Last Updated:February 26, 2025, 17:51 IST
ASIAN HIGHWAY: दुनिया में चीन अपने प्रभाव को बढ़ाने के लिये आतुर है. खास तौर पर भारत के करीबी देशों को अपने कब्जे में करने के लिए कर्ज नीति पर काम कर रहा है. चीन की लिस्ट में पाकिस्तान, नेपाल, म्यांमार, बांग्ला...और पढ़ें

फ्लाइट नही कार से जा सकेंगे थाईलैंड
हाइलाइट्स
म्यांमार में तख्तापलट के बाद एशियन हाईवे का काम रुका.हाईवे का 70% काम पूरा, 2027 तक पूरा करने की डेडलाइन.भारत-म्यांमार-थाईलैंड को सड़क मार्ग से जोड़ेगा हाईवे.ASIAN HIGHWAY: एशियन हाईवे जिसे IMTT (इंडिया म्यांमार थाईलैंड ट्राइलेट्रल) हाईवे के नाम से जाना जाता है. इसका काम शुरू तो बड़ी तेजी से हुआ था. लेकिन अब वह काम पूरी तरह से लटक चुका है. वजह है म्यांमार. 2021 में म्यांमार तख्तापलट के बाद से ही कम बाधित है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुवाहटी में एक कार्यक्रम में IMTT के लटके हुए काम के लिए म्यांमार के अंदहरूनी हालातों को जिम्मेदार ठहराया. मणिपुर के मोरे टाउन से म्यांमार में दाखिल होने वाले इस एशियन हाइवे की सड़कों का काम तो काफी हद तक पूरा हो चुका है. पहले कोरोना ने काम पर ब्रेक लगाया. पिछले दो साल में मणिपुर में तनावपूर्ण हालात ने भी काम की स्पीड़ को धीरे किया. पहाड़ों के बीच से गुजरने वाले उबड खबड सड़के अब ब्लैक टॉप रोड़ में तब्दील हो गयी है.
भारत से थाइलैंड तक सीधी रोड़
1400 किलोमीटर लंबा यह एशियन हाइवे तीन देश भारत, म्यांमार और थाईलैण्ड को सड़क मार्ग से जोड़ेगा. पश्चिम बंगाल के कोलकाता से शुरू होकर सिलीगुडी को क्रॉस करते हुए कूचबिहार होते हुए बंगाल के श्रीरामपुर सीमा से असम में प्रवेश कर रहा है. असम के गुवाहटी से नागालैंड के दीमापुर से कोहिमा होते हुए मणिपुर में चला जाएगा. इंफाल से होते हुए यह हाइवे मोरे टाउन तक जा रहा है. यहां के भारत म्यांमार फ्रेंडशिप ब्रिज के जरिए यह म्यांमार चला जाएगा. मोरे से हाइवे म्यांमार के तामू से होता हुआ यह मैंडाले, यंगून होते हुए सीधे थाईलैंड में प्रवेश कर जाएंगा. इस पूरे हाइवे में सबसे बडा स्ट्रेच भारत में है उसके बाद म्यांमार और फिर सबसे छोटी थाइलैंड में है. थाईलैंड में भी इस हाइवे का काम पूरा हो चुका है भारत. में इसका थोड़ा सा पैच बचा है जबकि म्यांमार में इस हाइवे का तकरीबन 120 किलोमीटर से ज्यादा के पैच में काम पूरा ही नहीं हुआ है.
मोरे में इंटीग्रेटेड चैक पोस्ट भी है तैयार
हाइवे का काम भले ही पूरा नहीं हो सका है. लेकिन भारत ने मणिपुर के मोरे में हाईटेक चैकपोस्ट का काम पूरी कर चुकी है. इस चैकपोस्ट में वीजा सेक्शन, कस्टम और यात्रियों के लिए ठहरने के लिए अलग अलग ब्लॉक तैयार किए जा चुके है. सामान से लदे ट्रकों के पार्किंग और गोडाउन भी तैयार किए जा चुके है. सिक्योरिटी चेक के लिए भी पूरे बंदोबस्त किए गए है.भारत की तरफ से यह तैयारी इसलिए भी पूरी की जा चुकी है क्योंकि इस हाइवे के काम को पूरा करने की डेडलाइन 2027 रखी गई थी. हाइवे 70 फीसदी तैयार हो चुका था. उसके आगे यह बढ़ा ही नहीं. इससे ना सिर्फ बाद भारत से थाईलैंड जाना आसान हो जाएगा.
एक्ट ईस्ट पॉलेसी का महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट
भारत-म्यांमार और थाईलैंड राजमार्ग तीनों देश मिलकर बना रहे हैं. इस परियोजना का प्रस्ताव वाजेपेयी सरकार के दौर में अप्रैल 2002 को पेश किया गया था. यंगून में ट्राइलेट्रल मिनिस्ट्रीयल मीटिंग में पहली बार इसका प्रस्ताव रखा गया था. साल 2014 में मोदी सरकार के आने के बाद लुक इस्ट पॉलेसी को एक्ट ईस्ट पॉलेसी में बदस दिया गया. इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट पर काम तेजी से शुरू हुआ. माना जा रहा है कि इसके पूरा होने के बाद भारत के उत्तर पूर्व क्षेत्र की अर्थव्यवस्था में सुधार आएगा. साथ की चीन की अर्थव्यवस्था पर गहरी चोट भी होगी. चीन का व्यापार एशियाई देशों तक फैला है. जब भारत की इन देशों से लैंड कनेक्टिविटी बढ़ेगी तो चीन पर निर्भरता इन देशों की कम होगी.
First Published :
February 26, 2025, 17:51 IST