हाइलाइट्स
मनमोहन सिंह को लेकर विमल सिंह ने की थी भविष्यवाणी.1997 में विमल सिंह ने कहा था, मनमोहन बनेंगे पीएम.2004 में सच हुई भविष्यवाणी, बने देश के प्रधानमंत्री.
देश के पूर्व प्रधानमंत्री और मशहूर अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह अब लोगों की यादों में जिंदा हैं. गुरुवार 26 जनवरी को उनका निधन हो गया था, जिसके बाद कल यानी शनिवार को वह पंचतत्व में विलीन हो गए. दिल्ली के निगम बोध घाट पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ तिरंगे झंडे में लिपटे पूर्व प्रधानमंत्री के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार किया गया, जहां उनकी बड़ी बेटी ने मुखाग्नि दी.
मनमोहन सिंह के गुजरने के बाद कई लोग उनसे जुड़ी अपनी यादें शेयर कर रहे हैं. इन्हीं लोगों में प्रसिद्ध राजनीतिक रणनीतिकार विमल सिंह भी शामिल हैं. उन्होंने 1997 की जनवरी में मनमोहन सिंह से हुई पहली मुलाकात के बारे में बताया है. एक साधारण से घर के बगीचे में टहलते हुए विमल सिंह ने मनमोहन सिंह से तब कहा था, ‘आप एक दिन भारत के प्रधानमंत्री बनेंगे.’ मनमोहन सिंह को उनकी बातों पर जरा यकीन नहीं हुआ था और उन्होंने विनम्रता से जवाब दिया, ‘मैं एक अर्थशास्त्री हूं, राजनेता नहीं.’ लेकिन यह भविष्यवाणी सात साल बाद 2004 में सच साबित हुई.
बगीचे में टहलते-टहलते क्या हुई बातचीत?
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, राजनीतिक रणनीतिकार और भविष्यवक्ता विमल सिंह ने उस पल को याद करते हुए कहा, ‘हम उनके साधारण से घर में मिले थे. उनके साथ लॉन में टहलते हुए मैंने यह भविष्यवाणी की.’ विमल सिंह को राजनीति, व्यक्तित्व और देश के भविष्य को लेकर उनकी सटीक भविष्यवाणियों के लिए जाना जाता है. उन्होंने बताया कि मनमोहन सिंह की विनम्रता उनके परिवार की खासियत थी. विमल सिंह ने कहा, ‘उनकी पत्नी गुरशरण कौर ने हमें बेहद सादगी और आत्मीयता के साथ कॉफी परोसी.’
विमल सिंह के मुताबिक, 19 नवंबर 1998 को जब बीबीसी लंदन में अपने पहले इंटरव्यू के बारे में उन्होंने मनमोहन सिंह को फोन पर बताया तो वे हैरान रह गए. विमल सिंह ने उनकी सरलता और सुलभता की तारीफ करते हुए कहा, ‘वो कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में शामिल होने वाले थे, फिर भी उन्होंने तुरंत कॉल उठाई और कहा कि वह टेलीकास्ट बाद में देखेंगे.’
2003 में एक और भविष्यवाणी
2003 में पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और उनकी पत्नी सुरिंदर कौर बादल के घर डिनर के दौरान विमल सिंह ने एक बार फिर एक भविष्यवाणी की. वह उन डिनर को याद करते हुए बताते हैं, ‘मनमोहन सिंह के पास वाले घर की ओर इशारा करते हुए मैंने कहा, ‘उनके घर पर रौनक आने वाली है. फिर 2004 में जब मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री बने, तो सुरिंदर कौर बादल ने फोन कर कहा, ‘रौनक आ गई उनके घर पर, विमलजी.’
मनमोहन सिंह का नेतृत्व और उनका योगदान
मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान उनकी नेतृत्व क्षमता सबसे ज्यादा 2007 के इंडो-अमेरिका न्यूक्लियर डील के समय देखने को मिली, जब वामपंथी दलों ने यूपीए सरकार के लिए संकट खड़ा किया. विमल सिंह ने कहते हैं, ‘मैंने लगातार मीडिया में यह भविष्यवाणी की थी कि कांग्रेस सरकार इस संकट से निकल जाएगी, और ऐसा हुआ भी.’
विमल सिंह ने कहा, ‘मनमोहन सिंह की विनम्रता और उनकी सुलभता असाधारण थी. आज की राजनीति में ऐसा व्यक्तित्व दुर्लभ है. वह एक फोन कॉल पर उपलब्ध रहते थे.’ विमल सिंह के लिए मनमोहन सिंह का जीवन आज के नेतृत्व के लिए प्रेरणा है. उन्होंने कहा, ‘उनकी यात्रा से सबसे बड़ा सबक है आभार का महत्व. यही वह गुण है, जिसने उन्हें पार्टी की सीमाओं से परे लोगों का विश्वास दिलाया.’
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FIRST PUBLISHED :
December 29, 2024, 18:33 IST