Last Updated:May 28, 2025, 12:15 IST
Bangladesh China Plan: बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस सरकार चीन की मदद से भारतीय सीमा के करीब अपना एयरबेस दोबारा खोलने की तैयारी कर रही है. यूनुस के इस चीनी प्लान की काट के लिए भारत सरकार ने भी तैयारी शुरू कर दी ह...और पढ़ें

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने चिकन नेक के समीप चीन को एयरफील्ड बनाने का प्रस्ताव दिया है.
हाइलाइट्स
यूनुस सरकार लालमोनिरहाट एयरबेस को दोबारा खोलने की तैयारी कर रही है.यह एयरबेस भारत-बांग्लादेश सीमा पर चिकन नेक से महज 20 KM दूर है.चीनी सैनिकों की मौजूदगी की संभावना इस गले में खंजर जैसी मानी जा रही है.बांग्लादेश में सरकार की कमान मोहम्मद यूनुस के हाथ में आने के बाद से वहां भारत विरोधी गतिविधियों में इजाफा दिखा है. इस बीच खबर आई कि यूनुस सरकार अब रंगपुर डिविजन के लालमोनिरहाट एयरबेस को चीन की मदद से दोबारा खोलने की तैयारी कर रही है. यह एयरबेस भारत-बांग्लादेश सीमा से महज 20 किलोमीटर दूर है, और इससे चीन को भारत के बेहद करीब अपने सैनिक बिठाने का मौका मिल सकता है.
इस खबर ने भारत की रणनीतिक और सैन्य हलकों में चिंता की घंटियां बजा दीं. सबसे बड़ी चिंता तो यह है कि यह एयरबेस भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों को बाकी भारत से जोड़ने वाले सिलीगुड़ी कॉरिडोर के बेहद करीब है. मात्र 22 किलोमीटर चौड़ा यह इलाका ‘चिकन नेक’ कहलाता है, जो भारत की सुरक्षा दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है. ऐसे में चीनी सैनिकों की मौजूदगी की संभावना इस गले में खंजर जैसी मानी जा रही है.
ऐसे में भारत ने यूनुस ने इस चीनी प्लान की काट पर काम करना शुरू कर दिया है. इसी कड़ी में त्रिपुरा के उत्तरी हिस्से में स्थित कैलाशहर एयरपोर्ट को फिर से चालू करने की योजना को अमलीजामा पहनाया जा रहा है. यह एयरपोर्ट 1990 के दशक से बंद पड़ा था, लेकिन अब खबर है कि इसे न केवल नागरिक उड़ानों के लिए तैयार किया जाएगा, बल्कि ज़रूरत पड़ने पर यहां से भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान भी उड़ान भर सकेंगे.
बांग्लादेश बनाने में इसका बड़ा हाथ
कैलाशहर एयरबेस भारत के लिए सिर्फ सामरिक ही नहीं, ऐतिहासिक भी है. वर्ष 1971 के भारत-पाक युद्ध के समय इसी एयरबेस से बांग्लादेश मुक्ति संग्राम की ‘किलो फ्लाइट’ ने उड़ान भरी थी. इस यूनिट ने ही बाद में बांग्लादेश वायुसेना की नींव रखी थी. अब उसी एयरबेस को दोबारा शुरू करके भारत एक बार फिर रणनीतिक इतिहास दोहराने की तैयारी कर रहा है.
बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस सरकार चीन और पाकिस्तान के करीब जाती दिख रही है. शेख हसीना भारत की विश्वसनीय मित्र थीं, लेकिन यूनुस के सत्ता में आने के बाद दिल्ली और ढाका के संबंधों में खटास आ चुकी है.
चाइनीज प्लान की काट पर चल रहा काम
इस लिहाज से देखें तो लालमोनिरहाट एयरबेस को लेकर चाइनीज प्लान भारत के लिए एक सीधी चुनौती है. लेकिन भारत अब इसे जवाब देने के लिए पूरी तरह से तैयार है. कैलाशहर एयरबेस के सर्वेक्षण के लिए 26 मई को एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) की एक उच्चस्तरीय टीम ने दौरा किया और राज्य सरकार के साथ विचार-विमर्श कर पुनर्विकास की प्रक्रिया शुरू कर दी है.
सिर्फ इतना ही नहीं, भारत अब अपने खुद के उन्नत स्टील्थ फाइटर जेट ‘एएमसीए के उत्पादन को भी मंज़ूरी दे चुका है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट प्रोजेक्ट को हरी झंडी दे दी है.
इन तमाम प्रयासों से स्पष्ट है कि भारत अब अपनी सीमाओं के पास चीन के किसी भी दुस्साहस का जवाब देने के लिए पूरी तरह कमर कस चुका है. कैलाशहर का दोबारा शुरू होना केवल एक एयरपोर्ट नहीं, बल्कि भारत की रणनीतिक सोच और संप्रभुता की रक्षा का मजबूत प्रतीक बनकर उभर रहा है.
An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...और पढ़ें
An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...
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