Last Updated:February 16, 2025, 22:52 IST
Indian Migrants News: अवैध प्रवासियों के पहले जत्थे को पांच फरवरी को निर्वासित किया गया था. इनमें से अधिकतर लोग पंजाब के थे. कई लोगों ने कहा था कि वे अपने परिवारों के लिए बेहतर जीवन की खातिर अमेरिका जाना चाहते ...और पढ़ें

अब तक 300 से ज्यादा भारतीयों को अमेरिका से निर्वासित किया गया है. (फाइल फोटो)
हाइलाइट्स
दूसरे जत्थे में अमेरिका से 119 प्रवासी भारतीय अमृतसर पहुंचे.महिलाओं और बच्चों को उड़ान के दौरान नहीं बांधा गया.पंजाब के मुख्यमंत्री ने प्रवासियों के लिए व्यवस्था की.नई दिल्ली. अमेरिका से 119 प्रवासी भारतीयों को लेकर अमृतसर एयरपोर्ट पर 15 फरवरी को लैंड हुए प्लेन में उड़ान के दौरान महिलाओं और बच्चों को किसी भी तरह से नहीं बांधा गया था. विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने सीएनएन-न्यूज18 को रविवार को यह जानकारी दी. यह डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन द्वारा अवैध प्रवासियों पर कार्रवाई के तहत अमेरिका से निकाले गए भारतीयों का दूसरा बैच है.
यह उड़ान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वॉशिंगटन में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात के बाद आई है. इनमें से 67 लोग पंजाब के, 33 हरियाणा के, आठ गुजरात के, तीन उत्तर प्रदेश के, दो-दो गोवा, महाराष्ट्र और राजस्थान के हैं, जबकि एक-एक हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर से हैं. सूत्रों के अनुसार, अधिकतर निर्वासित लोग 18 से 30 वर्ष की आयु के हैं.
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अमृतसर के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का दौरा किया और कहा कि उनकी सरकार ने दूसरे बैच के लोगों में से पंजाब के निवासियों को उनके घरों तक पहुंचाने की व्यवस्था की है. उन्होंने कहा, “हमारी गाड़ियाँ उन्हें उनके स्थानों तक ले जाने के लिए तैयार हैं.”
भारत में आए पहले अमेरिकी उड़ान के बाद हथकड़ी विवाद
5 फरवरी को भारतीय प्रवासियों को लेकर एक अमेरिकी वायुसेना का विमान अमृतसर पहुंचा था. विमान में कुल 104 भारतीय नागरिक सवार थे और कईयों ने दावा किया कि यात्रा के दौरान उनके हाथ और पैर बंधे हुए थे और उन्हें केवल अमृतसर में उतरने के बाद ही खोला गया. विपक्ष ने प्रधानमंत्री मोदी से वॉशिंगटन की यात्रा के दौरान इस मुद्दे को अमेरिका के साथ उठाने की मांग की थी. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आरोप लगाया कि भारतीय प्रवासियों के साथ “कचरे से भी बदतर” व्यवहार किया गया.
अवैध भारतीय प्रवासियों के पहले जत्थे में 33-33 हरियाणा और गुजरात से थे, जबकि 30 पंजाब से थे. निर्वासित लोगों के परिजनों ने बताया कि उन्होंने कृषि भूमि और मवेशियों को गिरवी रखकर धन जुटाया ताकि उन्हें उज्ज्वल भविष्य के लिए विदेश भेजा जा सके. लेकिन भारत लौटने के साथ ही उनका सपना अब टूट चुका है.
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
February 16, 2025, 22:37 IST