फाइटर जेट ने न्यूक्लियर मिसाइल ले जा रहे बॉम्बर पर हमला कर दिया तो क्या होगा?

7 hours ago

Last Updated:August 06, 2025, 05:01 IST

Nuclear Bomber: यह आम लोगों के लिए यह जानना बेहद जरूरी है कि न्यूक्लियर बॉम्बर्स जैसे B-52, TU-160 भारी होते हैं लेकिन लाचार नहीं. दुश्मन फाइटर जेट्स जैसे F-35, Rafale इनपर हमला जरूर कर सकते हैं. हालांकि ऐसी पर...और पढ़ें

फाइटर जेट ने न्यूक्लियर मिसाइल ले जा रहे बॉम्बर पर हमला कर दिया तो क्या होगा?बॉम्‍बर लंबी दूरी के लिए उड़ान भरते हैं. (File Photo)

हाइलाइट्स

न्यूक्लियर बॉम्बर्स भारी होते हैं लेकिन लाचार नहीं.अटैक होने पर न्यूक्लियर हथियार हवा में फटते नहीं हैं.न्यूक्लियर बॉम्बर पर हमला तीसरे विश्व युद्ध का कारण बन सकता है.

मान लीजिए एक न्यूक्लियर बॉम्बर अपने टारगेट की ओर बढ़ रहा है. इसमें परमाणु हथियार लदे हैं, वो हथियार जो पूरी की पूरी सिटी को चंद सेकंड में तबाह कर सकते हैं. अचानक एक दुश्मन फाइटर जेट उसका पीछा करता है और हमला कर देता है. अब सोचिए, क्या होगा?

बॉम्बर हैवी होता है, लेकिन ‘लाचार’ नहीं
न्यूक्लियर बॉम्बर्स (जैसे अमेरिका का B-52, रूस का TU-160 या भविष्य का भारत का स्ट्रैटजिक बॉम्बर) आमतौर पर भारी और धीमे होते हैं, क्योंकि वे लंबी दूरी की उड़ान भरने और भारी पेलोड ले जाने के लिए बने होते हैं. लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि वो बिना बचाव के उड़ते हैं. ये बॉम्बर्स इलेक्ट्रॉनिक जैमर्स, काउंटरमेजर्स, और कई बार एस्कॉर्ट फाइटर जेट्स के साथ चलते हैं. यानी उन पर हमला करना आसान नहीं होता.

फाइटर जेट का हमला: टारगेट लॉक और मिसाइल लॉन्च
अब अगर दुश्मन का कोई तेज और घातक फाइटर जेट जैसे F-35, Rafale या Su-30MKI उस बॉम्बर को ट्रैक कर लेता है, तो वो हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल (AAM) से हमला करेगा. पहली कोशिश यही होगी कि बॉम्बर को गिराया जाए, ताकि वह अपने न्यूक्लियर हथियार टारगेट पर न पहुंचा पाए.

क्या बॉम्बर में विस्फोट होगा?
सबसे बड़ा सवाल यही है, अगर बॉम्बर को हवा में मार गिराया गया, तो क्या उसके अंदर मौजूद न्यूक्लियर मिसाइल फट जाएगी?
जवाब है: नहीं.

न्यूक्लियर हथियारों को ऐसे डिज़ाइन किया गया है कि वे केवल तभी फटते हैं जब एक सटीक प्रक्रिया और कोड के तहत उन्हें “armed” किया जाए. एक हवा में ब्लास्ट, फायर या एक्सीडेंट से वो न्यूक्लियर ब्लास्ट नहीं करते. हां, रेडियोएक्टिव मटेरियल का फैलना ज़रूर हो सकता है, जिसे “dirty fallout” कहते हैं, लेकिन वो भी सीमित होगा.

उसके बाद क्या?
अगर बॉम्बर गिरा दिया गया, तो न्यूक्लियर अटैक टल सकता है. लेकिन ये पूरा घटनाक्रम बहुत ही सेंसिटिव है. क्योंकि…अगर ये किसी युद्ध की शुरुआत में हुआ तो अगला कदम हो सकता है कि दुश्मन अपने सभी न्यूक्लियर हथियार एक्टिव कर दे. ये घटना दूसरे देश के रडार पर “actual launch” या “first strike” जैसी लगे, जिससे न्यूक्लियर रिटैलिएशन शुरू हो सकता है. कुछ न्यूक्लियर हथियार ऑटोमैटिक रेस्पॉन्स मोड में होते हैं. अगर ‘launch platform destroyed’ सिग्नल जाता है, तो सिस्टम खुद मिसाइल फायर कर सकता है. (इसे “Dead Hand” Doctrine कहते हैं)

युद्ध नहीं, सदी का अंत हो सकता है
अगर ऐसी घटना किसी गलती या गलतफहमी में हुई, तो इसका अंजाम तीसरा विश्व युद्ध हो सकता है. और ये युद्ध पारंपरिक नहीं, बल्कि न्यूक्लियर हो सकता है. हजारों बम, करोड़ों जानें और सभ्यता का अंत. यही वो डर है जिसकी वजह से आज तक किसी देश ने न्यूक्लियर बॉम्बर पर हमला करने का जोखिम नहीं लिया.

Sandeep Gupta

पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्‍त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्‍कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...और पढ़ें

पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्‍त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्‍कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...

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First Published :

August 06, 2025, 05:01 IST

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