Last Updated:April 25, 2025, 15:25 IST
Indian Army Story: एक माता-पिता की खुशी का ठिकाना तब नहीं रहता, जब उनके बच्चे उनके ही नक्शे कदम पर चलकर सफलता हासिल कर लें. ऐसी ही कहानी एक लड़की की है, जो AFMC में तीसरी रैंक हासिल करने के साथ ही फ्लाइंग ऑफिसर...और पढ़ें

Indian Army Story: AFMC में तीसरी रैंक लाकर फ्लाइंग ऑफिसर बनी हैं.
हाइलाइट्स
AFMC में तीसरी रैंक हासिल की हैं.इसके साथ ही अब वह फ्लाइंग ऑफिसर बनी हैं.परिवार की तीसरी पीढ़ी की मिलिट्री ऑफिसर हैं.Indian Army Story: बच्चों को आगे बढ़ने की प्रेरणा घर से मिलती है. इसके बाद बच्चे अपने माता-पिता के नक्शे कदम पर चलकर सफलता की कहानी लिख डालते हैं. ऐसी ही कहानी एक कैडेट की है, जिन्होंने आर्म्ड फोर्सेज मेडिकल कॉलेज (AFMC) में बेहतर परफॉर्म करते हुए मेरिट में तीसरी रैंक हासिल की हैं. उनके इस शानदार परफॉर्मेंस से न केवल संस्थान को गौरवान्वित किया, बल्कि अपने परिवार की तीन पीढ़ियों की मिलिट्री सेवा की परंपरा को बरकरार रखी हैं. हम जिनके बारे में बात कर रहे हैं, उनका नाम पोयला घोष (Flying Officer Poyla Ghosh) है.
Indian Army AFMC की रहीं कैडेट
AFMC की कैडेट रही पोयला घोष वर्ष 2020 में AFMC में दाखिल हुई थीं. उस समय उनकी मां कॉलेज के बायकेमेस्ट्री विभाग की प्रमुख थीं. वहीं पोयला बताती हैं कि कैंपस में मां मेरे लिए एक शिक्षक नहीं, बल्कि एक आम कैडेट की तरह थीं. आज जब मैं इस मुकाम पर पहुंची हूं, तो गर्व महसूस हो रहा है कि मैं परिवार की तीसरी पीढ़ी की मिलिट्री ऑफिसर बनी हूं.
आर्म्ड फोर्सेज मेडिकल कॉलेज से मां-बेटी ने की पढ़ाई
आर्म्ड फोर्सेज मेडिकल कॉलेज (AFMC) में तीसरी रैंक पर रहने वाली पोयला घोष के पिता कर्नल अरिजीत कुमार घोष (सेवानिवृत्त), आर्मी इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियो थोरैसिक साइंसेज में कार्डियोलॉजी विभाग के प्रमुख रह चुके हैं. वहीं उनकी मां कर्नल प्रतिभा मिश्रा, नई दिल्ली के आरआर अस्पताल में मॉलिक्यूलर बायोलॉजिस्ट के रूप में कार्यरत हैं. दोनों ने भी AFMC से ही ग्रेजुएशन की पढ़ाई की थी.
10वीं, 12वीं के साथ AFMC एंट्रेस में रहे टॉपर
पोयला ने कक्षा 10वीं की पढ़ाई बिशप स्कूल, उंड्री से और कक्षा 12वीं की पढ़ाई आर्मी पब्लिक स्कूल, दक्षिणी कमान से पास की हैं. वह कक्षा 10वीं, 12वीं दोनों ही परीक्षाओं में टॉप किया है. AFMC प्रवेश परीक्षा में भी उन्होंने दूसरी रैंक प्राप्त की थी. उनके पिता कर्नल अरिजीत कुमार घोष (सेवानिवृत्त) वर्तमान में AIIMS नागपुर में कार्डियोलॉजी विभाग के प्रमुख हैं. उन्होंने बताया कि पोयला के पास सिविल कॉलेजों में जाने के बेहतरीन विकल्प थे, लेकिन उसने हमारी मिलिट्री विरासत को आगे बढ़ाने के लिए AFMC को चुना.
सेना से एयरफोर्स तक का सफर
पोयला शुरू में भारतीय सेना से जुड़ने की इच्छुक थीं, लेकिन AFMC परीक्षा में हाई रैंक प्राप्त करने के बाद जब उन्हें सेवाओं का चयन करने का मौका मिला, तो उन्होंने भारतीय वायु सेना को चुना. वह बताती है कि अपने माता-पिता को सेना में काम करते देखा है. पोयला एक अलग तरह का अनुभव चाहती थी, इसलिए उन्होंने एयरफोर्स का रास्ता चुना है.
अब यहां करेगी यह काम
पोयला घोष भारतीय वायुसेना के कमांड अस्पताल, बेंगलुरु में एक साल की इंटर्नशिप पूरी करेंगी, जहां वे अपनी मेडिकल ट्रेनिंग को और निखारेंगी.
First Published :
April 25, 2025, 15:25 IST