Last Updated:March 27, 2025, 15:59 IST
155 MM की ATAGS को ज्यादा दूरी तक, सटीक और तेज फायरिंग के लिए बनाया गया है. यह पुरानी और छोटे कैलिबर की तोपों की जगह लेगी.

किसी भी युद्ध में ‘तोपें’ जीत में निर्णायक रहती हैं, चाहे द्वितीय विश्वयुद्ध हो या 1999 का भारत-पाक कारगिल युद्ध, या जारी रूस-यूक्रेन युद्ध, तोपों का हमेशा बोलबाला रहा है. भारत ने एक ऐसी स्वदेशी तोप बनाई है जो किसी भी युद्ध का रुख मोड़ सकती है, दुश्मन के छक्के छुड़ा सकती है. आत्मनिर्भर भारत की सोच को मजबूत करते हुए भारतीय रक्षा मंत्रालय ने 26 मार्च 2025 को भारत फोर्ज लिमिटेड (BFL) और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (TASL) के साथ 155 मिमी की ATAGS तोपों की डील साइन की है. 307 तोपों की डील को 60:40 के अनुपात में बांटा गया, जिसमें भारत फोर्ज को 184 और TASL को 123 तोपों का ऑर्डर मिला. 6,900 करोड़ रुपये की डील पर हस्ताक्षर रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह की उपस्थिति में हुए. ATAGS पुरानी और छोटे कैलिबर की तोपों की जगह लेगी और भारतीय सेना के तोपखाने की क्षमता को मजबूत करेगी.
प्रोजेक्ट की नींव कब और कैसे पड़ी
1986-87 में बोफोर्स FH-77B – ‘155 मिमी x 39 कैलिबर’ होवित्जर के बाद भारतीय तोपखाने में कोई नया गन सिस्टम नहीं जोड़ा गया था. वर्ष 2000 के आसपास, भारतीय तोपखाने ने अपने उपकरणों के आधुनिकीकरण और सुधार की दिशा में कदम बढ़ाए, जिसमें ‘155 मिमी x 52 कैलिबर’ गन सिस्टम को शामिल करने पर जोर दिया गया. इसके अलावा, स्व-चालित गन, माउंटेड गन सिस्टम और अल्ट्रा लाइट होवित्जर को भी शामिल करने की योजना थी. भारतीय सेना ने फील्ड आर्टिलरी रेशनलाइजेशन प्लान (FARP) तैयार किया, जिसके तहत ‘155 मिमी x 52 कैलिबर’ की 1,580 टोड आर्टिलरी गन सिस्टम की खरीद की योजना बनाई.
FARP की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए, Armament Research & Development Establishment (ARDE) ने 2009 में ‘155 मिमी × 52 कैलिबर’ टोड आर्टिलरी गन सिस्टम के डिजाइन और विकास के लिए अध्ययन शुरू किया. सितंबर 2012 में, ‘155 मिमी X 52 कैलिबर’ – ATAGS के डिजाइन और विकास के प्रोजेक्ट को मंजूरी मिली. ATAGS को DRDO ने टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (TASL) और भारत फोर्ज लिमिटेड (BFL) के साथ मिलकर विकसित किया है. ATAGS तोप को ज्यादा दूरी तक, सटीक और तेज फायरिंग के लिए बनाया गया है.
ATAGS एक ही समय में कई गोले दागने की क्षमता रखती है, आसानी से ले जाने की सुविधा देती है, तेज़ मूवमेंट, दिन और रात में देखने की क्षमता, अच्छी संचार प्रणाली, और आसान तैनाती व रखरखाव इसकी खासियतें है. ATAGS तोप बहुत तेज़ फायरिंग कर सकती है, यह 2.5 मिनट में 10 गोले और 60 सेकंड में 5 गोले दाग सकती है.
टेक्निकल ट्रायल्स में बनाया रिकॉर्ड
पोखरण फायरिंग रेंज में परीक्षण के दौरान, ATAGS तोप ने बोट टेल गोला-बारूद के साथ 38.5 किमी और बेस ब्लीड गोला-बारूद के साथ 48 किमी तक मार करने का रिकॉर्ड बनाया. दुनियाभर की दूसरी तोपें आमतौर पर 30 किमी और 40 किमी तक ही मार कर पाती हैं.
ATAGS की प्रमुख विशेषताएँ
– स्वचालित गोला-बारूद हैंडलिंग सिस्टम
– शून्य बैकलैश इलेक्ट्रिक ड्राइव के साथ अधिक सटीक और तेज ऑपरेशन
– अधिक विस्फोटक शक्ति के साथ लंबी दूरी तक हमला करने में सक्षम
– अंतरराष्ट्रीय मानकों के साथ संगत और भारतीय सेना के मौजूदा गोला-बारूद का उपयोग करने में सक्षम
– सेल्फ-प्रोपेल्ड – खुद चलने की क्षमता, अधिकतम गति 18 किमी/घंटा
– तेजी से फायर कर तुरंत दूसरी जगह मूव करने की सुविधा, जिससे दुश्मन के जवाबी हमले से बचा जा सके
– किसी वाहन से खींचे जाने पर 80 किमी की रफ़्तार से मोर्चे पर पहुंचने की क्षमता- तैनाती का समय
– दिन में 2.5 मिनट और रात में 3 मिनट में फायरिंग के लिए तैयार
भारतीय सेना का वर्त्तमान तोपखाना
– अल्ट्रा-लाइटवेट होवित्जर (155 मिमी L/39) – M777 होवित्जर
– Haubits FH77 – स्वीडिश 155 मिमी L/45 कैलिबर टोव्ड होवित्जर
– धनुष होवित्जर – 155 मिमी टोव्ड होवित्जर
– Indian Field Gun – 105 मिमी कैलिबर की टोव्ड फील्ड गन
– K9 वज्र-T – 155 मिमी / 52 कैलिबर ट्रैक्ड सेल्फ-प्रोपेल्ड होवित्जर
– रुसी स्मर्च और BM-21 Grad राकेट लॉन्चर
– स्वदेशी पिनाका राकेट लॉन्चर
Location :
Noida,Gautam Buddha Nagar,Uttar Pradesh
First Published :
March 27, 2025, 15:59 IST