Last Updated:August 11, 2025, 12:05 IST
Supreme Court on Indian Army Vacancy: सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय सेना की JAG ब्रांच में पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग सीटें आरक्षित करने की नीति को असंवैधानिक करार दिया है. कोर्ट ने कहा कि भर्ती केवल योग्यता क...और पढ़ें

सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय सेना की जज एडवोकेट जनरल (JAG) ब्रांच में पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग सीटें आरक्षित करने की नीति को असंवैधानिक करार देते हुए रद्द कर दिया है. कोर्ट ने साफ कहा कि लैंगिक तटस्थता का मतलब यह है कि सभी योग्य उम्मीदवारों का चयन केवल योग्यता के आधार पर होना चाहिए, न कि लिंग के आधार पर.
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा, ‘कार्यपालिका पुरुषों के लिए सीटें आरक्षित नहीं कर सकती. पुरुषों के लिए 6 और महिलाओं के लिए 3 सीटें तय करना मनमाना है और भर्ती की आड़ में इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती.’
क्या है पूरा मामला?
यह फैसला दो महिला याचिकाकर्ताओं की उस याचिका पर आया, जिसमें JAG में पुरुष और महिला उम्मीदवारों के लिए अलग वेकैंसीज़ को चुनौती दी गई थी. याचिकाकर्ताओं ने दलील दी कि सेना की यह नीति समानता के अधिकार का उल्लंघन करती है और महिलाओं के अवसरों को अनावश्यक रूप से सीमित करती है.
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 2023 के नियमों और लैंगिक तटस्थता का सही अर्थ यह है कि केंद्र सबसे योग्य उम्मीदवारों का चयन करे, चाहे वे किसी भी लिंग के हों. अदालत ने यह भी कहा कि अगर इस तरह की नीतियां अपनाई जाती रहीं, तो कोई भी राष्ट्र सुरक्षित नहीं रह सकता.
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि महिलाओं की सीटों को सीमित करना संविधान के अनुच्छेद 14 के तहत मिली समानता के अधिकार का उल्लंघन है. इसके साथ ही, कोर्ट ने केंद्र और सेना को आदेश दिया कि वे आगे से भर्ती की संयुक्त मेरिट लिस्ट तैयार करें, जिसमें पुरुष और महिला उम्मीदवारों का एकसमान मूल्यांकन किया जाए.
क्या है JAG विभाग?
जज एडवोकेट जनरल (JAG) विभाग भारतीय सेना की कानूनी शाखा है, जो सेना से जुड़े सभी कानूनी मामलों को संभालने के लिए जिम्मेदार है. यह विभाग अनुशासनात्मक मामलों, मुकदमों, संवैधानिक अधिकारों और कानून के पालन को सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाता है.
JAG विभाग के अधिकारी सेना के भीतर विभिन्न कानूनी कार्यों में शामिल होते हैं, जिनमें सैन्य कर्मियों को अनुशासनात्मक मामलों, कोर्ट मार्शल और दूसरे कानूनी मुद्दों पर परामर्श देना, सेना का सिविल और क्रिमिनल मामलों में प्रतिनिधित्व करना शामिल है.
भारतीय सेना के JAG विभाग में शामिल होने के लिए लॉ ग्रैजुएट्स को JAG परीक्षा पास करनी होती है. यह परीक्षा योग्य उम्मीदवारों को सीधे सेना के कानूनी विभाग में अधिकारी के रूप में प्रवेश दिलाती है.
An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...और पढ़ें
An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...
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Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
August 11, 2025, 12:01 IST