पुतिन का अचूक 'हथियार', जेलेंस्की के 'दिल' पर डायरेक्ट वार! रूस के इंतकाम का गजब स्टाइल

2 weeks ago

Putin action on Ukraine: यूक्रेन पर पुतिन ने ऐसा वार किया है जिसका दर्द उसे कभी भुलाए नहीं भूलेगा. पुतिन के इस जबरदस्त वार से जेलेंस्की की फौज में हाहाकार मच गया है. क्योंकि यूक्रेन के ड्रोन काफिले पर पुतिन के महाबली ने एकदम सटीक हमला करके जेलेंस्की का पूरा कुनबा बिखेर दिया है. रूस-यूक्रेन जंग को लगभग तीन साल से ज्यादा वक्त गुजर चुका है. अब ये जंग और भी घातक हो चुकी है. इस जंग में ना तो जेलेंस्की झुकने को तैयार हैं ना पुतिन पीछे हटने को तैयार हैं और हो रहा तो सिर्फ नुकसान. 

यूरोप में इस्कंदर का खौफ!

यूक्रेन के खिलाफ अब रूस ने अपने शक्तिशाली हथियार इस्कंदर मिसाइल का इस्तेमाल किया है. रूस की तरफ से जारी तस्वीरों के मुताबिक रूस ने चेरनिगोव के पूर्वी इलाके लावी के पास इस्कंदर-M टैक्टिकल बैलिस्टिक मिसाइल और गेरान-2 कामिकाज़े ड्रोन से घातक हमला किया. इस हमले में यूक्रेन सेना के 20 ट्रक भरकर 100 से ज्यादा लॉन्ग-रेंज Lyutyi drones ध्वस्त हो गए. वहीं इसके साथ रूसी अटैक में यूक्रेन के करीब 60 से ज्यादा सैनिक, ड्रोन ऑपरेटर और ड्राइवर्स के मरने और घायल होने की खबर आई. 

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पुतिन की सेना यूक्रेन में भयकंर तबाही मचा रही है. दूसरी ओर यूरोप बहुत बड़ी मुश्किल में है. क्योंकि रूस ने यूक्रेन के साथ साथ पूरे यूरोप को जंग का चैलेंज दे दिया है और यूरोप भी बेबस ही नजर आ रहा है. क्योंकि रूस जितनी मिसाइलें बना रहा है उसका आधा हिस्सा भी पूरा यूरोप मिलकर नहीं रोक सकता है.

क्यों परेशान है यूरोप?

रूस जहां एक साल में एक हजार मिसाइलें बना रहा है. वहीं सारे यूरोपीय देश मिलकर सिर्फ 300 मिसाइलें रोक सकते हैं. लेकिन एक बैलिस्टिक टारगेट को रोकने के लिए 2 इंटरसेप्टर मिसाइलें ज़रूरी मानी जाती हैं. यानी रियल काउंटर कैपेसिटी सिर्फ 150 टारगेट्स की है.

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कुल मिलाकर जिस तेजी से पुतिन हथियार बना रहे हैं. उसी तेजी से यूरोपीय देश पिछड़ रहे हैं. भविष्य में ये खाई और बढ़ सकती है. यूरोपीय देश सिर्फ पिछड़ ही नहीं रहे हैं. वो इस्कंदर और किंजल मिसाइलों के कहर को भी नहीं रोक पा रहे हैं क्योंकि दोनों ही मिसाइल कहर बरपाने के लिए कुख्यात हैं और यूरोप के डिफेंस सिस्टम यूक्रेन में फेल साबित हो रहे हैं.

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