Last Updated:November 08, 2025, 19:43 IST
China Spying: भारत के मिसाइल परीक्षणों से पहले चीन ने हिंद महासागर में अपना हाई-टेक जहाज ‘शेन हाई यी हाओ’ भेज दिया. यह जहाज वैज्ञानिक रिसर्च के बहाने भारत की गतिविधियों की जासूसी कर रहा है. मालदीव को डेस्टिनेशन बताने वाला यह चीनी पोत 7,000 मीटर गहराई तक गोता लगाने में सक्षम है. भारत ने निगरानी बढ़ा दी है.
चीन ‘शेन हाई यी हाओ’ वैज्ञानिक रिसर्च के बहाने भारत की मिसाइल और नौसैनिक गतिविधियों पर नजर रख रहा है. (सांकेतिक फोटो (SCSIO)नई दिल्ली: भारत के मिसाइल परीक्षणों की तैयारियों के बीच चीन ने ऐसा कदम उठा लिया है जिसने हिंद महासागर में तनाव बढ़ा दिया है. नवंबर के पहले सप्ताह में भारत ने बंगाल की खाड़ी में मिसाइल लॉन्च की सूचना (NOTAM) जारी की, तो बीजिंग ने तुरंत अपनी प्रतिक्रिया में एक संदिग्ध समुद्री पोत हिंद महासागर की ओर रवाना कर दिया. यह कदम भारत के रणनीतिक “मूव” से जुड़े महत्वपूर्ण संकेत देता है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन का हाई-टेक डीप-सी रिसर्च वेसल ‘शेन हाई यी हाओ’ (Shen Hai Yi Hao) अचानक हिंद महासागर क्षेत्र में प्रवेश कर गया और उसने मालदीव को अपना डेस्टिनेशन घोषित किया. विशेषज्ञों के अनुसार यह कोई साधारण ‘वैज्ञानिक मिशन’ नहीं, बल्कि भारत के मिसाइल परीक्षणों पर नजर रखने की रणनीतिक कोशिश है. यह एक तरह का “समुद्री जासूसी अभियान है.”
समुद्र में घुसा ड्रैगन का ‘जासूस जहाज’
‘शेन हाई यी हाओ’ पर ‘जियाओलोंग’ नामक एक पनडुब्बी लगी है जो 7,000 मीटर गहराई तक गोता लगा सकती है. यह क्षमता चीन को समुद्र के भीतर से मिसाइल ट्रैकिंग, सिग्नल इंटेलिजेंस और डेटा मॉनिटरिंग की सुविधा देती है. भारतीय रक्षा विश्लेषकों का कहना है कि यह जहाज चीन की उन योजनाओं का हिस्सा है जिनसे वह भारत की सामरिक क्षमता की जासूसी करना चाहता है.
हिंद महासागर में बढ़ी संदिग्ध चीनी गतिविधियां
‘शेन हाई यी हाओ’ अकेला नहीं है. चीन का एक अन्य जहाज ‘लन हाई 201’ (Lan Hai 201) भी इस समय भारतीय समुद्री सीमा के पास देखा गया है. यह जहाज मछली पालन अनुसंधान के बहाने सक्रिय है. लेकिन सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि ये दोनों पोत इंटेलिजेंस सर्विलांस मिशन पर हैं. चीन पहले भी अपने “रिसर्च और फिशिंग वेसल्स” का इस्तेमाल सैन्य जासूसी के लिए करता रहा है.
मालदीव की दिशा क्यों चुनी चीन ने?
भारत के दक्षिणी सिरे के करीब होने के कारण मालदीव सामरिक रूप से बेहद अहम है. हाल ही में भारत-मालदीव संबंधों में आई कड़वाहट का फायदा उठाते हुए बीजिंग वहां अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिश कर रहा है. विशेषज्ञों का मानना है कि मालदीव में इस जहाज की मौजूदगी भारत की मिसाइल रेंज और नौसैनिक गतिविधियों पर नजर रखने का मौका देती है.
भारत की सुरक्षा एजेंसियां सतर्क
अक्टूबर में भारत ने मिसाइल परीक्षण क्षेत्र के आसपास पहले ही NOTAM (Notice to Airmen/Mariners) जारी कर प्रतिबंधित क्षेत्र तय कर दिया था. लेकिन चीनी जहाजों की मौजूदगी के बाद नौसेना और DRDO ने निगरानी और खुफिया डेटा सुरक्षा को मजबूत कर दिया है. भारतीय एजेंसियां अब लगातार इन जहाजों की रियल-टाइम मूवमेंट ट्रैक कर रही हैं.
रणनीतिक संतुलन बिगाड़ने की कोशिश
रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि चीन का उद्देश्य हिंद महासागर में शक्ति संतुलन को चुनौती देना है. यह कदम केवल वैज्ञानिक अनुसंधान नहीं बल्कि भारत के सैन्य और मिसाइल प्रोग्राम पर खुफिया जानकारी जुटाने की कवायद है. इस कारण भारत के लिए यह आवश्यक है कि वह अपने सहयोगी देशों फ्रांस, जापान और अमेरिका (QUAD Partners) के साथ मैरिटाइम सिक्योरिटी कोऑर्डिनेशन बढ़ाए.
भारत का जवाब – निगरानी और साझेदारी दोनों मजबूत
भारतीय नौसेना ने हिंद महासागर में “Mission Based Deployments” के तहत निगरानी बढ़ाई है. यह संकेत साफ है कि भारत न केवल अपने मिसाइल कार्यक्रम को आगे बढ़ा रहा है बल्कि क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा को लेकर अब अधिक सक्रिय और सतर्क है. यह “ड्रैगन की जासूसी” पर भारत का ठोस जवाब है.
Sumit Kumar is working as Senior Sub Editor in News18 Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master's degree in Journalism. Before working in News18 Hindi, ...और पढ़ें
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First Published :
November 08, 2025, 19:43 IST

2 hours ago
