Last Updated:October 04, 2025, 08:10 IST
Bihar Chunav 2025 : बिहार की राजनीति में एक नया मोड़ आया है. जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने घोषणा की है कि वे आगामी विधानसभा चुनाव में सक्रिय भूमिका निभाएंगे और अपना दम दिखाएंगे. बेतिया में "गो माता संकल्प यात्रा" के दौरान उन्होंने कहा कि बिहार की सभी 243 सीटों पर गौ रक्षा के संकल्प वाले प्रत्याशियों को समर्थन दिया जाएगा.
सनातन और गौ रक्षा पर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की बड़ी घोषणाबेतिया. बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने सनातन राजनीति का बिगुल बजा दिया है और बिहार चुनाव में नई दिशा देने की घोषणा की है. वे सभी 243 सीटों पर गौ रक्षा को संकल्पित उम्मीदवारों को मैदान में उतारेंगे और उनके लिए प्रचार करेंगे. गौ माता को राष्ट्र माता बनाने की मांग के साथ उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि सनातनी राजनीति अपनी पहचान बनाए. उन्होंने साफ कर दिया कि इस बार केवल वे ही उम्मीदवार उनका समर्थन पाएंगे जो गौ रक्षा को लेकर संकल्पित होंगे. शंकराचार्य ने कहा कि वे स्वयं सभी विधानसभा क्षेत्रों में प्रचार करेंगे और जनता को जागरूक करेंगे कि केवल गौ भक्त प्रत्याशियों को वोट दें. दरअसल, राष्ट्रीय दलों के चुप्पी साधने से असंतुष्ट शंकराचार्य ने खुद को एक नए विकल्प के रूप में प्रस्तुत किया है.
गौ माता को राष्ट्र माता बनाने की मांग
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने अपने संबोधन में कहा कि सनातन धर्म की रक्षा तभी संभव है जब हम गौ माता की रक्षा करें. उन्होंने दोहराया कि गौ माता सिर्फ आस्था का विषय नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और समाज की आधारशिला हैं. उनकी सबसे बड़ी मांग है कि गौ माता को राष्ट्र माता का दर्जा दिया जाए. उन्होंने कहा कि इसके लिए वे जनता से समर्थन जुटाएंगे और हर विधानसभा में इसे मुद्दा बनाएंगे.
राष्ट्रीय दलों से असंतोष
शंकराचार्य ने यह भी खुलासा किया कि वे सभी प्रमुख राष्ट्रीय दलों के दिल्ली कार्यालय गए और उनसे यह सवाल पूछा कि वे गौ माता को राष्ट्र माता घोषित करने पर अपना पक्ष क्यों नहीं रखते. लेकिन किसी भी दल ने स्पष्ट जवाब नहीं दिया. उन्होंने कहा कि यही कारण है कि अब गौ भक्तों को चुनावी मैदान में उतारना जरूरी हो गया है.
सभी 243 सीटों पर उम्मीदवार
शंकराचार्य जी ने घोषणा की है कि बिहार की सभी 243 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि नामांकन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद यह स्पष्ट कर दिया जाएगा कि कौन-कौन उम्मीदवार उनकी ओर से चुनाव लड़ेंगे. इसका मतलब यह है कि वे केवल समर्थन ही नहीं देंगे, बल्कि एक राजनीतिक विकल्प भी पेश करेंगे.
सनातनी वोट बैंक पर नजर
शंकराचार्य का यह कदम बिहार के चुनावी समीकरणों में बड़ा असर डाल सकता है. राज्य में पहले से ही जातीय और धार्मिक समीकरण प्रमुख भूमिका निभाते हैं. ऐसे में गौ रक्षा और सनातन के नाम पर राजनीति करने से हिंदू वोट बैंक का ध्रुवीकरण संभव है. सवाल यह भी उठ रहा है कि इससे भाजपा, राजद और जदयू जैसे बड़े दलों के पारंपरिक वोट बैंक पर क्या असर पड़ेगा.
राजनीति में संत का शंखनाद
बहरहाल, जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का साफ संकेत है कि अब चुनावी मैदान में सिर्फ जातीय और राजनीतिक समीकरण ही नहीं, बल्कि आस्था और धार्मिक भावनाओं की भी सीधी परीक्षा होगी. उनका “गौ रक्षा” और “गौ माता को राष्ट्र माता” घोषित कराने का संकल्प न केवल सनातनी मतदाताओं को आकर्षित कर सकता है, बल्कि मुख्यधारा की पार्टियों के लिए नई चुनौती भी बन सकता है. जानकारों की नजर में शंकराचार्य का यह कदम न केवल धार्मिक आधार पर राजनीति को नई दिशा देने वाला है, बल्कि चुनावी समीकरणों में भी बड़ा बदलाव ला सकता है.
पत्रकारिता क्षेत्र में 22 वर्षों से कार्यरत. प्रिंट, इलेट्रॉनिक एवं डिजिटल मीडिया में महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन. नेटवर्क 18, ईटीवी, मौर्य टीवी, फोकस टीवी, न्यूज वर्ल्ड इंडिया, हमार टीवी, ब्लूक्राफ्ट डिजिट...और पढ़ें
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Location :
Bettiah,Pashchim Champaran,Bihar
First Published :
October 04, 2025, 08:10 IST

3 weeks ago
