Last Updated:March 07, 2025, 13:43 IST
Illegal Bangladeshi Migrant: बांग्लादेशी युवकों की भारत में मौजूदगी के खिलाफ धर-पकड़ अभियान चलाया जा रहा था. इसी कड़ी में एक भारतीय युवक भी दबोचा गया। यह युवक पुलिस जांच के दौरान चुप रहा और अपने घर का सही पता ...और पढ़ें

बांग्लादेशी बता भारतीय को जेल में डाला. (Representational Picture)
हाइलाइट्स
अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ धर पकड़ की जाती रही है.अच्छे भविष्य की तलाश में बांग्लादेशी भारत में नौकरी करने आते हैं.इसी कड़ी में एक भारतीय को भी अवैध बांग्लादेश बता धर दबोचा गया.नई दिल्ली. पिछले कुछ सालों में अवैध बांग्लादेशियों की भारत में मौजूदगी को लेकर अभियान जोर शोर से चलाया जा रहा है. पड़ोसी देश के लोग आए दिन बेहतर भविष्य की तलाश में तारों के नीचे से भारत में घुस आते हैं और फिर यहां नौकरी करते हैं. इसी कड़ी में पश्चिम बंगाल का रहने वाला श्याम चंद्रपाल भी पुलिस के हत्थे चढ़ गया. करीब छह साल तक वो जेल की सलाखों के पीछे रहा. पुलिस की मुस्तैदी की वजह से वो छह साल बाद कलकत्ता हाईकोर्ट की मदद से जेल से बाहर आ सका है.
पत्नी का कहना है कि उसका पति मानसिक रूप से बीमार है. यही वजह है कि जब पुलिस ने उससे कड़ाई से घर का पता और अन्य डॉक्यूमेंट्स के बारे में पूछा तो वो कुछ नहीं बता पाया. बांग्लादेश प्रशासन की मदद से इस युवक के बारे में वहां जानकारी जुटाने की कोशिश की गई लेकिन क्योंकि वो भारतीय था, इसलिए वहां भी इस शख्स के बारे में कुछ पता नहीं चल सका. ऐसे में वो सालों-साल जेल में सड़ता रहा.
पति के लापता होने से पत्नी और परिवार वाले काफी परेशान थे. इसी बीच उसकी पत्नी तक जैसे-तैसे यह खबर पहुंच गई कि पति बहरामपुर जेल में बंद है. महिला ने जेल प्रशासन से संपर्क किया. हालांकि जेल के रिकॉर्ड में पति का नाम बांग्लादेश निवासी हीरालाल चंद्रपाल बताया गया था. उसने अपने पति को पहचान लिया. जिसके बाद कई सालों तक पति को जेल से बाहर लाने की कवायद चलती रही.
महिला की अपील पर कलकत्ता हाईकोर्ट ने डीजी प्रिजन को इस केस की जांच करने के आदेश दिए गए. दावा किया जा रहा है कि लंबे वक्त तक वकील ही कोर्ट के सामने पेश नहीं हुआ. बाद में सरकारी वकील महिला को दिया गया, जिसके बाद कोर्ट में सुनवाई आगे बढ़ सकी. महिला ने अपने पति की पहचान से संबंधित सुबूतों की लाइन लगा दी, जिसके बाद अंत में अब पति को छोड़ने के आदेश दिए गए हैं.
First Published :
March 07, 2025, 13:43 IST