Last Updated:November 11, 2025, 18:25 IST
Bihar Chunav 2025 Exit Polls: बिहार चुनाव 2025 के एग्जिट पोल से ठीक पहले दूसरे फेज में 67.14 प्रतिशत से ज्यादा मतदान होने की खबर है. जानिए एनडीए और महागठबंधन दोनों इसे अपनी जीत क्यों मान रहे हैं?
बिहार चुनाव के एग्जिट पोल से पहले आई बड़ी खबरपटना. बिहार चुनाव के दूसरे फेज के मतदान समाप्त होने से ठीक पहले एक बड़ी खुशखबरी आई है. यह खुशखबरी बिहार चुनाव में अब तक की सबसे बड़ी खुशखबरी है. बिहार चुनाव में जहां पहले फेज में 64.46 मतदान हुए थे, वहीं दूसरे फेज में शाम पांच बजे तक 67.14 प्रतिशत से ज्यादा वोटिंग हुई है. फाइनल आंकड़ा 70 प्रतिशत क्रॉस कर सकता है. बिहार के चुनावी इतिहास में इतना मत कभी नहीं पड़ा. ऐसे में बड़ा सवाल अगर एग्जिट पोल के नतीजे आएंगे तो किस खेमे में मायूसी छाएगी औऱ किस खेमे में जश्न का माहौल होगा?
बिहार चुनाव 2025 में वोटिंग प्रतिशत में आई तेजी लोकतंत्र में सबसे बड़ी जीत मानी जा रही है. राज्य चुनाव आयोग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, दूसरे चरण के मतदान में शाम 5 बजे तक 67.14 प्रतिशत से भी अधिक मतदान दर्ज किया गया है. यह आंकड़ा बिहार में अब तक हुए किसी भी विधानसभा चुनाव के मतदान प्रतिशत से काफी ऊंचा है.
पहले चरण से बड़ी छलांग
पहले चरण के मतदान के दौरान 64.46 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था, जो पिछले कई चुनावों की तुलना में ज्यादा था. लेकिन दूसरे चरण में मतदान का प्रतिशत 70 पार कर जाना एक अभूतपूर्व घटना हो सकती है. आयोग के अधिकारियों ने पुष्टि की है कि इतनी बड़ी संख्या में मतदाताओं का पोलिंग बूथ तक पहुंचना यह दर्शाता है कि बिहार के लोग इस बार बदलाव या सत्ता को बरकरार रखने को लेकर बेहद गंभीर हैं.
यह महाखुशखबरी किसकी ओर?
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, जब भी किसी चुनाव में मतदान का प्रतिशत अचानक बढ़ जाता है तो यह अक्सर किसी बड़े बदलाव या ‘एंटी-इनकम्बेंसी’यानी सत्ता विरोधी लहर का संकेत होता है. लेकिन इस बार का बिहार चुनाव एसआईआर के बाद हुआ है. ऐसे वोटिंग प्रतिशत बढ़ना एनडीए खेमे में खुशखबरी ला सकता है. एनडीए जहां मोदी-नीतीश के चेहरे पर चुनाव लड़ी. वहीं, आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव और जन सुराज के प्रशांत किशोर नौकरी, पलायन, रोजगार और विकास के मुद्दे पर जोरदार प्रचार किया है.
किस खेमे में खुशी, कहां पसरा सन्नाटा?
एनडीए खेमे को लगता है कि इतना वोट प्रतिशत महिलाओं का अभूतपूर्व समर्थन को दर्शाता है. यह भी संभव है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार द्वारा महिलाओं के लिए किए गए कार्यों से प्रभावित होकर महिला मतदाताओं ने बड़ी संख्या में मतदान किया हो. अगर ऐसा होता है, तो यह एनडीए के पक्ष में जा सकता है.
हालांकि, दूसरे चरण के मतदान में सीमांचल के मुस्लिम बहुल और मिथिलांचल की सीटें शामिल थीं. ओवैसी के आने से मुस्लिम वोटों के ध्रुवीकरण का डर भी महागठबंधन के पारंपरिक वोटरों को बड़ी संख्या में बाहर निकालने के लिए प्रेरित कर सकता है. इतने उच्च मतदान प्रतिशत ने दोनों गठबंधनों के लिए अनिश्चितता बढ़ा दी है. महागठबंधन इसे बदलाव का संकेत मानकर खुश है तो एनडीए इसे अपनी योजनाओं की सफलता बता रहा है.
रविशंकर सिंहचीफ रिपोर्टर
भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले रविशंकर सिंह सहारा समय न्यूज चैनल, तहलका, पी-7 और लाइव इंडिया न्यूज चैनल के अलावा फर्स्टपोस्ट हिंदी डिजिटल साइट में भी काम कर चुके हैं. राजनीतिक खबरों के अलावा...और पढ़ें
भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले रविशंकर सिंह सहारा समय न्यूज चैनल, तहलका, पी-7 और लाइव इंडिया न्यूज चैनल के अलावा फर्स्टपोस्ट हिंदी डिजिटल साइट में भी काम कर चुके हैं. राजनीतिक खबरों के अलावा...
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First Published :
November 11, 2025, 18:25 IST

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