राजकोट: मानसिक तनाव (Mental stress) और डिप्रेशन आजकल गंभीर समस्या बनते जा रहे हैं. खासकर युवाओं और छात्रों में आत्महत्या के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. इस समस्या का समाधान करने के लिए राजकोट के प्रोफेसर हीरेन मेहता ने एक अनोखी खोज की है. प्रोफेसर मेहता ने एक एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) आधारित डिवाइस विकसित किया है, जो किसी व्यक्ति की मानसिक स्थिति (mental state) को समझ सकता है. यह डिवाइस व्यक्ति के चेहरे के हाव-भाव और आवाज का विश्लेषण करके उसकी मानसिक स्थिति का आकलन कर सकता है. प्रोफेसर मेहता ने इस डिवाइस को पिछले 7-8 महीनों में कड़ी मेहनत करके पेटेंट कराया है. यह डिवाइस अगले 7-8 महीनों में बाजार में उपलब्ध हो सकती है.
किसे मिलेगा फायदा?
बता दें कि यह तकनीक खासतौर पर तीन श्रेणियों के लिए फायदेमंद साबित होगी—गृहिणियों, छात्रों और जेल में बंद कैदियों के लिए. मोबाइल फोन के अत्यधिक उपयोग से छात्रों में गुस्सा और चिड़चिड़ापन बढ़ गया है. इस डिवाइस के जरिए किसी भी व्यक्ति की मानसिक स्थिति को समय रहते समझा जा सकता है और उचित कदम उठाए जा सकते हैं.
मनोवैज्ञानिक हेल्प
प्रोफेसर मेहता के मुताबिक, कई बार लोग बाहर से मुस्कुराते हुए दिखते हैं, लेकिन अंदर गहरे दर्द में होते हैं. कभी किसी से सामान्य बातचीत करते हैं और अगले ही दिन उस व्यक्ति के आत्महत्या की खबर मिलती है. यह डिवाइस ऐसे मामलों को रोकने में मदद कर सकती है.
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मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक अहम कदम
यह खोज मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है. जब से डिप्रेशन और आत्महत्या के मामले बढ़ रहे हैं, यह तकनीक लोगों की जान बचाने में मदद कर सकती है.
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FIRST PUBLISHED :
December 25, 2024, 12:57 IST