Last Updated:November 19, 2025, 09:49 IST
Indian Railways- मौजूदा समय देश के तमाम शहरों में प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ गया है. यहां के लोगों को सांस लेने में परेशानी भी हो रही है. इसी के बीच भारतीय रेलवे ने इस समस्या से कुछ हद तक राहत देने के लिए खास कदम उठाया है. केंद्रीय रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने कंटेनरों और थोक सीमेंट टर्मिनलों की योजना का उद्घाटन रेलभवन में किया.
रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव थोक सीमेंट टर्मिनलों की योजना का उद्घाटन करते हुए.नई दिल्ली. दिल्ली समेत देश के तमाम शहरों में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए भारतीय रेलवे बड़ा कदम उठाया है. इसके तहत ट्रेनों से डोर टू डोर सीमेंट को ट्रांसपोर्ट किया जाएगा. इससे प्रदूषण कम करने में मदद मिलेगी, साथ ही आम लोगों को आर्थिक फायदा भी होगा. रेलवे ने इसकी शुरुआत कर दी है, आइए जानते हैं कि यह कदम कैसे प्रदूषण कम करेगा और आम लोगों के लिए कैसे फायदे का सौदा होगा?
रेलवे ने ‘मेक इन इंडिया’ के तहत 20 फीट × 8 फीट × 8.5 फीट के मानक आयामों के साथ कंटेनर डिज़ाइन किया गया है, जो 26 टन की पेलोड क्षमता और 31 टन का कुल भार ट्रांसपोर्ट कर सकेगा. प्रत्येक कंटेनर केवल 25-30 मिनट के लोडिंग और अनलोडिंग कर सकेगा. इसका डिज़ाइन इसे मल्टी मॉडल परिवहन ट्रेन से ट्रेलर और वापस ट्रेन तक आसानी से पहुंचा जा सकता है. इससे सीमेंट फैक्ट्रियों से लेकर आम उपभोक्ताओं के आसानी से पहुंचाया जा सकेगा. केंद्रीय रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने कंटेनरों और थोक सीमेंट टर्मिनलों की योजना का उद्घाटन रेलभवन में किया.
अभी इस तरह होता है प्रदूषण
अभी सीमेंट की ढुलाई ट्रकों से भी की जाती है. इसे सीमेंट फैक्ट्री से उपभोक्ता तक पहुंचाने में कई बार पटका जाता है, इससे सीमेंट उड़ती है, जो हवा में फैलती है. साथ ही ढुलाई के िलए चलने वाले ट्रकों से कार्बन उत्सर्जन भी खूब होता है. ऐसे में सीमेंट ट्रांसपोर्ट से दो तरह से प्रदूषण होता है.
इस तरह प्रदूषण में आएगी कमी
रेलवे द्वारा तैयार कंटेनरों से सीमेंट ढुलाई में सड़क परिवहन की तुलना में कार्बन उत्सर्जन में महत्वपूर्ण कमी आएगी. इससे पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी और सड़कों पर भीड़भाड़ कम होती है. इससे एक बार में ही बड़ी मात्रा में सीमेंट की ढुलाई की जा सकेगी जिससे पैकेजिंग की आवश्यकताओं को कम करती है, साथ ही रिसाव ( पटकने से उड़ने वाली धूल) कम सीमेंट उड़ेगी. इससे प्रदूषण कम होगा और आम लोगों तक सीमेंट की मात्रा पूरी तरह से ठीक पहुंचेगी, क्योंकि बार बार पटकने से सीमेंट कम बोरी में कम होती है.
जल्दी पहुंच सकेगी सीमेंट
सीमेंट को ट्रांसपोट करने का काम पूरी तरह से मशीनीकृत होगा, यानी लोडिंग और अनलोडिंग तेजी से किया जा सकेगा, जिससे सीमेंट तेजी से आम लोगों तक पहुंच सकेगा . लॉजिस्टिक्स दक्षता बढ़ती है.
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Location :
New Delhi,New Delhi,Delhi
First Published :
November 19, 2025, 09:46 IST

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