बहुत हो गई बाल मिठाई, कभी आपने अरसे-रोटना खाई, पहाड़ी होते हैं इसके दीवाने

6 hours ago

Last Updated:May 22, 2025, 14:03 IST

सुलोचना रावत ने बताया कि शादी- विवाह, मुंडन औऱ किसी के जन्मदिन पर दाल के पकौड़े, अरसे औऱ रोटना ही बनाये जाते हैं. यह गढ़वाल की परंपरा का एक हिस्सा है. उन्होंने बताया कि यह पहाड़ की मट्ठी या पहाड़ी बिस्किट कहे जा स...और पढ़ें

बहुत हो गई बाल मिठाई, कभी आपने अरसे-रोटना खाई, पहाड़ी होते हैं इसके दीवाने

उत्तराखंड को खास मिठाई.

देहरादूनः अगर आप उत्तराखंड घूमने के लिए आ रहे हैं तो आपको यह पता होगा कि यहां की बाल मिठाई काफी मशहूर है. लेकिन आप इससे अलग उत्तराखंड की पारंपरिक मिठाई रोटना औऱ अरसे का भी स्वाद ले सकते हैं. यह आटे से बनाई जाती हैं, जिनका उपयोग शादी- विवाह में किया जाता है. आप इन्हें ऑनलाइन भी खरीद सकते हैं. यह 200 रुपये प्रति किलो के हिसाब से आपको मिल जाएंगे.

गांवों में चाव से बनाते हैं ये मिठाई

गढ़वाल से ताल्लुक रखने वाली सुलोचना रावत ने बताया कि शादी- विवाह, मुंडन औऱ किसी के जन्मदिन पर दाल के पकौड़े, अरसे औऱ रोटना ही बनाये जाते हैं. यह गढ़वाल की परंपरा का एक हिस्सा है. उन्होंने बताया कि यह पहाड़ की मट्ठी या पहाड़ी बिस्किट कहे जा सकते हैं जो पूरी तरह से हेल्दी होते हैं, इसे रोटना कहा जाता है. रोटना को आटे से बनाया जाता है जबकि अरसे चावल के आटे से बनते हैं. इन दोनों मिठाइयों को शुभ कार्यों में बनाने की गढ़वाल की परंपरा है. उन्होंने कहा कि पहाड़ में आटे और गुड़ से रोटना तैयार किए जाते हैं और हर तीज-त्यौहार पर इन्हें बनाने की सदियों पुरानी रीत है. अगर आप भी मीठा खाने के शौकीन हैं, तो आपको रोटना  पसंद आएगा, इनकी खास बात यह है कि यह लंबे वक्त तक स्टोर किए जा सकते हैं. जब लड़की मायके से ससुराल आती है तो उसे रोटना औऱ अरसे दिए जाते हैं.

जानिए क्या है रेसिपी

सुलोचना बताती हैं कि रोटना बनाने के लिए सबसे पहले गुड़ और पानी की चाशनी तैयार होती है. इसके बाद इसमें गेंहू का आटा, घी, सौंफ, तिल, और नारियल डालकर इसे गूंथकर 10 मिनट के लिए ऐसे ही छोड़ दिया जाता है. इसके बाद छोटे- छोटे लड्डु बनाकर उन्हें सांचो में डालकर इनके सुंदर से आकर दिए जाते हैं और तेल में इन्हें फ्राई करके ठंडा किया जाता है.

लगता है पहाड़ी बिस्किट जैसा

यह  पहाड़ी बिस्किट की तरह नजर आता है. कहा जाता है कि जब विवाह के बाद लड़की मायके से ससुराल आती ह तो बेटियां मुंह मीठा करवाने के लिए इन्हें ले जाती हैं. इसके साथ ही जब दिवाली- होली जैसे बड़े त्योहारों पर जिस तरह लोग लड्डू, बर्फी और रसगुल्ले की मिठाइयां ले जाते हैं, लेकिन पहाड़ों में रिश्तेदारों का मीठा मुंह करवाने के लिए रोटना ही इस्तेमाल होते हैं. अगर आप भी इन्हें खरीदकर अपने साथ ले जाना चाहते हैं तो आप https://www.instagram.com/namakwali?igsh=MTJ4eHhoYXkzZnp1YQ== पर संपर्क कर सकते हैं.

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Prashant Rai

Prashant Rai is a seasoned journalist with over seven years of extensive experience in the media industry. Having honed his skills at some of the most respected news outlets, including ETV Bharat, Amar Ujala, a...और पढ़ें

Prashant Rai is a seasoned journalist with over seven years of extensive experience in the media industry. Having honed his skills at some of the most respected news outlets, including ETV Bharat, Amar Ujala, a...

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