Last Updated:September 19, 2025, 16:04 IST
Delay in ITR Refund : इनकम टैक्स रिफंड आने में इस बार काफी देर हो रही है. खासकर 50 हजार से ज्यादा के रिफंड में बहुत समय लग रहा है. आयकर विभाग ने खुद इसकी वजह बताई है.

नई दिल्ली. इनकम टैक्स विभाग ने इस साल आईटीआर भरने की तारीख तो बढ़ा दी, लेकिन रिफंड में बहुत देरी कर रहा है. हजारों की संख्या में टैक्सपेयर की यही शिकायत है कि आईटीआर भरने के कई सप्ताह बाद भी उनका रिफंड नहीं आ रहा है. अब आयकर विभाग ने खुद इसकी वजह बताई है. आईटीआर भरने की डेडलाइन भी 15 सितंबर को पूरी हो चुकी है. इसके बाद भी रिफंड आज तक नहीं आया है.
टैक्स मामलों के जानकारों का कहना है कि सबसे ज्यादा देरी 50 हजार रुपये से ज्यादा के रिफंड में हो रही है. आयकर नियमों के अनुसार, रिफंड की कोई अपर लिमिट नहीं होती, चाहे 5 हजार का हो या 1 लाख रुपये का. हालांकि, एक्सपर्ट का कहना है कि बड़े रिफंड को कई बार ज्यादा चेक करने की जरूरत पड़ती है, जिसकी वजह से पैसे आने में देरी होती है. लिहाजा यह कहना पूरी तरह सही नहीं है कि 50 हजार से ज्यादा के रिफंड देर से आते हैं.
किसे मिलता है जल्दी रिटर्न
टैक्स एक्सपर्ट का कहना है कि जो करदाता जल्दी रिटर्न फाइल करते हैं, उनका रिफंड भी जल्दी प्रोसेस हो जाता है और पैसा उनके खाते में भी आ जाता है. कई टैक्सपेयर अपना ई-वेरिफिकेशन घंटेभर में पूरा कर देते हैं, उनका रिफंड भी कुछ ही दिनों के भीतर आ जाता है. कुछ मामलों में तो उसी दिन रिफंड मिल जाता है, जिस दिन रिटर्न फाइल किया जाता है. हालांकि, जिन लोगों ने 15 या 16 सितंबर को अपना रिटर्न दाखिल किया, उन्हें हैवी ट्रैफिक का सामना करना पड़ा. उनका ई-वेरिफिकेशन भी देरी से हुआ और रिफंड प्रोसेस होने में काफी टाइम लगा.
कितने दिन में आता है रिफंड
इनकम टैक्स विभाग ने खुद बताया है कि ज्यादातर रिफंड ई-वेरिफिकेशन के 2 से 5 सप्ताह के बीच प्रोसेस हो जाते हैं और पैसा भी खाते में आ जाता है. जिन लोगों का सिंपल रिटर्न भरा जाता है, मतलब सिर्फ सैलरी और स्टैंडर्ड डिडक्शन के जरिये ही कमाई होती है, उनका रिफंड प्रोसेस भी जल्दी हो जाता है. ऐसे करदाताओं का रिफंड भी जल्दी आ जाता है.
क्यों होता है रिफंड में देर
रिफंड में ज्यादातर देरी अधूरी डिटेल या फिर दी गई डिटेल में मिसमैच होने की वजह से होती है. जिन लोगों के रिफंड में देरी हुई है, उनमें ज्यादातर कारण पैन, आधार और बैंक डिटेल की गलतियों से जुड़े हैं. इसके अलावा कुछ लोग ऐसे बैंक अकाउंट की डिटेल देते हैं, जो इनवैलिडेट नहीं होते हैं. कुछ मामलों में बैंक की आईएफएससी कोड गलत हो जाता है तो कुछ मामलों में बंद हुए बैंक खाते की डिटेल डाल देते हैं. कई मामलों में तो टीडीएस के आंकड़े भी गलत हो जाते हैं. ऐसे में जिन आईटीआर की स्क्रूटनी होती है, उनका रिफंड आने में भी देरी होती है.
जल्दी रिफंड के लिए क्या सावधानी
टैक्स एक्सपर्ट का कहना है कि रिफंड के लिए उसकी साइज से कोई लेनादेना नहीं है. अगर आपकी सारी जानकारियां सही हैं और पैन-आधार लिंक है तो फिर आपके रिफंड का पैसा तय समय के भीतर ही आ जाएगा. बड़े रिफंड को बस ज्यादा स्क्रूटनी की जरूरत होती है. यही वजह है कि रिफंड में देरी हो जाती है. इस देरी से बचने के लिए बेहतर होगा कि जल्दी रिटर्न भरा जाए, ताकि प्रोसेस होने में आसानी हो और ट्रैफिक का ज्यादा दबाव न हो.
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...
और पढ़ें
न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
September 19, 2025, 16:04 IST