रूस के बयान से बौखला जाएगा अमेरिका, डोनाल्ड ट्रंप का पैंतरा नहीं आया काम

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Last Updated:November 06, 2025, 18:08 IST

Russia India US: अमेरिका के प्रतिबंधों के बावजूद भारत रूस से रोजाना 1.75 मिलियन बैरल फीडस्टॉक खरीद रहा है, डोनाल्ड ट्रंप और डेनिस अलीपोव के बयान चर्चा में हैं. पिछले महीने, ट्रंप ने रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर मॉस्को की सबसे बड़ी तेल कंपनियों, रोसनेफ्ट और लुकोइल, पर प्रतिबंधों की घोषणा की थी.

रूस के बयान से बौखला जाएगा अमेरिका, डोनाल्ड ट्रंप का पैंतरा नहीं आया कामविदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और रूस के बीच तेल व्यापार रोकने की भरपूर कोशिश की है, फिर चाहे वह रूसी तेल कंपनियों पर प्रतिबंध लगाना हो या फिर भारत के ऊपर टैरिफ के जरिए दबाव बनाना. इस बीच भारत में रूसी राजदूत डेनिस अलीपोव ने कहा है कि मॉस्को की दो सबसे बड़ी तेल कंपनियों पर अमेरिकी प्रतिबंधों के बावजूद भारत ‘भारी मात्रा में’ फीडस्टॉक खरीद रहा है.

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कई बार इस बात का दावा किया है कि भारत ने रूस से तेल खरीदना बंद कर दिया या कम कर दिया है. हालांकि, भारत ने इन दावों से इनकार किया. बता दें, हाल ही में अमेरिका ने दो रूसी तेल कंपनियों पर प्रतिबंध भी लगाए हैं.

वहीं, रूसी मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में, अलीपोव ने कहा कि अक्टूबर 2025 के अनुमान के अनुसार, भारत द्वारा रूसी फीडस्टॉक की खरीद लगभग 1.75 मिलियन बैरल प्रतिदिन के स्तर पर ही रहेगी. अलीपोव ने आगे कहा, “यह आंकड़ा पहले भी उछला था, अब भी उछल रहा है. कुछ महीनों में ज्यादा और कुछ में कम, औसतन लगभग उसी स्तर पर रहा है.”

पिछले महीने, ट्रंप ने रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर मॉस्को की सबसे बड़ी तेल कंपनियों, रोसनेफ्ट और लुकोइल, पर प्रतिबंधों की घोषणा की थी. प्रतिबंधों की घोषणा करते समय स्कॉट बेसेंट ने कहा था, “अब समय आ गया है कि हत्याएं रोकी जाएं और तत्काल युद्धविराम किया जाए.”

अमेरिका का कहना है कि रूस व्यापार से मिलने वाले पैसों का इस्तेमाल यूक्रेन के खिलाफ हमले करने में खर्च करता है. ऐसे में आर्थिक रूप से रूस को तोड़ने की कोशिशों में ट्रंप सरकार लगातार दबाव बनाने की कोशिश कर रही है.

भारत में सूरजमुखी के तेल का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है. पिछले चार वर्षों में रूसी सूरजमुखी तेल की आपूर्ति यूक्रेन की तुलना में भारत में बारह गुना ज्यादा हो गई है. 2022 में रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध छिड़ने के बाद से, कीव का सूरजमुखी तेल निर्यात बड़े पैमाने पर यूरोप की ओर मुड़ गया है. इससे रूस को भारत के विशाल बाजार में प्रवेश करने का मौका मिला है.

Rakesh Ranjan Kumar

राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...और पढ़ें

राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...

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Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

November 06, 2025, 17:46 IST

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