Last Updated:April 30, 2025, 12:16 IST
Illegal bangladeshi settlement in Ahmedabad: अहमदाबाद में चंडोला झील के पास बनी 2000 से अधिक अवैध बस्तियों को प्रशासन ने ध्वस्त कर दिया. मुख्य आरोपी फतेह मोहम्मद पठान गिरफ्तार लेकिन मास्टरमाइंड लाला बिहारी फरार...और पढ़ें

अहमदाबाद में बड़े पैमाने पर अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की गई. (सांकेतिक तस्वीर)
हाइलाइट्स
80 जेसीबी मशीनें, 60 डंपर और 2,000 पुलिसकर्मियों के साथ एक्शनकॉलोनी में पावर ग्रिड से खीची गई थी अवैध बिजलीदो दशक से चल रहा था ये पूरा खेल, मगर प्रशासन ने अब की कार्रवाईIllegal bangladeshi settlement in Ahmedabad: गुजरात की राजधानी अहमदाबाद में चंडोला झील के आसपास बनी अवैध बस्तियों को मंगलवार को प्रशासन ने ध्वस्त कर दिया. इन बस्तियों में 2000 से अधिक घर थे और इसे मिनी बांग्लादेश कहा जा रहा था. यह शहर में लंबे समय से चल रहे अवैध बस्तियां बसाने और बिजली चोरी के बड़े रैकेट का नतीजा है. इस रैकेट के मुख्य आरोपी फतेह मोहम्मद पठान को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार कर लिया है. उसका पिता कुख्यात लाला पठान उर्फ लाला बिहारी इस रैकेट का मास्टरमाइंड है. वह अभी फरार है. यह कार्रवाई पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद देश में बढ़ी सुरक्षा चिंताओं के बीच हुई है. इस कार्रवाई में करीब 2,000 अवैध झोपड़ियां ढहाई गईं.
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक लाला बिहारी मूल रूप से अजमेर का रहने वाला है और दो दशक पहले वह अहमदाबाद में बस गया था. वह अवैध प्रवासियों खासकर बांग्लादेशियों के बीच एक फिक्सर के रूप में मशहूर है. पश्चिम बंगाल में एजेंटों के जरिए उसका नाम पूरे इलाके में फैला हुआ है. उसने चंडोला झील के आसपास सरकारी जमीन पर कब्जा कर टिन शेड, कमरे, गोदाम और पार्किंग की सुविधाएं बनाई. वह इन्हें किराए पर देता था. उसने जाली किराया समझौते और बिजली बिलों का इस्तेमाल कर प्रवासियों को भारतीय नागरिकता का झूठा दावा करने में मदद की. पुलिस के अनुसार इस रैकेट से हर महीने 10-12 लाख रुपये की कमाई होती थी.
पावर ग्रिड से खिंचवाया था अवैध बिजली कनेक्शन
लाला और उसके बेटे फतेह ने टोरेंट पावर ग्रिड से अवैध बिजली कनेक्शन दिए, जिससे कंपनी को नुकसान हुआ. इसमें स्थानीय सुरक्षा से भी समझौता किया गया. पुलिस का कहना है कि लाला ने कई महिलाओं को देह व्यापार में धकेल दिया. उसने डरा-धमका कर बस्ती के लोगों का शोषण किया. डर के कारण लोग चुप रहते थे, लेकिन हाल की कार्रवाई ने उसके इस अवैध साम्राज्य को उजागर कर दिया. सोमवार को क्राइम ब्रांच ने अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान लाला के फार्महाउस को खोज निकाला. इसे अवैध बिजली कनेक्शन और किराए से कमाए पैसों से बनाया गया था. इसे जांच के तहत सील कर दिया गया.
मंगलवार तड़के अहमदाबाद नगर निगम की 50 टीमें, 80 जेसीबी मशीनें, 60 डंपर और 2,000 पुलिसकर्मियों के साथ चंडोला झील क्षेत्र में अब तक का सबसे बड़ा अतिक्रमण विरोधी अभियान शुरू किया गया. इस अभियान में सियासतनगर और बंगाली वास जैसी घनी बस्तियों को निशाना बनाया गया. यहां अवैध गतिविधियां और सरकारी जमीन पर कब्जे की शिकायतें मिली थीं. दोपहर तक 2,000 से ज्यादा झोपड़ियां ढहा दी गईं. लाला के फार्महाउस को भी ध्वस्त कर दिया गया. पुलिस ने बताया कि इस क्षेत्र में करीब 2,000 संदिग्ध बांग्लादेशी रहते थे.
सीएम भूपेंद्र पटेल ने की एक्शन की समीक्षा
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और गृह राज्य मंत्री हर्ष सांघवी ने मंगलवार को इस कार्रवाई की समीक्षा की. पुलिस आयुक्त जीएस मलिक और संयुक्त आयुक्त (क्राइम) शरद सिंघल ने इस अभियान की निगरानी की. मलिक ने बताया कि शहर के सभी पुलिस स्टेशन हाई अलर्ट पर थे. डीजीपी विकास सहाय ने कहा कि पहलगाम हमले के बाद अवैध प्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई तेज की गई. अहमदाबाद और सूरत में 6,500 संदिग्ध बांग्लादेशियों को हिरासत में लिया गया, जिनमें से 450 की अवैध स्थिति की पुष्टि हुई.
एएमसी के विपक्षी नेता शहजाद खान पठान ने दावा किया कि उन्होंने 2021 और 2023 में चंडोला झील के अतिक्रमण के बारे में अधिकारियों को चेतावनी दी थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. उन्होंने लाला द्वारा किराए पर दिए गए पार्टी प्लॉट और गोदामों का भी जिक्र किया.
पुलिस ने लाला, फतेह और छह अन्य लोगों के खिलाफ बिजली चोरी, धोखाधड़ी और जालसाजी के लिए एफआईआर दर्ज की है. जांच में पता चला कि 590 जाली पासपोर्ट अवैध प्रवासियों को दिए गए, जिसके बाद कई स्थानीय नेताओं और पुलिसकर्मियों की जांच शुरू हो गई है. यह कार्रवाई चंडोला झील को अवैध कब्जे से मुक्त करने और पर्यावरण संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि अतिक्रमण ने झील की जल धारण क्षमता को 15% तक कम कर दिया था.
First Published :
April 30, 2025, 12:16 IST