बीजेपी को और मजबूत करने की तैयारी! RSS की ताकत से विपक्ष को देगी पटखनी

2 days ago

हाइलाइट्स

RSS की भूमिका महाराष्ट्र स्थानीय निकाय चुनावों में महत्वपूर्ण होगी.बीजेपी स्थानीय निकाय चुनाव मार्च-अप्रैल तक होने की उम्मीद कर रही है.शिवसेना और NCP में फूट के बाद यह पहला चुनाव होगा.

मुंबई. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद अब सबकी निगाहें वहां होने वाले निगम चुनावों पर लगी है. विधानसभा चुनाव में बीजेपी की अगुवाई वाले महा विकास आघाडी (एमवीए) ने बाजी मारी थी और विपक्षी गठबंधन महायुति को हार का मुंह देखना पड़ा था. लेकिन स्थानीय निकाय चुनावों का समीकरण थोड़ा अलग है, जिसकी वजह से ना सिर्फ बीजेपी को, बल्कि दोनों गठबंधन के सभी 6 दलों को अपनी ही साथी पार्टियों से मुकाबला करना पड़ सकता है.

ऐसे में महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में बीजेपी को भारी जीत दिलाने में मदद करने के बाद, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) अब राज्यभर में होने वाले आगामी स्थानीय निकाय चुनावों में खास भूमिका निभाने के लिए तैयार है. विधानसभा चुनावों में जहां मुख्य रूप से दो गठबंधन – महायुति और महा विकास आघाडी के बीच मुकाबला था, वहीं स्थानीय निकाय चुनावों में बहुकोणीय मुकाबला देखने को मिल सकता है. इन चुनावों में महायुति और महा विकास आघाडी का हिस्सा बनने वाले छह दलों ने संकेत दिया है कि वे स्थानीय चुनावों में अकेले ही मैदान में उतरना चाहेंगे.

दिलचस्प बात यह है कि ये चुनाव शिवसेना और एनसीपी में दो फाड़ होने के बाद पहली बार होंगे. बीजेपी ने अपने मोर्चा संगठनों के बीच तालमेन स्थापित करना शुरू कर दिया है, जिसमें संघ की प्रमुख भूमिका होगी. हाल ही में इस संबंध में भायंदर में एक बैठक का भी आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और राज्य बीजेपी अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने की. इस बैठक में स्थानीय निकाय चुनावों के लिए रणनीतियों पर चर्चा की गई और बीजेपी की तैयारी को मजबूत करने के उपायों पर विचार किया गया.

आरएसएस की भूमिका पहले के स्थानीय चुनावों की तुलना में अधिक महत्वपूर्ण होगी, इस बात को स्वीकार करते हुए एक वरिष्ठ बीजेपी पदाधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, “भायंदर बैठक से जो संदेश निकला वह यह था कि विधानसभा चुनावों में बीजेपी और आरएसएस के साथ मिलकर काम करने से बड़ी सफलता मिली. और हम आत्मसंतुष्ट नहीं हो सकते… पार्टी को आरएसएस के फ्रंटल संगठनों की जरूरत है जिनका जमीनी स्तर पर बड़ा नेटवर्क है.”

हाल ही में, फडणवीस ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि उनके नेतृत्व वाली महायुति सरकार यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रही है कि स्थानीय निकाय चुनाव जल्द से जल्द कराए जाएं, जिसमें ओबीसी कोटा मामले पर सुप्रीम कोर्ट की प्रक्रिया को तेज करना भी शामिल है, जिसने पिछले दो वर्षों से चुनावों को रोक रखा है. इस केस में अगली सुनवाई अगले महीने है.

महाराष्ट्र के सभी 27 नगर निगमों, जिसमें बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) भी शामिल है, के चुनाव होने हैं. इसके अलावा, दो नए गठित निगम, इचलकरंजी और जलना, अपने पहले चुनाव का इंतजार कर रहे हैं. निर्वाचित निकायों की अनुपस्थिति में, सभी नगर निगमों का संचालन सरकार द्वारा नियुक्त प्रशासकों द्वारा किया जा रहा है. पिछली महायुति सरकार के दौरान, विपक्ष ने उस पर स्थानीय निकायों पर कंट्रोल बनाए रखने के लिए चुनावों में देरी करने का आरोप लगाया था, लेकिन विधानसभा चुनावों में भारी जीत के बाद, महायुति अब स्थानीय चुनावों को लेकर अधिक आत्मविश्वास महसूस कर रही है.

बावनकुले ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि वे उम्मीद करते हैं कि स्थानीय निकाय चुनाव “मार्च-अप्रैल में होंगे”. आरएसएस की भूमिका के बारे में उन्होंने कहा, “विधानसभा चुनावों में संघ और उसकी 35 अग्रणी संगठनों की भूमिका महत्वपूर्ण थी. स्थानीय निकाय चुनावों में भी बीजेपी, आरएसएस और उसके सभी अग्रणी संगठनों के साथ मिलकर सक्रिय रूप से काम करेगी.” बावनकुले ने आगे कहा कि बीजेपी – जिसने महाराष्ट्र में कुल 288 विधानसभा सीटों में से 132 सीटें जीतकर मजबूत स्थिति बनाई है – “हम अपने स्थानीय इकाइयों पर गठबंधन थोपेंगे नही, हम यह निर्णय स्थानीय निकायों पर छोड़ देंगे.”

Tags: BJP, Congress, Devendra Fadnavis, Local body elections

FIRST PUBLISHED :

December 29, 2024, 17:55 IST

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