Last Updated:March 07, 2025, 13:30 IST
Bird Census: तमिलनाडु वन विभाग जल्द ही वार्षिक पक्षी गणना आयोजित करेगा, जिसमें प्रवासी और स्थानीय पक्षियों की संख्या व प्रवृत्तियों का अध्ययन किया जाएगा.

चिड़ियों की जनगणना
तमिलनाडु वन विभाग इस महीने के अंत में वार्षिक राज्य स्तरीय पक्षी गणना करने जा रहा है. यह गणना प्रवासी पक्षियों के आगमन के मौसम के दौरान होगी, जो अक्टूबर से अप्रैल तक रहता है. इस दौरान बड़ी संख्या में पक्षी लंबी दूरी तय कर तमिलनाडु के विभिन्न क्षेत्रों में आते हैं.
विभिन्न आवास स्थलों पर होगी गणना
इस वर्ष की गणना पक्षियों की विभिन्न प्रजातियों और उनकी संख्या को समझने के लिए व्यापक स्तर पर की जाएगी. यह गणना दो चरणों में होगी, जिसमें पहले चरण में आंतरिक और तटीय क्षेत्रों के जलपक्षियों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. यह चरण 8 और 9 मार्च को आयोजित होगा और 1,150 स्थानों पर पक्षियों की गणना की जाएगी. दूसरा चरण 15 और 16 मार्च को होगा, जिसमें संरक्षित क्षेत्रों के भीतर और बाहर रहने वाले स्थलीय पक्षियों की संख्या का आकलन किया जाएगा. इसके तहत 900 स्थानों पर गणना की जाएगी.
वन विभाग का उद्देश्य
इस सर्वेक्षण का मुख्य उद्देश्य पक्षियों की संख्या का आधारभूत डाटा तैयार करना, दोहरी गिनती से बचना और समय के साथ उनके रुझानों को समझना है. हर वन प्रभाग में न्यूनतम 25 स्थानों की गणना की जाएगी, जिससे दीर्घकालिक डेटा संग्रह सुनिश्चित किया जा सके.
तमिलनाडु के जलाशयों की अहम भूमिका
तमिलनाडु के जल स्रोत, जिनमें नदी से जुड़े सिंचाई तालाब से लेकर तटीय नमक उत्पादन क्षेत्र शामिल हैं, प्रवासी पक्षियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं. यह स्थल कठोर सर्दियों से बचने के लिए पक्षियों को विश्राम, भोजन और प्रजनन के लिए उपयुक्त वातावरण प्रदान करते हैं.
गिनती के लिए खास तकनीक अपनाई जाएगी
वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, इस साल मानसून लंबा खिंचने के कारण जलाशयों में जल स्तर अधिक बना रहा, जिससे प्रवासी पक्षियों का आगमन कुछ देर से हुआ. तटीय जलाशयों की गणना के लिए सर्वेक्षणकर्ताओं को अपने स्थानीय वन प्रभाग कार्यालय में पहले से पंजीकरण कराना होगा. गणना के दौरान अधिक सटीकता बनाए रखने के लिए फोटो खींचने की बजाय पक्षियों की संख्या दर्ज करने पर जोर दिया जाएगा.
कैसे होगी गणना
गणना के दौरान विभिन्न विधियों का उपयोग किया जाएगा, जिसमें बड़े समूहों का मोटा अनुमान, व्यक्तिगत गिनती, समूह गिनती और ‘ब्लॉक विधि’ के माध्यम से मिश्रित झुंडों में पक्षियों की संख्या का आकलन किया जाएगा. सटीक आंकड़े सुनिश्चित करने के लिए शून्य गणना और विश्राम स्थलों के सर्वेक्षण को भी शामिल किया जाएगा.
First Published :
March 07, 2025, 13:30 IST
ये राज्य करने जा रही चिड़ियों की जनगणना! दुर्लभ पक्षियों की भी होगी गिनती