बड़ी साजिश? 2021 में करीब 5% मगर 2024 में 12% हो गई नेपाल की मुस्लिम आबादी

6 hours ago

Last Updated:May 21, 2025, 12:51 IST

Motihari News: अलकायदा, लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया और सिमी जैसे संगठन क्या भारत और नेपाल के लिए कोई बड़ी साजिश रच रहे हैं. यह सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि हाल में पूर्वी चंपारण जिले मे...और पढ़ें

बड़ी साजिश? 2021 में करीब 5% मगर 2024 में 12% हो गई नेपाल की मुस्लिम आबादी

मोतिहारी में पकड़ा गया कोरियाई नागरिक.

हाइलाइट्स

भारत के सीमावार्ती जिलों और नेपाल में मुस्लिम आबादी तेजी से बढ़ी है.भारत-नेपाल सीमा पर दोहरी नागरिकता की साजिश का खेल चल रहा है.भारत और नेपाल सीमा पर सुरक्षा एजेंसियों ने सतर्कता काफी बढ़ा दी है.

मोतिहारी/अवनीश कुमार सिंह. भारत और नेपाल में कितनी बड़ी साजिश चल रही है इसका अंदाजा आपको इस रिपोर्ट से पता लग जाएगा. पहले यह आंकड़ा समझिये. नेपाल की 2021 की जनगणना के अनुसार मुस्लिम आबादी 14 लाख 83 हजार 60 थी और यह कुल आबादी का 5.09 प्रतिशत थी. खास बात यह कि वर्ष 2011 की जनगणना में 4.39 प्रतिशत थी, लेकिन वर्ष 2024 में यह बढ़कर 12 प्रतिशत हो गई है. साफ है कि नेपाल में मुस्लिम आबादी में तेजी से वृद्धि हुई है और इसके पीछे एक बड़ी वजह भारत-नेपाल सीमा क्षेत्र में इन दिनों दोहरी नागरिकता का खेल है. पिछले वर्ष से ही ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिससे यह पता लगा है कि नेपाल और बांग्लादेश के नागरिक फर्जी तरीके से भारत की नागरिकता ले रहे हैं.भारत में इस साजिश को सीमावर्ती रक्सौल और रामगढ़वा में साइबर कैफे वाले अंजाम दे रहे हैं. ये साइबर कैफे वाले नागरिकों के नाम औरपिता का नाम और जन्मतिथि बदल कर नेपाली नागरिकों का महज 3 से 10 हजार रुपए में आधार कार्ड बना दे रहे हैं और वह भी बिना किसी दस्तावेज लिए ही यह काम किया जा रहा है.

रक्सौल के हरैया में एक साइबर संचालक ने बिना दस्तावेज के नेपाली नागरिक के लिए 10 हजार और भारतीय के लिए 8 हजार रुपए लेते हैं तो आधार कार्ड बन जाएगा. उधर, भारत के लोग नेपाल में संघ-संगठनों और रिश्तेदारों की मदद से नेपाली नागरिकता हासिल कर रहे हैं. दोनों देशों की नागरिकता लेकर लोग जनसंख्या बढ़ा रहे हैं. जानकारी के अनुसार, नेपाल के कई संगठन वोट बैंक बढ़ाने के लिए बांग्लादेशी नागरिकों को नेपाली नागरिकता दिलवा रहे हैं. उन्हें छद्म रिश्तेदार बनाकर सरकार पर दबाव बनाया जा रहा है. नेपाली नागरिकता मिलने के बाद बांग्लादेशी नागरिक भारत में आसानी से आ-जा रहे हैं. वहीं, फर्जी आधार कार्ड बनवाकर भारत की नागरिकता लेने का मामला भी आया है. रक्सौल इमिग्रेशन विमाग ने पिछले साल ही में एक बांग्लादेशी नागरिक को गिरफ्तार किया तो पूछताछ में दोहरी नागरिकता का खुलासा हुआ.वहीं, सुरक्षा एजेंसियों को इनपुट है कि अलकायदा, लश्कर-ए- तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया और सिमी जैसे संगठनों के सदस्य भी नेपाल और भारत की नागरिकता ले चुके हैं. वही यह नेपाल सरकार की जांच से इसका खुलासा हो सकता है.

दोहरी नागरिकता के मामले में कई मामले आए हैं

केस 1: भारत में दोहरी नागरिकता के दो बड़े मामले सामने आए हैं. पहला मामला 23 अप्रैल 2024 को रक्सौल में सामने आया. नेपाल से भारत में प्रवेश करते समय गुलाम गौस को गिरफ्तार किया गया. उसके पास भारतीय आधार कार्ड और नेपाली नागरिकता दोनों मिले. आधार कार्ड में नाम गुलाम गौस, पिता मिल हसन, पता सीतामढ़ी जिला के सिरौली रामनगरा वार्ड 8 और जन्मतिथि 1 जनवरी 1996 दर्ज था. नेपाली नागरिकता में पता नेपाल के सरलाही जिला के मलंगवा वार्ड 3 और जन्मतिथि 1 जुलाई 1994 थी.

