Last Updated:February 25, 2025, 20:21 IST
MANIPUR NEWS: पिछले दो साल से सेना और अन्य सुरक्षाबल मणिपुर के हालातों को दुरुस्त करने में जुटे हैं. तकरीबन 2 साल पहले शुरू हुए तनाव में सुरक्षाबलों के 6000 से ज्यादा हथियारों को लूट लिया गया था. कुकी और मैयती ...और पढ़ें

भारत म्यांमार बॉर्डर पर सेना के वरिष्ठ अधिकारी
हाइलाइट्स
मणिपुर में राष्ट्रपति शासन के बाद हालात सुधरे.DGMO ने मणिपुर और भारत-म्यांमार बॉर्डर का दौरा किया.लूटे गए हथियारों की वापसी शुरू हुई.MANIPUR NEWS: मणिपुर में बीरेन सिंह के सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद वहां राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया है. दो साल से ज्यादा तक चले सामुदायिक हिंसा के दौर के बाद अब हालात में सुधार तेजी से नजर आ रहा है. राष्ट्रपति शासन लगने के बाद पहली बार सेना के वरिष्ठ अधिकारी ने मणिपुर का दौरा किया. भारतीय सेना के डायरेक्टर जनरल मिलिटरी ऑपरेशन (DGMO) ले.जनरल राजीव घई ने मणिपुर और भारत म्यांमार बॉर्डर पर सुरक्षा हालातों का जायजा लिया. दो दिन के इस दौरे में बॉर्डर इन्फ़्रास्ट्रक्चर से लकेर मौजूद सुरक्षा हालातों और सेना के ऑपरेशन की समीक्षा की.
लूटे हथियार हो रहे हैं वापस
राष्ट्रपति साशन लगाए जाने के बाद राज्यपाल ने 20 फरवरी को मणिपुर में सुरक्षाबलों से लूटे गए हथियारों को वापस करने को कहा था. 7 दिन का अल्टिमेंटम भी जारी किया गया है. इसमें वैली और हिल में रहने वाले समुदायों से दरख्वास्त की गई है कि सुरक्षाबलों से लूटे गए हथियार, गोला बारूद और अवैध हथियारों को वापस लौटा दे. पुलिस स्टेशन, आउट पोस्ट या फिर सुरक्षाबलों के कैंप में जमा कराने की हिदायद दी गई है. साथ ही यह भी आश्वासन दिया गया है कि किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी. लेकिन 7 दिन के बाद किसी के पास से भी हथियार मिले तो उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी. राज्यपाल के इस अपील का असर भी दिखाई देने लगा है. कई जिलों में लूटे और अवैध हथियारों को लोग लौटाने भी लगे हैं. साथ ही सुरक्षाबल भी लगातर मैदानी और पहाड़ी इलाकों में सर्च ऑपरेशन को जारी रखे हुए है.
10 साल में पूरे भारत म्यांमार बॉर्डर होगी बाड़
म्यांमार में सैनिक शासन है. 2021 में वहा की सेना ने आंग सांग सू ची सरकार की तख्ता पलट कर दिया था. उसके बाद से वहां के हालात ठीक नहीं है. उग्रवादी संगठन भारत म्यांमार सीमा के पास एक्टिव है. म्यांमार की सेना जब भी इन उग्रवादी संगठनों के खिलाफ कोई ऑपरेशन चलती है तो वहां से लोगों का भारत में घुसपैठ बढ़ जाती है. इसी बॉर्डर से ड्रग, हथियार और उग्रवादी भी भेजे जाते हैं. इस तरह की घुसबैठ को हमेशा के लिए रोकने के लिए पूरे भारत म्यांमार अंतर्राष्ट्रीय पर बाड़ लगाने का काम जारी है. भारत म्यांमार सीमा की कुल लंबाई 1643 किलोमीटर है. म्यामार भारत के चार राज्यों जिसमें मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश से लगती है. पूरी बॉर्डर खुला हुआ है. मणिपुर के मोरे में सिर्फ 10 किलोमीटर तक ही बाड़ लगी है. सरकार ने लक्ष्य रखा है कि अगले 10 साल के अंदर पूरी सीमा पर बाड़ लगाने का काम को पूरा करना है. बॉर्डर रोड ऑर्गेनेइजेशन को इस काम का जिम्मा दिया गया है. इस पूरे प्रोजेक्ट की लागत 20 हजार करोड़ रुपये के करीब है. बाढ़ लगाने के 11 हजार करोड़ रुपये उस इलके की सड़को को बनाने में खर्च होने है.
फ्री मूवमेंट रिजीम एग्रिमेंट किया गया रद्द
उत्तर पूर्व के इलाकों में शांति और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए 8 फरवरी 2024 को फ्री मूवमेंट रिजीम एग्रीमेंट को रद्द कर दिया. भारत और म्यांमार के बीच इस एग्रिमेंट के तहत बार्डर के पास रहने वाले दोनों देशों के लोग 16 किलोमीटर तक बिना विजा के आ जा सकते थे. अगर कोई इलाज के लिए आ रहा है तो वह 14 दिन तक रह भी सकते थे. सीमा के पास रहने वाले समुदाय के परिवार और रिश्तेदार बॉर्डर के दोनों तरफ रहते है. कोरोना के दौर में चलते म्यांमार के साथ FMR बंद कर दी गई. म्यांमार में तख्ता पलट के बात से अनिश्चितकाल के लिए ताला जड़ गया था. अब पूरी तरह से इस एग्रिमेंट को ही रद्द कर दिया गया है. म्यांमार में सेना के तख्तापलट के बाद 30 हजार से ज्यादा लोगों ने भारत में शरण ली है.
First Published :
February 25, 2025, 20:21 IST