन-ब-दिन बदतर होते जा रहे हैं और लोगों के लिए पानी की उपलब्धता एक बड़ा संकट बन चुकी है.
First Published :
March 19, 2025, 17:30 IST