रान्या राव की मासूमियत की डीआरआई ने खोली पोल! गोल्ड कंपनी चलाने का राज खुला

10 hours ago

Last Updated:March 18, 2025, 17:21 IST

Ranya Rao Case: सोने की तस्करी में पकड़ी गई रान्या राव के मासूम बनने की कोशिश पर डीआरआई ने पानी फेर दिया है. डीआरआई ने खुलासा किया है कि रान्या राव अपने एक दोस्त के साथ दुबई में एक सोने की कंपनी चलाती थीं और उस...और पढ़ें

रान्या राव की मासूमियत की डीआरआई ने खोली पोल! गोल्ड कंपनी चलाने का राज खुला

सोने की तस्करी में शामिल रान्या राव दुबई में गोल्ड कंपनी चला रही थीं. (Image:News18)

हाइलाइट्स

सोने की तस्करी में पकड़ी गई रान्या राव की पोल डीआरआई ने खोली है. रान्या राव अपने एक दोस्त के साथ दुबई में सोने की कंपनी चलाती थीं.डीआरआई ने खुलासा किया है कि उसके जरिये सोने की तस्करी की जाती थी.

बेंगलुरु. सोने की तस्करी मामले में मुख्य आरोपी रान्या राव ने खुद को बेकसूर बताया है. उन्होंने कहा है कि वो तो बस एक ‘कैरियर’ थीं और दबाव में काम कर रही थीं. लेकिन राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) की जांच में ये बातें झूठी साबित हुई हैं. डीआरआई को पता चला है कि रान्या एक बड़े तस्करी गिरोह का हिस्सा थीं और ये गिरोह कई सालों से काम कर रहा था. डीआरआई के मुताबिक, रान्या और उनके साथी आरोपी तरुण राज कोंडुरु दुबई में ‘वीरा डायमंड्स ट्रेडिंग एलएलसी’ नाम की एक सोने की कंपनी चलाते थे. दोनों कॉलेज के दिनों से एक-दूसरे को जानते थे और 2023 में उन्होंने बिजनेस पार्टनर बनकर ये कंपनी शुरू की थी.

इस मामले में दूसरे नंबर के आरोपी कोंडुरु रान्या की तरफ से सारा काम देखते थे. कोंडुरु से पूछताछ में डीआरआई को पता चला कि रान्या अपने परिवार के लोगों की मदद से सोने का बिजनेस विदेशों तक फैला रही थीं. रान्या के बैंकॉक और जिनेवा में बड़े-बड़े ग्राहक थे. वो दोहा और जिनेवा से सोने की छड़ें खरीदती थीं और दुबई के खातों से विदेशी मुद्रा में पेमेंट करती थीं. डीआरआई अब इन विदेशी लेनदेन और कस्टम घोषणाओं की जांच कर रही है. इससे पता चलेगा कि तस्करी कितने बड़े पैमाने पर हो रही थी.

ऐसे होती थी तस्करी
कर्नाटक पुलिस में डीजीपी रान्या के पिता रामचंद्र राव से भी डीआरआई पूछताछ कर सकती है. इस मामले में नाम आने के बाद कर्नाटक सरकार ने उन्हें ‘अनिवार्य अवकाश’ पर भेज दिया है. डीआरआई सूत्रों के मुताबिक, प्लान ये था कि पहले दुबई में सोना मंगाया जाए, फिर वहां निवेश किया जाए और आखिर में सोने को भारत भेजा जाए. रान्या ने एचडीएफसी बैंक खाते से कंपनी में 8-10 लाख रुपये लगाए थे. सूत्रों का कहना है कि रान्या को इस निवेश की वजह से दुबई का निवास कार्ड मिला. इससे उन्हें यूएई में बिना वीजा के आने-जाने की सुविधा मिल गई और सोने की खेप भेजना आसान हो गया.

‘हर जगह सोना छुपाया, जहां…’ रन्या राव के गोल्ड स्मगलिंग पर ये क्या बोल गए बीजेपी विधायक, मच गया बवाल

दुबई के कानून का उठाती थीं फायदा
सूत्रों ने बताया कि कंपनी दुबई में सोना आयात करती थी और यूएई में सोने पर लगने वाले शून्य आयात शुल्क का फायदा उठाती थी. अप्रैल 2024 से जिनेवा और बैंकॉक से सोना मंगाया जा रहा था. रान्या ने कोंडुरु के अमेरिकी पासपोर्ट का भी फायदा उठाया. वो कोंडुरु के नाम पर दुबई कस्टम में सोने की खेप क्लियर करवाती थीं क्योंकि उन्हें वीजा की जरूरत नहीं होती थी. यात्रा और बैंक खातों के रिकॉर्ड से पता चलता है कि कोंडुरु की फ्लाइट टिकट और होटल बुकिंग अक्सर रान्या के अमेरिकन एक्सप्रेस कार्ड से होती थी. डीआरआई की जांच में तस्करी के जरिए बड़े पैमाने पर वित्तीय धोखाधड़ी का भी खुलासा हुआ है. रान्या का कहना है कि वो दुबई में सोना बेच रही थीं, लेकिन रिकॉर्ड बताते हैं कि असल में वो भारत में सोना आयात कर रही थीं. बताया जाता है कि पिछले एक साल में उन्होंने कम से कम 27 बार दुबई की यात्रा की और हर बार बिना कस्टम को बताए सोना लाती रहीं.

First Published :

March 18, 2025, 17:17 IST

homenation

रान्या राव की मासूमियत की डीआरआई ने खोली पोल! गोल्ड कंपनी चलाने का राज खुला

Read Full Article at Source