Last Updated:May 26, 2025, 18:18 IST
Amit Shah News: उद्धव ठाकरे और उनकी शिवसेना यूबीटी की अमित शाह ने महाराष्ट्र के नांदेड़ में आलोचना की. उन्होंने कहा कि बाला साहेब ठाकरे होते तो पीएम मोदी को गले लगाते. विपक्ष पर राष्ट्रहित की अनदेखी का आरोप लग...और पढ़ें

अमित शाह ने उद्धव पर निशाना साधा. (File Photo)
हाइलाइट्स
अमित शाह ने नांदेड़ में उद्धव ठाकरे की आलोचना की.शाह ने ऑपरेशन सिंदूर का बचाव किया.विपक्ष पर राष्ट्रहित की अनदेखी का आरोप लगाया.नई दिल्ली. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज महाराष्ट्र के नांदेड़ में एक जनसभा को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे और उनकी पार्टी को आड़े हाथों लिया. पाकिस्तान में भारत की स्ट्राइक के बाद हर कोई सेना के पराक्रम की तारीफ कर रहा है. पाकिस्तान के झूठ की पोल खोलने के लिए कई देशों में ऑल-पार्टी सांसदों के डेलिगेशन भेजे गए हैं. पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधने की कोशिश कर रहे उद्धव के खासम-खास संजय राउत ने हाल ही में इसकी तुलना बारात से कर दी थी. इसपर शाह ने आज कहा कि अगर इस वक्त बाला साहेब ठाकरे जिंदा होते तो पाकिस्तान पर स्ट्राइक के बाद पीएम मोदी को गले से लगा लेते.
गृह मंत्री ने कहा कि इस राष्ट्रहित से जुड़े मुद्दे पर भी विपक्ष राजनीति करने से बाज नहीं आ रहा. शाह ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी ने जब ऑपरेशन सिंदूर की सच्चाई और आतंक के खिलाफ भारत के ठोस कदमों को विश्व पटल पर रखने का निर्णय लिया तो विपक्ष इसे लेकर मजाक उड़ा रहा है. उद्धव ठाकरे की शिवसेना के एक नेता ने इस प्रतिनिधिमंडल की तुलना ‘किसी की बारात’ से कर दी. क्या यह राष्ट्र की गरिमा का अपमान नहीं है?”
बाला साहेब पाकिस्तान पर एक्शन के रहे हैं हिमायती
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने यह भी कहा कि अगर आज बाला साहेब ठाकरे जीवित होते तो वो ऑपरेशन सिंदूर के लिए प्रधानमंत्री मोदी को गले लगा लेते, लेकिन अब उनकी पार्टी मोदी विरोध की अंधी दौड़ में राष्ट्रहित को भी नजरअंदाज कर रही है. “मुझे नहीं पता कि उद्धव सेना को क्या हो गया है. ये वही पार्टी है जिसने कभी पाकिस्तान के खिलाफ सेना की कार्रवाई का खुलकर समर्थन किया था. आज वे हमारे बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल का मजाक उड़ा रहे हैं.”
ऑपरेशन सिंदूर को बताया था चुनावी स्टंट
उद्धव सेना की आलोचना सिर्फ बारात टिप्पणी तक ही सीमित नहीं रही. इससे पहले संजय राउत ने ऑपरेशन सिंदूर को “चुनावी स्टंट” बताकर उसकी गंभीरता पर सवाल खड़े किए थे. केंद्र का कहना है कि प्रतिनिधिमंडल का मकसद है दुनिया को यह बताना कि आतंकवाद के खिलाफ भारत केवल शब्दों में नहीं बल्कि निर्णायक कार्रवाई में भी सबसे आगे है. इसके जरिए पाकिस्तान के झूठे प्रचार अभियान और चीन द्वारा सुरक्षा परिषद में भारत के प्रस्तावों को बार-बार रोकने की रणनीति का भी पर्दाफाश करना है.
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...और पढ़ें
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...
और पढ़ें
बाला साहेब होते तो मोदी जी को गले लगा लेते... उद्धव पर क्यों बरसे अमित शाह?