पूजा करके निकलते थे चोरी करने, जमानत के खर्च के लिए अलग से निकालते हिस्सा

1 month ago

Last Updated:May 15, 2025, 13:58 IST

Tamil Nadu robbery gang: तमिलनाडु रामजी नगर की एक अनोखी चोर गैंग बेलगावी में पकड़ी गई है. ये चोरी से पहले पूजा करते थे और महंगी कारों को निशाना बनाकर कोड वर्ड में बात करते थे. मेडिकल छात्र की कार चोरी से राज खु...और पढ़ें

पूजा करके निकलते थे चोरी करने, जमानत के खर्च के लिए अलग से निकालते हिस्सा

प्रतीकात्मक तस्वीर

तमिलनाडु के श्रीरंगम तालुक के रामजी नगर गांव में एक गैंग रहता है जो बाहर से देखने में आम लोग लगते हैं. गांव के लोग उन्हें शरीफ और मेहनती समझते हैं. लेकिन जब ये गांव से बाहर निकलते हैं, तो बन जाते हैं प्रोफेशनल चोर. ये लोग चोरी को अपना पारिवारिक काम मानते हैं, जैसे किसी के घर में कोई पीढ़ियों से दर्जी या किसान हो, वैसे ही इनके घर में चोरी को ही पेशा बना लिया गया है.

चोरी से पहले करते हैं पूजा और रस्में
इस गिरोह की सबसे हैरान करने वाली बात ये है कि ये लोग चोरी करने से पहले धार्मिक पूजा करते हैं. अपने घर में पहले पूर्वजों को खाना चढ़ाते हैं, अगरबत्ती जलाते हैं और दुआ मांगते हैं कि उनकी चोरी सफल हो. उन्हें लगता है कि अगर भगवान और पूर्वजों की मर्जी हुई तो चोरी कामयाब होगी. यानी चोरी करना इनके लिए एक पूजा की तरह है, ना कि कोई गलत काम.

महंगी कारों को बनाते थे निशाना
ये गैंग खासतौर पर शहरों की बड़ी और महंगी कारों को टारगेट करता है. ये लोग बहुत ध्यान से ऐसे इलाकों को चुनते हैं जहां लोग पार्किंग में गाड़ी छोड़कर चले जाते हैं. फिर ये पत्थर या छोटे हथियार से कार का शीशा तोड़ते हैं और जो भी कीमती सामान जैसे लैपटॉप, मोबाइल, टैबलेट, पैसे या डॉक्युमेंट्स होते हैं, उन्हें चंद सेकेंड में लेकर फरार हो जाते हैं.

कोड वर्ड में करते थे बात, ताकि कोई पकड़ न सके
जब ये लोग चोरी करते हैं तो एक-दूसरे से आम भाषा में बात नहीं करते. ये अलग-अलग रीजनल भाषाओं का इस्तेमाल करते हैं और उसमें भी कोड वर्ड्स बोलते हैं. जैसे अगर कोई बोले “पेड़ काटो”, तो हो सकता है उसका मतलब हो “गाड़ी का शीशा तोड़ो.” इससे कोई सुनकर भी नहीं समझ पाता कि ये चोरी की प्लानिंग कर रहे हैं. पुलिस तक को इस बात पर यकीन नहीं हो रहा था कि इतना सिस्टम से चोरी भी की जा सकती है.

माल का बंटवारा भी पूरी प्लानिंग से होता था
जो भी सामान चोरी होता था, उसे बांटने का भी इनका अपना ‘फॉर्मूला’ था. चोरी करने वाला 10% हिस्सा रखता था, गैंग का लीडर 10% लेता था. कुछ हिस्सा कोर्ट-कचहरी और जमानत के खर्च के लिए अलग रखा जाता था. बाकी जो बचता था, उसे सबमें बराबर-बराबर बांट दिया जाता था. ये सब सुनकर लगता है जैसे कोई कंपनी चला रहे हों, बस काम चोरी का है.

मेडिकल छात्र की कार से खुला पूरा मामला
ये सारा राज तब खुला जब बेलगावी में एक मेडिकल छात्र की कार से दो लैपटॉप, iPad और कुछ मेडिकल उपकरण चोरी हो गए. छात्र ने पुलिस में शिकायत की. पुलिस ने जब इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को ट्रैक किया तो लोकेशन तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में मिली. इसके बाद पुलिस वहां पहुंची और जांच शुरू की.

तिरुचिरापल्ली से एक आरोपी गिरफ्तार
पुलिस ने जब लोकेशन ट्रेस कर वहां छापा मारा तो एक आरोपी को पकड़ लिया गया. पूछताछ में उसने पूरे गैंग की जानकारी दे दी—कैसे वे चोरी करते हैं, पूजा कैसे करते हैं, और बंटवारा कैसे होता है. उसने ये भी बताया कि पहले भी कुछ लोग जेल गए हैं, लेकिन बाहर आते ही फिर से चोरी में लग जाते हैं.

भारत पाकिस्तान की ताज़ा खबरें News18 India पर देखें

homenation

पूजा करके निकलते थे चोरी करने, जमानत के खर्च के लिए अलग से निकालते हिस्सा

Read Full Article at Source