Last Updated:March 27, 2025, 19:23 IST
संसद सत्र: भाजपा सांसद घनश्याम तिवाड़ी ने राज्यसभा में कहा कि भारत को ट्रंप से डरने की जरूरत नहीं, क्योंकि मोदी का "ट्रंप कार्ड" है. भारत-अमेरिका व्यापार तनाव बढ़ रहा है.

सासंद घनश्याम तिवाड़ी ने कहा कि भारत को ट्रंप के टैरिफ से डरने की कोई ज़रूरत नहीं है. (फोटो Sansad TV)
हाइलाइट्स
भारत को ट्रंप से डरने की जरूरत नहीं: तिवाड़ीमोदी का "ट्रंप कार्ड" भारत के पास हैभारत-अमेरिका व्यापार तनाव बढ़ रहा हैसंसद सत्र: राज्यसभा में बोलते हुए, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद घनश्याम तिवाड़ी ने कहा कि भारत को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से डरने की कोई ज़रूरत नहीं है, क्योंकि भारत के पास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का “ट्रंप कार्ड” है. उन्होंने कहा कि मोदी की कूटनीतिक कुशलता और वैश्विक नेतृत्व क्षमता भारत को किसी भी चुनौती का सामना करने में सक्षम बनाती है.
घनश्याम तिवाड़ी की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब भारत और अमेरिका के बीच व्यापार तनाव बढ़ रहा है. ट्रंप प्रशासन ने भारतीय उत्पादों पर टैरिफ लगाए हैं, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार युद्ध की आशंका बढ़ गई है. भारत में इस मुद्दे को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज है. विपक्ष ने सरकार पर ट्रंप प्रशासन के सामने झुकने का आरोप लगाया है, जबकि सरकार ने कहा है कि वह भारत के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है.
भारत एक मजबूत अर्थव्यवस्था- घनश्याम तिवाड़ी
सासंद घनश्याम तिवाड़ी ने कहा कि भारत को ट्रंप के टैरिफ से डरने की कोई ज़रूरत नहीं है, क्योंकि भारत एक मजबूत अर्थव्यवस्था है और उसके पास एक मजबूत नेतृत्व है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार भारत के हितों की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएगी. उन्होंने कहा मोदी एक ऐसा ट्रंप कार्ड है जो दुनिया भर में चलता है. तो इसलिए कोई डरने की बात नहीं है आप निश्चिंत रहो.
तिवाड़ी ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार तनाव को बातचीत के माध्यम से हल किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच मजबूत आर्थिक संबंध हैं और उन्हें नुकसान नहीं पहुंचाया जाना चाहिए.
क्या है ट्रंप टैरिफ?
गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पहले शासनकाल में भारत से आयातित कुछ उत्पादों पर टैरिफ लगाए थे, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार तनाव बढ़ गया था. इन टैरिफों का उद्देश्य अमेरिकी उद्योगों की रक्षा करना था, लेकिन उन्होंने भारतीय निर्यातकों को भी नुकसान पहुंचाया. भारत ने इन टैरिफों का विरोध किया और कुछ अमेरिकी उत्पादों पर जवाबी टैरिफ लगाए. दोनों देशों के बीच व्यापार वार्ताएं हुईं, लेकिन कोई महत्वपूर्ण सफलता नहीं मिली. ट्रंप प्रशासन के समाप्त होने के बाद, नए राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भारत के साथ व्यापार संबंधों को सुधारने के लिए कदम उठाए. हालांकि, टैरिफ अभी भी एक मुद्दा बना हुआ है, और दोनों देशों को एक पारस्परिक रूप से लाभकारी व्यापार समझौते पर पहुंचने के लिए काम करना होगा.
Location :
New Delhi,New Delhi,Delhi
First Published :
March 27, 2025, 19:23 IST