भारत-बांग्लादेश दोनों का पासपोर्ट और आधार कार्ड

केस 2: दूसरा मामला 14 जुलाई 2024 को सामने आया। रक्सौल से वीरगंज जाते समय एक बांग्लादेशी नागरिक को पकड़ा गया. उसके पास भारत और बांग्लादेश दोनों का पासपोर्ट और आधार कार्ड मिला. भारतीय पासपोर्ट में नाम मोहम्मद जावेद, पता 124/1 एससीएम रोड बैद्दवटी सेमापुर, हुगली, बंगाल और जन्मतिथि 13 फरवरी 1987 थी. बांग्लादेशी पासपोर्ट में नाम जीएम सोहाग, पिता अब्दुर रजाक गाजी, पता बोतल बोनिया, पतुआखाली सदर, जिला पतुआखाली, बांग्लादेश दर्ज था। उस पर भारत में रहकर भारत विरोधी गतिविधियों का आरोप है.

सीमावर्ती क्षेत्रों की चौकसी पुलिस के लिए चुनौती

केस 3: पिछले दिनों मोतिहारी के रक्सौल में एक होटल में छुपकर रह रहे दक्षिण कोरिया नागरिक को भी पुलिस ने जब गिरफ्तार किया उसके पास से आधार कार्ड मिला. नेपाली और भारतीय रूपयों के साथ-साथ आधार कार्ड मिलना पुलिस के लिए चुनौती बन गयी और पुलिस उसे मामले में भी जांच कर रही है कि आखिर इसका आधार कार्ड कहां से बना है.

भारत और नेपाल में रची जा रही बड़ी साजिश

नेपाली नागरिकता लेने वालों में भारत और बांग्लादेश के अलावा अन्य देशों के लोग भी शामिल हैं. दोनों देशों के लोग व्यापार, रियल एस्टेट और बैंक लोन लेकर दिवालिया घोषित हो जाते हैं और फिर दूसरे देश में शरण ले लेते हैं. व्यापार में घाटा बताकर बैंक लोन हजम कर रहे हैं. अपराध कर एक देश से दूसरे देश में छिप जाते हैं. बांग्लादेश और अन्य देशों के नागरिक नेपाल और भारत की नागरिकता लेकर कट्टरपंथ, मादक पदार्थ तस्करी, जाली नोट, मानव तस्करी और लव जिहाद जैसी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहे हैं. नेपाल के रास्ते जिहाद जैसी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहे हैं. नेपाल के रास्ते भारत में अवैध घुसपैठ कर भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने की साजिश रची जा रही है.

नेपाल-भारत में बेतहाशा बढ़ रही मुस्लिम आबादी

पूर्वी चंपारण जिले के एसपी स्वर्ण प्रभात ने लगातार विदेशी नागरिकों के बॉर्डर इलाकों में मिलने को लेकर चिंता जाहिर की है और साथ उन्होंने कहा कि बॉर्डर पर सिक्योरिटी बढ़ा दी गई है. हर आने जाने वाले की पूरी पूछताछ की जा रही है. वैसे विदेशी जो घुसपैठ करने की कोशिश कर रहे हैं या फिर नेपाल भागने की फिराक में है या नेपाल से आने की जुगत में हैं, वैसे लोगों पर पूरी नजर रखी जा रही है. साथ ही किसी भी व्यक्ति के पूरी जांच के बाद ही भारत में प्रवेश किया जा रहा है. बहरहाल, दोहरी नागरिकता के बढ़ते मामलों के बीच भारत-नेपाल सीमा के आसपास मुस्लिम आबादी का बेतहाशा बढ़ना किसी बड़ी साजिश का हिस्सा है. ऐसे में सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता के साथ ही भारत और नेपाल की सरकारों को नई नीति लागू करने की भी जरूरत महसूस की जा रही है.

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Vijay jha

पत्रकारिता क्षेत्र में 22 वर्षों से कार्यरत. प्रिंट, इलेट्रॉनिक एवं डिजिटल मीडिया में महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन. नेटवर्क 18, ईटीवी, मौर्य टीवी, फोकस टीवी, न्यूज वर्ल्ड इंडिया, हमार टीवी, ब्लूक्राफ्ट डिजिट...और पढ़ें

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Motihari,Purba Champaran,Bihar

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