Last Updated:April 01, 2025, 13:38 IST
MYANMAR RESCUE OPS: दुनिया में किसी भी जगह कोई आपदा आती है तो सबस पहले मदद का हाथ भारत की तरफ से ही बढ़ाया जाता है. म्यांमार में भूकंप से हुई त्रास्दी में सबसे पहले भारत ने मदद भेजनी शुरू की. भारत सरकार की तरफ ...और पढ़ें

ऑप्रेशन ब्रह्मा जारी, भारतीय सेना ने झोंक दी अपनी ताकत
हाइलाइट्स
भारतीय सेना ने म्यांमार में 200 बेड का फील्ड अस्पताल स्थापित किया.नौसेना के 5वें जहाज पर 440 टन राहत सामग्री लोड की गई.वायुसेना ने अब तक 110 टन से ज्यादा सामग्री भेजी.MYANMAR RESCUE OPS: आपदा में देवदूत बनी भारतीय सेना ने अपने ऑपरेशन को शुरू कर दिया है. सबसे पहले प्रथमिकता थी कि जल्द से जल्द म्यांमार में पीडितों के लिए चिकित्सा व्यावस्था को शरू किया जा सके. सेना ने बड़ी तेजी से मंडाले में 200 बेड का फील्ड अस्पताल स्थापित कर दिया. फील्ड अस्पताल के स्थापित होते ही इसने काम करना भी शुरु कर दिया है. कई घायलों का इलाज इस अस्पताल में किया जा रहा है. खुद मंडाले के मुख्यमंत्री मियो आउंग ने इस फैसेलिटी का दौरा भी किया.
थल सेना फील्ड अस्पताल म्यमांर में
सरकार की तरफ से जैसे ही म्यांमार में ऑपरेशन ब्रह्मा लॉन्च किया गया. सेना हरकत में आ गई . आगरा से भारतीय सेना के 50(I) पैरा ब्रिगेड के फील्ड अस्पताल को म्यांमार में तैनात किया. इस मेडिकल टीम अपने 118 स्पेशलिस्ट रेस्क्यू टीम, उपकरण और कम्यूनिकेशन यूनिट के साथ 29 मार्च को म्यांमार पहुंचा था. मंडाले में इस फील्ड अस्पताल ने ऑपरेशन थियेटर को स्तापित कर दिया. इस फैसेलिटी ट्रॉमा केसा के साथ साथ इमरजेंसी ऑपरेशन को भी बेहतर तरीके से अंजाम दे सकती है. पूरे फील्ड अस्पलात को वायुसेना के 2 C-17 ग्लोब मास्टर के जरिए भेजा गया. एयरपोर्ट पर लैंड होती ही सबसे पहले एक टोही दल ने मंडाले में हालातों का जायजा लिया फिर इसे ऑपरेशनल बेस के तौर पर स्थापित किया गया.
नौसेना का पांचवा जहाज यंगून जाने को तैयार
भारतीय नौसेना ने भी ऑपरेशन के लिए अपने शिप को तैनात कर दिया. नौसेना के इस्टर्न नेवल कमांड से INS सतपुड़ा और INS सावित्र को राहत सामग्री के साथ 29 मार्च को रवाना किया गया. जो कि 31 मार्च को यगून पहुंचा. इन दोनों शिप के जरिए 40 टन राहत समग्री भेजी गई. इसके अलावा अंदमान निकोबार कमांड ने INS कार्मुक और LCU 52 नेवल शिप को 30 मार्च को यंगून के लिए रवाना किया था. इन दोनों शिप में 25 से 30 टन राहत सामग्री भेजी गई थी. 1 अप्रैल को राहत सामग्री के साथ दोनों जहाज यंगून पहुंच गए. भारत की तरफ से भेजी गई राहत सामग्री में पीने का पानी, कपड़े, दवाएं और इमरजेंसी सामान मौजूद है. नौसेना का पांचवा बड़ा जहाज भी लोड किया जा चुका हो. INS घड़ियाल में 440 टन राहत सामग्री लोड किया गया हैं इसमें चावल, खाने का तेल और दवाएं मौजूद है.
वायुसेना बना फर्स्ट रेस्पॉंडर
वायुसेना के विमानों ने सबसे पहले म्यांमार की जमीन पर पहुंचा था. भूकंप के बाद रनवे की क्या हालत है इसकी ठीक जानकारी नहीं थी लेहाजा वायुसेना सबसे पहले C-130 J सुपहहर्क्यूलिस को रवाना किया. सुरक्षित तरीके से लैंड करने के बाद फिर एक के बाद एक एयरक्राफ्ट लान्च किए गए. 1 अप्रैल को भी एक C-130J 16 टन राहत सामग्री जिसमें पानी, दवाए और टेंट भेजे गए हैं. अब तक ऑपरेशन ब्रह्मा में भारतीय वायुसेना ने कुल 4 C-130J और 2 C-17 ग्लोबमास्टर लॉन्च किए. इनके जरिए फील्ड अस्पलात, NDRF की राहत बचाव टीम और राहत सामग्री भेजी गई है. कुल 110 टन से ज्यादा सामग्री और 200 से ज्यादा राहत बचाव टीम के सदस्यों को भेजा गया है.
First Published :
April 01, 2025, 13:38 IST